अमेरिका में H-1B वीजा आवेदन में भारी गिरावट, बढ़ी भारतीयों की मुश्किलें

Edited By Updated: 23 Mar, 2025 01:09 PM

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अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि एच-1बी वीजा विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है, जो "अमेरिका फर्स्ट" नीति के खिलाफ है। इस वजह से इस साल एच-1बी वीजा के लिए आवेदनों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है। अब तक 2.7 लाख आवेदन...

नेशनल डेस्क. अमेरिका के राष्ट्रपति ने कहा है कि एच-1बी वीजा विदेशी कर्मचारियों को अमेरिका में काम करने की अनुमति देता है, जो "अमेरिका फर्स्ट" नीति के खिलाफ है। इस वजह से इस साल एच-1बी वीजा के लिए आवेदनों की संख्या में बड़ी गिरावट आई है। अब तक 2.7 लाख आवेदन प्राप्त हुए हैं, जबकि पिछले वर्षों में यह संख्या 7 लाख के आसपास होती थी। आवेदन प्रक्रिया 3 से 24 मार्च तक चल रही है। इस बार आवेदन शुल्क में भी 210% की वृद्धि हुई है। पहले यह शुल्क 840 रुपये था, जो अब बढ़कर 13,060 रुपये हो गया है। यह खर्च कंपनियों को उठाना पड़ता है, जिससे वे कर्मचारियों का चयन करने में सतर्क हो रही हैं। सिलिकॉन वैली में एक दर्जन से अधिक भारतीय सॉफ़्टवेयर इंजीनियरों का कहना है कि बढ़ती फीस नई फाइलिंग शर्तें और प्रतिबंधों के कारण इस प्रक्रिया में रुकावट आ रही है।

नए प्रतिबंधों के कारण आवेदन में कमी

सैन फ्रांसिस्को में सॉफ़्टवेयर इंजीनियर अमित मेहता ने बताया कि नए प्रतिबंधों के कारण एक पासपोर्ट पर केवल एक ही आवेदन किया जा सकता है, जिससे मांग में कमी आई है। कुछ विश्वविद्यालयों के एडमिशन काउंसलर्स के मुताबिक, भारतीय छात्रों की संख्या में और गिरावट आने की संभावना है। कोलंबिया विश्वविद्यालय के काउंसलर ने बताया कि भारतीय छात्रों के लिए अब कुछ चिंताएँ हैं, जैसे कि कैंपस में नस्लवाद, सोशल मीडिया पर हमले और कॉलेज के बाद नौकरी के अवसरों का मुद्दा। टेक्सास विश्वविद्यालय की छात्रा शोभा ने बताया, "अच्छी डिग्री, कई जॉब ऑफर और शानदार जीवन का सपना भारतीय छात्रों का होता है, जो वे एफ-1 स्टडी वीजा पर अमेरिका आकर देखना चाहते हैं। हालांकि, अमेरिका में निर्वासन का कोई खतरा नहीं है, फिर भी कई कारणों से डर बना रहता है।"

कनाडा की ओर रुख कर रहे भारतीय

अमेरिका में सख्त होती नीतियों के कारण बड़ी संख्या में भारतीय तकनीकी कर्मचारी अब कनाडा जा रहे हैं या वहां की कंपनियों में आवेदन कर रहे हैं। एच-1बी वीजा पर अमेरिका जाने वाले तकनीकी विशेषज्ञ आशुतोष डेका के अनुसार, ट्रंप के बाद से 10,000 से अधिक भारतीय तकनीशियन कनाडा शिफ्ट हो चुके हैं। उन्होंने कहा, "पहले मुझे डर रहता था कि वीजा रद्द हो जाएगा या नवीनीकरण में परेशानी आएगी, लेकिन अब कनाडा ने वर्क परमिट दे दिया है और मैं टोरंटो शिफ्ट हो गया हूं।"

अमेरिका से बाहर न जाने की सलाह

2023 में भारतीयों ने 3.86 लाख एच-1बी वीजा में से 72.3% हासिल किए थे, जो 2022 में 77% थे। एच-1बी वीजा धारकों की बड़ी संख्या भारत से है, लेकिन अब इस संख्या में कमी आने की संभावना है। अब अधिकांश इमिग्रेशन अटॉर्नी भारतीय यात्रियों को सलाह दे रहे हैं कि वे अमेरिका से बाहर न जाएं, क्योंकि वीजा स्टैम्पिंग में देरी, हवाईअड्डों पर सख्त जांच और अनियमित हिरासत का सामना करना पड़ सकता है, भले ही वे लंबे समय से अमेरिका में कानूनी रूप से रह रहे हों। इसलिए वे अमेरिका से बाहर जाने से पहले दो बार सोचें।

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