चीन और अमेरिका के बाद भारत बना पवन ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा बाजारः BNEF Report

Edited By Updated: 24 Dec, 2025 12:14 PM

india has become the third largest market for wind energy after china and the us

साल 2025 में भारत ने पवन ऊर्जा क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है और वैश्विक स्तर पर तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। ब्लूमबर्गएनईएफ की रिपोर्ट के अनुसार, इस साल भारत ने लगभग 6.2 गीगावॉट नई पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ी है। अमेरिका और चीन के बाद यह तीसरा...

नेशनल डेस्क : भारत ने साल 2025 में पवन ऊर्जा के क्षेत्र में बड़ी उपलब्धि हासिल की है। वैश्विक स्तर पर भारत अब पवन ऊर्जा क्षमता बढ़ाने वाले देशों में तीसरे स्थान पर पहुंच गया है। एक नई BNEF रिपोर्ट के अनुसार, चीन और अमेरिका के बाद भारत ने इस साल अपनी अब तक की सबसे तेज़ क्षमता वृद्धि दर्ज की है।

रिपोर्ट में बताया गया है कि वर्ष 2025 के दौरान भारत में लगभग 6.2 गीगावॉट नई पवन ऊर्जा परियोजनाएं जुड़ने की संभावना है। इससे भारत अमेरिका के काफी करीब पहुंच गया है, जो दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा पवन ऊर्जा बाजार माना जाता है। नवंबर 2025 तक भारत पहले ही 5.8 गीगावॉट नई पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ चुका है, जो वर्ष 2017 में बने 4.2 गीगावॉट के पिछले वार्षिक रिकॉर्ड से ज्यादा है।

PunjabKesari

पवन ऊर्जा क्षमता में इस तेज़ बढ़ोतरी के कारण भारत ब्राजील और जर्मनी जैसे देशों से आगे निकल गया है, जो बीते कुछ वर्षों से ऊंचे स्थान पर बने हुए थे। भारत 2019 के बाद पहली बार तीसरे स्थान पर लौटा है। इससे पहले, 2020 से 2024 तक पवन ऊर्जा क्षमता में धीमी बढ़ोतरी के चलते भारत लगातार चार साल तक पांचवें स्थान पर रहा था।

विशेषज्ञों के अनुसार, पवन ऊर्जा क्षेत्र में हो रही 'कॉम्प्लेक्स नीलामियों' (Complex auctions) ने इस तेजी में अहम भूमिका निभाई है। इन नीलामियों में पवन ऊर्जा के साथ-साथ सौर ऊर्जा और बैटरी स्टोरेज जैसी तकनीकों को भी शामिल किया जाता है, जिससे बिजली की आपूर्ति ज्यादा भरोसेमंद बनती है। ऐसे प्रोजेक्ट्स में डेवलपर्स को बड़े और अधिक क्षमता वाले संयंत्र लगाने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।

भारत की नीलामी एजेंसियों ने वर्ष 2024 में करीब 60 गीगावॉट स्वच्छ ऊर्जा उत्पादन क्षमता के ठेके दिए थे, जिनमें से लगभग दो-तिहाई परियोजनाएं कॉम्प्लेक्स नीलामी के तहत आई थीं। इन्हीं प्रयासों के चलते अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत इस दशक के अंत तक करीब 30 गीगावॉट नई पवन ऊर्जा क्षमता जोड़ने में सफल हो सकता है।

PunjabKesari

इसके अलावा, कुछ परियोजनाओं में पहले ग्रिड कनेक्टिविटी की कमी के कारण देरी हुई थी। राजस्थान, गुजरात और कर्नाटक में ग्रिड विस्तार से जुड़ी कई योजनाएं 2024 के अंत में पूरी हुईं, जिसके बाद 2025 की शुरुआत में नई पवन ऊर्जा क्षमता तेजी से जुड़नी शुरू हुई। इन सभी कारणों से भारत का पवन ऊर्जा क्षेत्र एक बार फिर मजबूती से आगे बढ़ता नजर आ रहा है।


 

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!