Home Loan वालों के लिए जरूरी खबर, बच सकते हैं लाखों रुपए...

Edited By Updated: 29 Oct, 2025 08:01 PM

fixed or floating  one wrong decision 20 years of hardship on the pocket

घर खरीदना हर इंसान का बड़ा सपना होता है, लेकिन इस सपने के साथ सबसे बड़ा सवाल आता है- होम लोन की ब्याज दर फिक्स्ड लें या फ्लोटिंग? पहली नज़र में ये फैसला मामूली लगता है, लेकिन यही चुनाव आने वाले 15-20 साल तक आपकी EMI, बचत और मानसिक शांति- तीनों पर...

नेशनल डेस्क: घर खरीदना हर इंसान का बड़ा सपना होता है, लेकिन इस सपने के साथ सबसे बड़ा सवाल आता है — होम लोन की ब्याज दर फिक्स्ड लें या फ्लोटिंग? पहली नज़र में ये फैसला मामूली लगता है, लेकिन यही चुनाव आने वाले 15-20 साल तक आपकी EMI, बचत और मानसिक शांति — तीनों पर असर डाल सकता है।

फिक्स्ड रेट: स्थिरता की कीमत थोड़ी ज्यादा

फिक्स्ड रेट होम लोन में आपकी EMI हर महीने एक समान रहती है। बाजार ऊपर जाए या नीचे- आपकी किस्त तय रहती है। इससे बजट बनाना आसान होता है और मन में एक स्थिरता रहती है। लेकिन इस स्थिरता की कीमत चुकानी पड़ती है- आमतौर पर फिक्स्ड रेट लोन की ब्याज दर फ्लोटिंग रेट से 1 से 1.5% ज्यादा होती है। अगर भविष्य में बाजार दरें घटती हैं, तो फिक्स्ड रेट वाले उसका फायदा नहीं उठा पाते। यानि बाकी लोग कम EMI भर रहे होते हैं, और आप वहीं पुराने उच्च ब्याज पर फंसे रहते हैं।

फ्लोटिंग रेट: बचत की उम्मीद, पर अनिश्चितता का डर

फ्लोटिंग रेट लोन बाजार और RBI की नीतियों पर निर्भर करता है। जब ब्याज दरें घटती हैं, तो आपकी EMI भी घट जाती है- यह इसका सबसे बड़ा फायदा है। लेकिन अगर RBI दरें बढ़ा दे, तो EMI अचानक बढ़ सकती है, जिससे मासिक बजट बिगड़ सकता है।

फिर भी, लंबे समय के नजरिए से देखें तो फ्लोटिंग रेट अक्सर फिक्स्ड से सस्ता साबित होता है, क्योंकि दरें हमेशा ऊंची नहीं रहतीं।

क्या फिक्स्ड से फ्लोटिंग पर शिफ्ट होना सही रहेगा?

अगर आपने पहले ऊंची फिक्स्ड रेट पर लोन लिया था और अब बाजार दरें कम हो चुकी हैं, तो बैलेंस ट्रांसफर एक समझदारी भरा कदम हो सकता है। इसका मतलब है- आप अपना लोन किसी दूसरे बैंक में ट्रांसफर कर दें जो कम ब्याज दर दे रहा हो। सिर्फ 0.5% से 1% की दर में कमी से ही पूरे लोन अवधि में लाखों रुपये की बचत हो सकती है। हालांकि, ध्यान रखें कि बैंक ट्रांसफर फीस या प्रोसेसिंग चार्ज भी लेते हैं, इसलिए फैसला सोच-समझकर लें।

किसके लिए कौन-सा विकल्प बेहतर?

नौकरी की शुरुआत में हैं, लंबी लोन अवधि है, और बाजार की हलचल झेल सकते हैं- फ्लोटिंग रेट लोन बेहतर रहेगा।
रिटायरमेंट के करीब हैं या फिक्स्ड बजट चाहते हैं- फिक्स्ड या हाइब्रिड रेट लोन (कुछ साल फिक्स्ड, बाकी फ्लोटिंग) चुनें।

इससे आपको स्थिरता भी मिलेगी और अचानक बढ़ी EMI का डर भी नहीं रहेगा।

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