Edited By Tanuja,Updated: 15 Jul, 2025 11:45 AM

भारत ने अपनी रक्षा शक्ति को नए मुकाम पर पहुंचाने के लिए एक बड़ी छलांग लगाई है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अब ऐसी मिसाइल के ट्रायल की तैयारी में है...
International Desk: भारत ने अपनी रक्षा शक्ति को नए मुकाम पर पहुंचाने के लिए एक बड़ी छलांग लगाई है। रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) अब ऐसी मिसाइल के ट्रायल की तैयारी में है, जो पूरे पाकिस्तान और चीन के बड़े हिस्से को आसानी से निशाना बना सकती है। इस एक्सटेंडेड ट्रैजेक्टरी-लॉन्ग ड्यूरेशन हाइपरसोनिक क्रूज मिसाइल (ET-LDHCM) को पूरी तरह स्वदेशी तकनीक से विकसित किया गया है और इसे प्रोजेक्ट विष्णु के तहत तैयार किया गया है।मौजूदा ब्रह्मोस सुपरसोनिक मिसाइल की तुलना में यह मिसाइल कहीं ज्यादा घातक और तेज मानी जा रही है। इसकी रेंज 1500 किलोमीटर और गति करीब 11,000 किमी/घंटा (मैक 8) होगी। इतनी रफ्तार और दूरी इसे दुश्मन देशों के एयर डिफेंस सिस्टम के लिए भी पकड़ से बाहर कर देती है।
ET-LDHCM की खासियतें
रफ्तार में ब्रह्मोस से तीन गुना आगे है
जहां ब्रह्मोस की गति करीब मैक 3 (3,675 किमी/घंटा) है, वहीं ET-LDHCM मैक 8 यानी 11,000 किमी/घंटा की रफ्तार से उड़ान भर सकती है।
1500 KM तक की मारक क्षमता
इसकी रेंज ब्रह्मोस की अधिकतम 450 किमी से कहीं ज्यादा है, जिससे यह पाकिस्तान और चीन के अहम इलाकों को भी कवर कर सकती है।
भारी पेलोड
यह मिसाइल 1000 से 2000 किलोग्राम तक पारंपरिक या परमाणु वारहेड ले जा सकती है।
एडवांस इंजन तकनीक
इसमें स्क्रैमजेट इंजन लगा है, जो वायुमंडल से ऑक्सीजन लेकर ईंधन जलाता है और लंबे समय तक हाइपरसोनिक गति बनाए रखता है।
रडार से बचने की क्षमता
कम ऊंचाई पर उड़ने और मिड-फ्लाइट दिशा बदलने की वजह से इसे पकड़ पाना दुश्मन के लिए बेहद मुश्किल होगा।
भीषण तापमान में भी काम
हाइपरसोनिक गति से पैदा होने वाली गर्मी को झेलने के लिए यह **2000°C तक के तापमान** को सहन कर सकती है।
लॉन्च में लचीलापन
इसे जमीन, समुद्र या हवा से कहीं से भी लॉन्च किया जा सकता है।
डिफेंस मॉडर्नाइजेशन का हिस्सा
इस हाइपरसोनिक मिसाइल को विकसित करना भारत के रक्षा आधुनिकीकरण का हिस्सा है, खासकर मौजूदा वैश्विक तनाव जैसे इजराइल-ईरान टकराव या भारत-पाकिस्तान के रिश्तों में तल्खी को देखते हुए।साथ ही भारत 900 किमी रेंज वाला लॉन्ग रेंज सुसाइड ड्रोन भी तैयार कर रहा है, जिसे सोलर इंडस्ट्रीज बनाएगी और पिनाका रॉकेट सिस्टम बनाने वाली कंपनी भी इस रेस में है। ET-LDHCM के आने से भारत की सामरिक ताकत को नया आयाम मिलेगा। पाकिस्तान और चीन के लिए यह मिसाइल एक कड़ा संदेश है कि भारत अब अपनी सुरक्षा में किसी भी स्तर पर समझौता नहीं करेगा।