न्याय तुरंत नहीं हो सकता, लेकिन देरी भी नहीं होनी चाहिए : उपराष्ट्रपति

Edited By shukdev,Updated: 08 Dec, 2019 10:13 PM

justice cannot be done immediately but it should not be delayed vice president

उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि न्याय तुरंत नहीं हो सकता लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए, नहीं तो लोग अशांत हो जाएंगे और वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे। हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से...

नई दिल्ली: उपराष्ट्रपति एम वेंकैया नायडू ने रविवार को कहा कि न्याय तुरंत नहीं हो सकता लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए, नहीं तो लोग अशांत हो जाएंगे और वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे। हैदराबाद में महिला पशु चिकित्सक से बलात्कार-हत्या की घटना और इसके चारों आरोपियों के पुलिस मुठभेड़ में मारे जाने की घटना के मद्देनजर प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे की टिप्पणी के एक दिन बाद उपराष्ट्रपति ने यह बात कही है।

सीजेआई ने कहा था कि न्याय कभी तुरंत नहीं हो सकता। उन्होंने इस बात का भी जिक्र किया था कि फौजदारी न्याय प्रणाली को मामलों के निपटारे में लगने वाले समय के प्रति अपनी स्थिति पर पुनर्विचार करना चाहिए। उपराष्ट्रपति ने लोकतंत्र के स्तंभों पर वीरेंद्र भाटिया स्मृति व्याख्यान देते हुए कहा,‘न्याय तुरंत नहीं हो सकता लेकिन न्याय देने में लगातार देरी भी नहीं होनी चाहिए। अन्यथा लोग अशांत हो जाएंगे और वे कानून अपने हाथ में लेने की कोशिश करेंगे।' 

नायडू ने न्याय प्रणाली को लोगों के लिए और अधिक सहज बनाने के लिए अदालती कार्यवाही स्थानीय भाषाओं में करने की अपील की, ताकि लोग इसे समझ सकें। उन्होंने यह भी कहा कि कुछ खास मामलों, जैसे कि चुनाव याचिकाओं और मौजूदा सांसदों एवं विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामलों में समयबद्ध तरीके से फैसला दिए जाने की जरूरत है।

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