Edited By Rohini Oberoi,Updated: 09 May, 2025 11:12 AM

7 मई को भारत के कई शहरों में युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया। इसी कड़ी में जोधपुर में भी पंद्रह मिनट के लिए कई इलाकों की बिजली गुल कर दी गई। इस दौरान शहर के लोगों ने भी पूरी जिम्मेदारी दिखाते हुए अपने घरों की...
नेशनल डेस्क। 7 मई को भारत के कई शहरों में युद्ध जैसी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए ब्लैकआउट का अभ्यास किया गया। इसी कड़ी में जोधपुर में भी पंद्रह मिनट के लिए कई इलाकों की बिजली गुल कर दी गई। इस दौरान शहर के लोगों ने भी पूरी जिम्मेदारी दिखाते हुए अपने घरों की लाइटें बंद कर दीं।
ब्लैकआउट के दौरान जोधपुर शहर थम सा गया। घरों की रोशनी बंद हो गई सड़कों पर वाहनों की आवाजाही रुक गई और जहां जिसकी गाड़ी थी वहीं उसका इंजन बंद हो गया। इस दौरान शहर में एक शादी समारोह चल रहा था जहां अचानक अंधेरा छा गया लेकिन दूल्हे ने ब्लैकआउट का सायरन बजते ही तुरंत घर की सारी लाइटें बंद करवा दीं और सेहरा बांधकर ब्लैकआउट खत्म होने का इंतजार करने लगा।
शहनाई रुकी, दूल्हे की समझदारी की तारीफ
शादी समारोह में रस्में चल रही थीं और घर में शहनाइयां बज रही थीं। तभी ब्लैकआउट का सायरन सुनाई दिया। इसे सुनते ही दूल्हे ने बिना किसी देरी के सारे कार्यक्रम को थोड़ी देर के लिए रुकवा दिया और घर की सभी लाइटें बंद करवा दीं। पंद्रह मिनट बाद जब फिर से सायरन बजा तब जाकर लाइटें चालू की गईं और शादी के अन्य रिवाज पूरे किए गए। शादी में आए मेहमानों ने दूल्हे की इस समझदारी और जिम्मेदारी की खूब तारीफ की। लोगों ने कहा कि दूल्हे ने एक जिम्मेदार नागरिक होने का फर्ज निभाया।
अंधेरे में डूबा शहर
ब्लैकआउट के दौरान जोधपुर के कई इलाके पंद्रह मिनट के लिए पूरी तरह से अंधेरे में डूब गए। यह ब्लैकआउट युद्ध के दौरान होने वाली संभावित स्थिति के अभ्यास के तौर पर किया गया था। युद्ध के समय इस तरह अंधेरा होने से दुश्मन के हवाई जहाजों को नीचे घर दिखाई नहीं देते जिससे वे हमला नहीं कर पाते और आगे बढ़ जाते हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव को देखते हुए यह ब्लैकआउट ड्रिल लोगों को ऐसी स्थिति से निपटने के लिए तैयार करने के उद्देश्य से करवाई गई थी। इस अभ्यास ने यह दिखाया कि जोधपुर के लोग किसी भी आपातकालीन स्थिति का सामना करने के लिए कितने सतर्क और जिम्मेदार हैं।