Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 Jul, 2025 08:37 AM

चाय की चुस्की के साथ बिस्किट खाना हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑफिस में भूख मिटानी हो या बच्चों को कोई झटपट स्नैक देना हो, बिस्किट हर घर में मौजूद रहते हैं। कुरकुरे, मीठे और आसानी से मिलने वाले ये स्नैक्स भले ही मासूम लगें लेकिन क्या...
नेशनल डेस्क: चाय की चुस्की के साथ बिस्किट खाना हमारी दिनचर्या का हिस्सा बन चुका है। चाहे ऑफिस में भूख मिटानी हो या बच्चों को कोई झटपट स्नैक देना हो, बिस्किट हर घर में मौजूद रहते हैं। कुरकुरे, मीठे और आसानी से मिलने वाले ये स्नैक्स भले ही मासूम लगें लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि इनका रोज़ाना सेवन आपकी सेहत पर किस हद तक बुरा असर डाल सकता है? विशेषज्ञों की मानें तो बिस्किट में मौजूद कुछ तत्व हमारे शरीर के मेटाबोलिज्म, हार्मोन बैलेंस और वजन पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं। आइए आसान भाषा में जानते हैं बिस्किट से जुड़े सभी नुकसान और क्यों अब इस आदत को बदलने की जरूरत है।
बिस्किट – एक मीठा ज़हर?
डॉ. के अनुसार, बिस्किट को हल्का और सुविधाजनक स्नैक माना जाता है लेकिन इनमें मैदा, रिफाइंड शुगर और हाइड्रोजेनेटेड ऑयल जैसे तत्व शामिल होते हैं जो शरीर के लिए धीरे-धीरे नुकसानदायक साबित होते हैं। ये तत्व पाचन तंत्र, हार्मोन, वजन और शुगर लेवल तक को प्रभावित कर सकते हैं। बिस्किट में मैदा और अन्य कम फाइबर वाली सामग्री होने के कारण यह पेट में आसानी से नहीं पचता। इसका नियमित सेवन करने से कब्ज, गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। खासतौर पर खाली पेट बिस्किट खाने से पेट संबंधी दिक्कतें और बढ़ सकती हैं।
बढ़ सकता है वजन
बिस्किट में मौजूद छिपी हुई कैलोरी और रिफाइंड शुगर शरीर में फैट के रूप में जमा होने लगती है। खासतौर पर जो लोग वजन घटाने की कोशिश कर रहे हैं उनके लिए बिस्किट एक छुपा हुआ दुश्मन साबित हो सकता है। लगातार सेवन करने से पेट और कमर के आसपास चर्बी बढ़ सकती है।
ब्लड शुगर को करता है असंतुलित
डायबिटीज के मरीजों को बिस्किट से दूरी बनाकर रखनी चाहिए। इनमें ग्लाइसेमिक इंडेक्स काफी ज्यादा होता है जिससे ब्लड शुगर का स्तर अचानक तेजी से बढ़ सकता है। बिना सोचे-समझे बिस्किट खाना शुगर के मरीजों के लिए खतरनाक साबित हो सकता है।
हार्मोनल बैलेंस बिगाड़ सकता है
बिस्किट में इस्तेमाल होने वाला ट्रांस फैट, कृत्रिम फ्लेवर और संरक्षक (Preservatives) शरीर के हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ सकते हैं। खासतौर पर महिलाओं में इसका असर अधिक देखा गया है जैसे कि पिंपल्स, पीरियड्स की अनियमितता, थकान और मूड स्विंग्स।
बच्चों की ग्रोथ को करता है धीमा
बच्चों को अक्सर बिस्किट एक आसान स्नैक के रूप में दिया जाता है लेकिन ये हेल्दी विकल्प नहीं है। इनमें न तो पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन होता है और न ही फाइबर या जरूरी विटामिन्स। इसके चलते बच्चों की शारीरिक और मानसिक विकास पर नकारात्मक असर पड़ सकता है और उनकी इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है।
क्या है बेहतर विकल्प?
इन विकल्पों को अपनाकर आप अपनी सेहत का ध्यान रख सकते हैं और बिस्किट की आदत को धीरे-धीरे छोड़ा जा सकता है।