Edited By Tanuja,Updated: 28 Dec, 2025 08:05 PM
बेहतर रोज़गार की तलाश में रूस गए भारतीय युवाओं का सपना तब टूट गया जब 10 की मौत रूसी सेना में शामिल होने के दौरान हो गई और 4 अब भी लापता हैं। जगदीप सिंह ने रूस जाकर सच्चाई जुटाई और भारत में दस्तावेज़ सौंपे।
International Desk: विदेश में बेहतर रोज़गार और भविष्य की उम्मीद लेकर रूस गए भारतीय युवाओं का सपना अब एक भयावह त्रासदी में बदल गया है। भारत सरकार ने राज्यसभा में आधिकारिक रूप से स्वीकार किया है कि रूसी सशस्त्र बलों के साथ कार्यरत 26 भारतीय नागरिकों की मौत हो चुकी है, जबकि सात भारतीय अभी भी लापता हैं। अब तक 10 भारतीय युवाओं की रूसी सेना में मौत की पुष्टि हो चुकी है। सरकार ने बताया कि ये भारतीय नागरिक विभिन्न परिस्थितियों में रूसी सैन्य तंत्र से जुड़े थे और यूक्रेन युद्ध की पृष्ठभूमि में उन्हें सीधे या अप्रत्यक्ष रूप से युद्ध क्षेत्रों में तैनात किया गया। कई मामलों में युवाओं को एजेंटों द्वारा बेहतर वेतन और नौकरी का झांसा देकर रूस ले जाया गया, लेकिन बाद में उन्हें सैन्य अनुबंधों में फंसा दिया गया।
Ten Indians confirmed dead after joining Russian army, four missing, families seek answers, action against agents.
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— shorts91 (@shorts_91) December 28, 2025
रूसी अधिकारियों के संपर्क में भारत सरकार
विदेश मंत्रालय ने कुछ दिन पहले ही संसद को अवगत कराया था कि भारत लगातार रूसी अधिकारियों के संपर्क में है और जो भारतीय अभी जीवित हैं, उन्हें सैन्य सेवा से मुक्त कराने और सुरक्षित स्वदेश वापसी के प्रयास जारी हैं। सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि मृतकों के परिवारों को हर संभव सहायता दी जा रही है। इस मुद्दे ने देश में गहरा आक्रोश और चिंता पैदा कर दी है। कई परिवारों ने अपने बेटों से महीनों से कोई संपर्क न होने की बात कही है। मानवाधिकार संगठनों ने भी इस पूरे नेटवर्क की अंतरराष्ट्रीय जांच की मांग की है। सरकार ने युवाओं को चेतावनी दी है कि विदेशों में नौकरी के नाम पर किए जा रहे फर्जी सैन्य अनुबंधों से सावधान रहें और केवल वैध माध्यमों से ही विदेश यात्रा करें।
Another Indian citizen dead after being pulled into the Russian army, Adjaya Godara, 22, arrived in Russia in November 2024 to attend language courses, looking for civilian work. Three months later, drafted into the army and sent to the front without any military training. He… pic.twitter.com/eRc8N6oPv1
— SPRAVDI — Stratcom Centre (@StratcomCentre) December 26, 2025
10 भारतीय युवाओं की मौत की पुष्टि
इस मामले में अब तक 10 भारतीय युवाओं की रूसी सेना में शामिल होने के दौरान मौत की पुष्टि हो चुकी है । जगदीप सिंह नामक एक भारतीय युवक ने अपने भाई मंदीप और अन्य फंसे भारतीयों की तलाश में दो बार रूस की यात्रा की। जगदीप ने बताया कि भारत लौटने के बाद उन्होंने राज्यसभा सांसद संत बलबीर सिंह सीचेवाल के कार्यालय में ऐसे दस्तावेज़ जमा कराए, जिनसे इन मौतों की पुष्टि होती है।
Indian have been turned into cannon fodder. Who is going to solve this problem? MEA told parliament that over 200 Indians were recruited (Read it as forcefully pushed on front) by Russian army.
बहुत दयनीय स्थिति है। https://t.co/gIvKE8OiJ1
— Dr. Syed Mohd Murtaza مرتضیٰ (@syedmohdmurtaza) December 22, 2025
मृतकों का विवरण
जगदीप सिंह के अनुसार, रूसी सेना में मारे गए 10 भारतीयों में शामिल हैं:
- तेजपाल सिंह (अमृतसर, पंजाब)
- अरविंद कुमार (लखनऊ)
- धीरेंद्र कुमार (उत्तर प्रदेश)
- विनोद यादव (उत्तर प्रदेश)
- योगेंद्र यादव (उत्तर प्रदेश)
इसके अलावा पांच अन्य भारतीय युवक, जिनमें जम्मू और अन्य राज्यों के निवासी शामिल हैं।
चार भारतीय अब भी लापताः अब भी जिन भारतीय युवाओं का कोई सुराग नहीं मिला है, उनके नाम हैं:
- दीपक
- योगेश्वर प्रसाद
- अज़हरुद्दीन खान
- राम चंद्र
इन युवाओं के परिवार आज भी किसी खबर की आस में हैं।
जगदीप सिंह की रूस यात्राएं
जगदीप ने बताया कि पहली यात्रा 21 दिनों की थी, जिसमें उन्होंने मास्को समेत कई शहरों में फंसे भारतीयों, खासकर पंजाबी युवाओं की जानकारी जुटाई। दूसरी यात्रा करीब दो महीने की रही, जिसमें उन्होंने गहराई से खोजबीन की, भारतीय युवाओं, उनके परिवारों और स्थानीय संपर्कों से मुलाकात की। उन्होंने कहा कि कई युवाओं को रोज़गार के नाम पर रूस बुलाया गया, लेकिन बाद में उन्हें या तो जबरन या धोखे से सैन्य गतिविधियों से जुड़े हालात में डाल दिया गया।