Edited By Tanuja,Updated: 25 Dec, 2025 06:58 PM

भारत ने इसरो के भारी रॉकेट LVM3-M6 से अमेरिकी संचार उपग्रह ब्लूबर्ड-6 का सफल प्रक्षेपण कर इतिहास रच दिया। भारत में अमेरिकी राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने इसे 2025 की सबसे बड़ी भारत-अमेरिका अंतरिक्ष उपलब्धि बताया।
New York: अमेरिका में भारत के राजदूत विनय मोहन क्वात्रा ने कहा कि भारत द्वारा एक अमेरिकी संचार उपग्रह का सफल प्रक्षेपण वाशिंगटन और नयी दिल्ली के बीच साझेदारी के लिए एक अत्यंत महत्वपूर्ण और ऐतिहासिक पल है, और यह वर्ष 2025 में द्विपक्षीय अंतरिक्ष सहयोग के दौरान हासिल हुई सबसे बड़ी उपलब्धि है। क्वात्रा ने एक साक्षात्कार में कहा कि अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए आज वास्तव में एक बहुत महत्वपूर्ण दिन है।”
उन्होंने कहा, “ यह हमारे अंतरिक्ष इंजीनियरों और हमारे अंतरिक्ष वैज्ञानिकों के लिए बड़ा दिन है। यह आत्मनिर्भरता के प्रधानमंत्री (नरेन्द्र मोदी) के दृष्टिकोण के हिसाब से एक बड़ा दिन है। यह भारत-अमेरिका सहयोग के लिए बड़ा दिन है। मुझे लगता है कि कम से कम इस क्षेत्र में तो हम वर्ष 2025 का इससे बेहतर अंत नहीं कर सकते थे, और अगले वर्ष और अधिक उपलब्धियां हासिल करने की पूरी तैयारी है।” भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने एक ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए अपने सबसे भारी रॉकेट एलवीएम3-एम6 से बुधवार को अमेरिका वाणिज्यिक संचार उपग्रह ब्लूबर्ड-6 (ब्लॉक-2) को सटीक तरीके से उसकी निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया।
क्वात्रा ने कहा, “आज की इस अद्वितीय उपलब्धि से हमने जो हासिल किया वह 2025 में दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष सहयोग में हासिल हुई सबसे बड़ी उपलब्धि है।” क्वात्रा ने जोर देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने उद्योग तथा सरकारी विभागों को 'आत्मनिर्भरता' की दिशा में आगे बढ़ने के प्रेरित किया है। उन्होंने कहा, “यह अंतरिक्ष क्षेत्र में बढ़ती आत्मनिर्भरता का एक स्पष्ट उदाहरण है। आत्मनिर्भरता को हमें एक रणनीतिक दृष्टिकोण से देखना चाहिए, न कि इसे केवल एक साधारण वाणिज्यिक आदान-प्रदान मानना चाहिए।”