पुराने वाहनों पर ईंधन प्रतिबंध मामले को हाई कोर्ट में चुनौती, पेट्रोल पंप डीलर्स ने दायर की याचिका

Edited By Updated: 03 Jul, 2025 03:08 PM

fuel ban on old vehicles challenged in high court

दिल्ली सरकार के 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर प्रतिबंध के फैसले को अब दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने इस निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की है।

नेशनल डेस्क: दिल्ली सरकार के 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों को ईंधन देने पर प्रतिबंध के फैसले को अब दिल्ली हाई कोर्ट में चुनौती दी गई है। दिल्ली पेट्रोल पंप डीलर्स एसोसिएशन ने इस निर्णय के खिलाफ याचिका दायर की है।

एसोसिएशन के वकील आनंद वर्मा ने अदालत में तर्क दिया कि मोटर वाहन अधिनियम की धारा 192(1) केवल वाहन के मालिक या चालक पर लागू होती है। उन्होंने कहा, "सरकार की नई नीति की भावना का हम स्वागत करते हैं, लेकिन इसके दायरे में पेट्रोल पंप संचालकों को लाना गैरकानूनी है। कानून के अनुसार, कार्रवाई वाहन मालिकों और चालकों पर होनी चाहिए, न कि फ्यूल देने वाले पंप मालिकों पर।"

बता दें कि दिल्ली सरकार ने 1 जुलाई से "एंड ऑफ लाइफ व्हीकल्स" यानी तय उम्र पार कर चुके वाहनों को ईंधन देने पर रोक लगा दी है। इसके तहत पकड़े जाने पर संबंधित वाहन पर भारी जुर्माना, जब्ती और उठाने का खर्च तक वसूला जा रहा है। इस फैसले के बाद सियासत भी गरमा गई है।

आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने भाजपा पर आरोप लगाया कि वह प्रदूषण के नाम पर 61 लाख परिवारों पर आर्थिक बोझ डाल रही है और ऑटोमोबाइल कंपनियों को इसका सीधा लाभ हो रहा है। सिसोदिया ने कहा, “दिल्ली की फुलेरा सरकार का फरमान है कि 1 जुलाई से वाहन में तेल नहीं मिलेगा। जिन गाड़ियों की हालत बिल्कुल ठीक है, उन्हें भी सज़ा दी जा रही है। अब लोगों को नई गाड़ी खरीदने को मजबूर किया जा रहा है और इसका फायदा सिर्फ चंद ताकतवर कंपनियों को हो रहा है।”

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