यूक्रेन संकट पर बोले विदेश मंत्री एस जयशंकर, बुनियादी ढांचे और आम नागरिकों को निशाना बनाना स्वीकार्य नहीं

Edited By Yaspal,Updated: 11 Oct, 2022 06:49 PM

jaishankar said targeting infrastructure and civilians is not acceptable

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना और आम नागरिकों की जान लेना दुनिया के किसी भी हिस्से में स्वीकार्य नहीं है

नेशनल डेस्कः विदेश मंत्री एस जयशंकर ने मंगलवार को कहा कि बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना और आम नागरिकों की जान लेना दुनिया के किसी भी हिस्से में स्वीकार्य नहीं है। उन्होंने रूस- यूक्रेन संघर्ष में दोनों पक्षों के कूटनीति तथा वार्ता के रास्ते पर लौटने की जरूरत पर जोर दिया और कहा कि "यह संघर्ष किसी की भी मदद नहीं कर रहा है।"

जयशंकर ने ऑस्ट्रेलिया के साथ भारत के संबंधों के बढ़ते महत्व और सुरक्षा-केंद्रित क्वाड के सदस्यों के रूप में दोनों देशों के हितों पर लोवी इंस्टिट्यूट में अपने संबोधन के बाद सवालों के जवाब में यह टिप्पणी की। उन्होंने सोमवार को रूस द्वारा यूक्रेन की राजधानी कीव समेत प्रमुख यूक्रेनी शहरों को निशाना बनाकर किए गए मिसाइल हमलों पर एक सवाल के जवाब में कहा, "हमारा वास्तव में मानना है कि बुनियादी ढांचे को निशाना बनाना और आम नागरिकों की जान लेना दुनिया के किसी भी हिस्से में स्वीकार्य नहीं है।"

यूक्रेन पर सोमवार को हुए हमलों को 24 फरवरी को शुरू हुए संघर्ष के बाद से रूस का सबसे भीषण हमला माना जा रहा है। जयशंकर ने संघर्ष को हल करने के लिए कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा, "यह संघर्ष किसी की मदद नहीं कर रहा है।" उन्होंने कहा कि यह संघर्ष आज दुनिया के एक बड़े हिस्से को नुकसान पहुंचा रहा है क्योंकि लोगों का दैनिक जीवन बहुत ही हानिकारक तरीके से प्रभावित हो रहा है।

जयशंकर ने कहा, "और जिन देशों के साथ हम अपनी पहचान करते हैं, उनमें से अधिकतर देश वास्तव में निराश महसूस कर रहे हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उनकी समस्याओं की उपेक्षा की जा रही है।" उनकी टिप्पणी ऐसे समय आई जब भारत ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर मॉस्को के "अवैध" कब्जे की निंदा करने के लिए एक मसौदा प्रस्ताव पर एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र महासभा में गुप्त मतदान की रूस की मांग को अस्वीकार करने के लिए मतदान किया। भारत ने 100 से अधिक अन्य देशों के साथ सार्वजनिक मतदान के समर्थन में वोट दिया।

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने सोमवार को कहा था कि शत्रुता को बढ़ाना किसी के हित में नहीं है और भारत तनाव को कम करने वाले सभी प्रयासों का समर्थन करने के लिए तैयार है। भारत ने अभी तक यूक्रेन पर रूस के आक्रमण की निंदा नहीं की है और कहा है कि संकट को कूटनीति एवं बातचीत के माध्यम से हल किया जाना चाहिए। भारत संयुक्त राष्ट्र महासभा और सुरक्षा परिषद में यूक्रेन संघर्ष पर मतदान से अनुपस्थित रहा है।

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