मोदी के प्रधानमंत्री बनने तक स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास एक परिवार तक सीमित रहा : अमित शाह

Edited By Updated: 30 Mar, 2023 11:19 PM

history of freedom struggle confined to one family till modi became pm

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास एक परिवार तक ही सीमित था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को ‘‘अमर'' बनाकर इसे समाप्त कर दिया। शाह ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा...

नेशनल डेस्कः केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम का इतिहास एक परिवार तक ही सीमित था लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सरदार वल्लभ भाई पटेल को ‘‘अमर'' बनाकर इसे समाप्त कर दिया। शाह ने कहा कि राम मंदिर का मुद्दा ‘‘बाबर के समय से'' अटका हुआ था, लेकिन उच्चतम न्यायालय के आदेश के तुरंत बाद प्रधानमंत्री ने अयोध्या में भूमिपूजन किया। 

उन्होंने कहा कि भगवान राम अगले साल की रामनवमी तक अपने भव्य मंदिर में होंगे। शाह के हरिद्वार में भल्ला कॉलेज हेलीपैड पर उतरने के तुरंत बाद परशुराम चौक पर कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने राहुल गांधी को सांसद के रूप में अयोग्य ठहराए जाने के खिलाफ नारेबाजी की। कई कार्यकर्ताओं ने गृह मंत्री को काले झंडे दिखाए। पुलिस ने कई प्रदर्शनकारियों को हिरासत में ले लिया।

योग गुरु रामदेव की पतंजलि योगपीठ में दूसरे संन्यास दीक्षा महोत्सव को संबोधित करते हुए शाह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में गुजरात के केवडिया में ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' बनाकर पटेल को अमर कर दिया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने हिंदू धर्म के प्रतीकों को पुनर्जीवित किया और काशी-विश्वनाथ तथा सोमनाथ मंदिरों जैसे हिंदू आस्था के केंद्रों का पुनर्निर्माण किया है। शाह ने योग के क्षेत्र में योगदान के लिए बाबा रामदेव की सराहना भी की। 

इससे पहले दिन में, गृह मंत्री अमित शाह ने मातृभाषा और सार्वभौमिक शिक्षा पर जोर देने वाली केंद्र सरकार की नई शिक्षा नीति की बृहस्पतिवार को सराहना की और कहा कि यह महात्मा गांधी तथा दयानंद सरस्वती जैसे दूरदर्शी भारतीयों की शिक्षाओं पर आधारित है। यहां गुरुकुल कांगड़ी के 113वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए शाह ने भारत में वैदिक शिक्षा के पुनरुद्धार और इसे आधुनिक शिक्षा के साथ जोड़ने का श्रेय इस विश्वविद्यालय को दिया। शाह ने विश्वविद्यालय के संस्थापक स्वामी श्रद्धानंद को श्रद्धांजलि देते हुए कहा कि उन्होंने भारत की शिक्षा प्रणाली को अंग्रेजों के शिकंजे से मुक्त कराया और देश की वैदिक शिक्षा प्रणाली को पुनर्जीवित किया तथा संस्कृति और आधुनिक शिक्षा पर जोर दिया। 

शाह ने नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार द्वारा लाई गई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह महर्षि दयानंद सरस्वती, स्वामी श्रद्धानंद, महात्मा गांधी और लाला लाजपत राय के संयुक्त दर्शन का प्रतिनिधित्व करती है। उन्होंने कहा, "नई शिक्षा नीति, जो देश की तीसरी है, में चार महान लोगों का दर्शन शामिल है। महर्षि दयानंद द्वारा प्रचारित सुलभ शिक्षा, स्वामी श्रद्धानंद द्वारा प्रचारित आधुनिक के साथ वैदिक शिक्षा का संयोजन, मातृभाषा में महात्मा गांधी की शिक्षा, और लाला लाजपत राय का सभी के लिए शिक्षा का सिद्धांत इस नीति के मूल में है।" 

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