Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 24 May, 2025 06:35 PM

भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे समय से चला आ रहा सिंधु जल समझौता एक बार फिर चर्चा में है। जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने इस समझौते को आंशिक रूप से सस्पेंड कर दिया है।
नेशनल डेस्क: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकवादी हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ बड़ा कूटनीतिक कदम उठाया। भारत सरकार ने सिंधु जल समझौता (Indus Water Treaty) को आंशिक रूप से सस्पेंड कर दिया है। इसका असर पाकिस्तान पर सीधे दिख रहा है, जहां पानी की भारी किल्लत शुरू हो गई है। जल संकट से जूझता पाकिस्तान अब संयुक्त राष्ट्र की चौखट पर पहुंच गया है। पाकिस्तान ने संयुक्त राष्ट्र में यह मुद्दा उठाया और भारत पर आरोप लगाया कि वह जल संधि के नियमों का उल्लंघन कर रहा है। मगर भारत ने इस मुद्दे पर एकदम साफ और सटीक जवाब दिया।
भारत ने यूएन में क्या कहा?
संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश ने पाकिस्तान की शिकायतों को पूरी तरह खारिज कर दिया। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान ने IWT की मूल भावना का बार-बार तिरस्कार किया है। उन्होंने यह भी कहा कि जब कोई देश आतंकवाद को प्रायोजित करता है और उसी देश से बार-बार हमलों की साजिशें रची जाती हैं, तो ऐसे में कोई भी समझौता टिक नहीं सकता। पी. हरीश ने कहा कि पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ तीन युद्ध लड़े और हजारों आतंकी हमलों को अंजाम दिया। इससे आम भारतीय नागरिकों की सुरक्षा और जीवन पर सीधा खतरा बना हुआ है। इसलिए भारत ने यह फैसला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए लिया है। उन्होंने यह भी दोहराया कि जब तक पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देता रहेगा, तब तक सिंधु जल समझौता स्थगित रहेगा।
पाकिस्तान की स्थिति गंभीर
भारत द्वारा पानी की आपूर्ति रोके जाने के बाद पाकिस्तान के पंजाब, सिंध और बलूचिस्तान जैसे इलाकों में जल संकट गहराने लगा है। खेती, बिजली उत्पादन और पीने के पानी की सप्लाई पर इसका सीधा असर पड़ा है।