गुजरात का 'मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस' बना भारत की सबसे बड़ी शिक्षा पहल, इसके तहत स्कूल बनेंगे हाईटेक

Edited By Updated: 25 Jun, 2025 05:05 PM

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गुजरात का ‘मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस’ भारत की सबसे बड़ी स्कूल शिक्षा पहल बन गया है। इस परियोजना के तहत राज्य में अब तक 13,353 क्लासरूम, 21,000 कंप्यूटर लैब, 1.09 लाख स्मार्ट क्लासरूम और 5,000 STEM लैब का निर्माण पूरा हो चुका है।

National Desk : गुजरात का ‘मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस’ भारत की सबसे बड़ी स्कूल शिक्षा पहल बन गया है। इस परियोजना के तहत राज्य में अब तक 13,353 क्लासरूम, 21,000 कंप्यूटर लैब, 1.09 लाख स्मार्ट क्लासरूम और 5,000 STEM लैब का निर्माण पूरा हो चुका है।

गुजरात के मुख्य सचिव कार्यालय (CMO) के अनुसार, यह कार्यक्रम 2022 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में शुरू किया गया था। इसका लक्ष्य राज्य के लगभग 40,000 सरकारी और अनुदान-प्राप्त स्कूलों को उन्नत बनाना है। गुजरात सरकार ने इस मिशन के लिए लगभग 12,000 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं, जबकि विश्व बैंक ने इसके कार्यान्वयन के लिए 750 मिलियन डॉलर की प्रतिबद्धता जताई है।


देश का पहला बड़ा स्कूल अभियान
पिछले 22 वर्षों में इस पहल ने शिक्षा क्षेत्र में बुनियादी सुधार किए हैं और स्कूलों में नामांकन दर में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। मजबूत आधारभूत संरचना, स्मार्ट क्लासरूम, STEM लैब और सह-पाठ्यक्रम सुविधाओं के माध्यम से स्कूलों को सशक्त बनाना शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुजरात शिक्षा में नए दृष्टिकोण अपनाने वाला पहला राज्य है जिसने देश का सबसे बड़ा समावेशी स्कूल अभियान ‘मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस’ शुरू किया। ‘मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस’ का उद्देश्य लगभग 40,000 सरकारी और अनुदान-प्राप्त स्कूलों का आधुनिकीकरण करना है, जिसमें स्कूलों की आधारभूत संरचना, डिजिटल शिक्षण उपकरण और मूलभूत शिक्षा को मजबूत किया जाएगा। यह देश का पहला ऐसा प्रोजेक्ट है जिसका उद्देश्य पूरे भारत में स्कूल शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाना है। जानकारी के अनुसार, इस मिशन के तहत कुल 50,000 नए क्लासरूम और 1,50,000 नए स्मार्ट क्लासरूम बनाने का लक्ष्य रखा गया है।

आधुनिकीकरण से बच्चों का विकास
मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस के अंतर्गत गुजरात भर के स्कूलों की भौतिक और डिजिटल संरचना को सुदृढ़ करने का काम तेजी से जारी है। इस पहल के तहत 50,000 नए क्लासरूम बनाए जाएंगे, जिनमें से 13,353 क्लासरूम का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि 31,469 क्लासरूम का निर्माण कार्य चल रहा है। नए क्लासरूम के अलावा 27,872 क्लासरूम के आधुनिकीकरण का काम भी पूरा हो चुका है, और 63,860 क्लासरूम के आधुनिकीकरण का काम जारी है। शिक्षा क्षेत्र में डिजिटल दृष्टिकोण को आगे बढ़ाने के लिए 21,000 नए कंप्यूटर लैब स्थापित किए गए हैं। 18,000 सरकारी और अनुदान-प्राप्त स्कूलों में कंप्यूटर लैब लगाने की प्रक्रिया भी जारी है। इसके साथ ही मिशन के तहत 1,50,000 नए स्मार्ट क्लासरूम बनाए जाने का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 1,09,000 स्मार्ट क्लासरूम का निर्माण पूरा हो चुका है, और 26,000 स्मार्ट क्लासरूम को सरकारी व अनुदान-प्राप्त स्कूलों में सुसज्जित किया जा रहा है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी विषयों में शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए 5,000 नए STEM लैब का निर्माण पूरा हो चुका है।

मुख्य लक्ष्य, उच्च शिक्षा स्तर
‘मिशन स्कूल्स ऑफ एक्सीलेंस’ के तहत चयनित प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों का समग्र विकास योजनाबद्ध गतिविधियों जैसे सिविल इंफ्रास्ट्रक्चर, डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर, स्मार्ट क्लासरूम, कंप्यूटर लैब, STEM लैब, ऑनलाइन आकलन, सुधारात्मक कक्षाएं और समग्र शिक्षा के माध्यम से किया जा रहा है। इस पहल से सीधे और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग एक करोड़ छात्र लाभान्वित होंगे और गुजरात में प्राथमिक शिक्षा की नींव मजबूत होगी।

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