प्रोटेक्शन चाहिए तो देने होंगे पैसे, कनाडा पुलिस ने हिंदुओं से सुरक्षा के बदले मांगा हफ्ता

Edited By Updated: 14 Nov, 2024 02:08 PM

if you want protection you will have to pay canadian police asked hindus

कनाडा और भारत के रिश्तों में खालिस्तान समर्थकों और भारत विरोधी गतिविधियों के कारण हाल के दिनों में तनाव देखा जा रहा है। इस तनावपूर्ण माहौल में जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार का खालिस्तान समर्थकों के प्रति नर्म रुख, और इसके चलते कनाडा...

नेशनल डेस्क : कनाडा और भारत के रिश्तों में खालिस्तान समर्थकों और भारत विरोधी गतिविधियों के कारण हाल के दिनों में तनाव देखा जा रहा है। इस तनावपूर्ण माहौल में जस्टिन ट्रूडो के नेतृत्व वाली कनाडाई सरकार का खालिस्तान समर्थकों के प्रति नर्म रुख, और इसके चलते कनाडा पुलिस का हिंदू समुदाय के साथ भेदभाव करना अब एक बड़े विवाद का कारण बन गया है। इस मुद्दे की गंभीरता हाल ही में ब्रैम्पटन के एक हिंदू मंदिर पर हुए हमले के बाद और बढ़ गई है, जब पुलिस की ओर से हिंदू संगठनों को सुरक्षा प्रदान करने के बदले पैसे की मांग की गई।

खालिस्तानी समर्थकों पर कोई ठोस कार्रवाई नहीं
कनाडा में खालिस्तान समर्थक समूहों के खिलाफ अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई है। इसके परिणामस्वरूप कनाडा में खालिस्तान समर्थक अपनी गतिविधियों को तेज कर रहे हैं और हिंदू समुदाय के लिए असुरक्षा का माहौल बन गया है। कनाडाई सरकार के द्वारा इस समस्या पर नजरअंदाजी किए जाने के कारण स्थानीय पुलिस का रुख भी हिंदू समुदाय के खिलाफ नकारात्मक होता जा रहा है, जिससे हिंदू संगठन काफी आहत हैं।

पुलिस की ओर से सुरक्षा के बदले पैसे की मांग
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पील पुलिस ने हिंदू संगठनों से सुरक्षा देने के बदले 70,000 डॉलर की मांग की है। पुलिस द्वारा सुरक्षा के बदले इतनी बड़ी राशि की मांग किए जाने के बाद हिंदू समुदाय में नाराजगी फैल गई है। हिंदू संगठनों का कहना है कि वे भी कर चुका हैं, तो ऐसे में उन्हें इस तरह का भेदभाव क्यों झेलना पड़ रहा है। हिंदू समुदाय के लोग सवाल उठा रहे हैं कि क्या यह सिर्फ हिंदुओं के साथ ही ऐसा होता है या फिर अन्य समुदायों के साथ भी ऐसा व्यवहार किया जाता है?

 ट्रूडो की सरकार पर अल्पसंख्यक अधिकारों के उल्लंघन का आरोप
हिंदू संगठनों का आरोप है कि कनाडा सरकार खालिस्तानी समूहों के दबाव में आकर हिंदू समुदाय के खिलाफ भेदभाव कर रही है। कई संगठन यह भी कह रहे हैं कि उनके कार्यक्रमों को रद्द करने के लिए खालिस्तानी समूह कनाडाई सरकार पर दबाव बना रहे हैं, और इस दबाव में जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने इन संगठनों के साथ कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इसके कारण, हिंदू समुदाय महसूस कर रहा है कि उनकी आवाज और अधिकारों की अनदेखी की जा रही है।

कनाडा में बढ़ रही असुरक्षा की भावना
कनाडा के विभिन्न शहरों में खालिस्तान समर्थक भारत विरोधी नारेबाजी और हिंसक प्रदर्शन करते रहे हैं, जो हिंदू समुदाय के लिए चिंता का कारण बन गए हैं। इन घटनाओं के बाद, हिंदू समुदाय के लोग अपनी सुरक्षा को लेकर आश्वस्त नहीं हैं। पुलिस का यह विवाद और इन संगठनों से उनकी नाखुशगी उस समय सामने आई है जब भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध पहले से ही तनावपूर्ण हो चुके हैं।

भारत और कनाडा के बीच बिगड़ते राजनयिक रिश्ते
कनाडा में खालिस्तानी आंदोलन को लेकर बढ़ते तनाव के कारण भारत और कनाडा के राजनयिक रिश्ते बिगड़ते जा रहे हैं। भारत ने कई बार कनाडा सरकार से खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने की अपील की है, लेकिन जस्टिन ट्रूडो की सरकार ने इस मामले में कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। इसके परिणामस्वरूप दोनों देशों के बीच राजनयिक विवाद और बढ़ा है, जिससे कनाडा में हिंदू समुदाय की सुरक्षा की चिंता भी बढ़ गई है।

कनाडा में हिंदू समुदाय को लेकर बढ़ते भेदभाव और पुलिस की ओर से सुरक्षा शुल्क लेने की मांग ने स्थिति को और जटिल बना दिया है। जहां एक ओर खालिस्तान समर्थक समूहों की गतिविधियों को बढ़ावा मिल रहा है, वहीं दूसरी ओर हिंदू समुदाय खुद को असुरक्षित महसूस कर रहा है। भारत और कनाडा के बिगड़ते रिश्तों के बीच यह मुद्दा और भी संवेदनशील हो गया है, और अब देखना होगा कि कनाडा की सरकार और पुलिस इस मुद्दे पर क्या कदम उठाती है।

 

 

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