Edited By Anu Malhotra,Updated: 27 Aug, 2022 12:17 PM

न्यायमूर्ति उदय उमेश ललित ने शनिवार को भारत के 49वें प्रधान न्यायाधीश के रूप में शपथ ग्रहण की। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राष्ट्रपति भवन में आयोजित संक्षिप्त समारोह में न्यायमूर्ति ललित को शपथ दिलाई। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, प्रधानमंत्री नरेंद्र...
नई दिल्ली: न्यायमूर्ति न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने शनिवार को 49 वें मुख्य न्यायाधीश के तौर पर शपथ ली। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने वरिष्ठतम न्यायाधीश को राष्ट्रपति भवन में शपथ दिलाई। वकालत करते हुए सीधे उच्चतम न्यायालय के न्यायाधीश बने मुख्य न्यायाधीश ललित का कार्यकाल 73 दिनों का होगा। वह 8 नवंबर 2022 तक भारत के मुख्य न्यायाधीश पद पर रहेंगे।
न्यायमूर्ति ललित शीर्ष अदालत के दूसरे मुख्य न्यायाधीश है, जिन्हें इस पद पर पहुंचने का गौरव प्राप्त हुआ। इससे पहले न्यायमूर्ति एस एम सीकरी को 1964 में 13वां मुख्य न्यायाधीश बनने का सौभाग्य मिला था। न्यायमूर्ति ललित का जन्म 9 नवंबर 1957 को हुआ था। जून 1983 में एक वकील के रूप में पंजीकरण हुआ और दिसंबर 1985 तक बॉम्बे उच्च न्यायालय में वकालत की। जनवरी 1986 में दिल्ली आकर वकालत जारी रखा। अप्रैल 2004 में उन्हें सर्वोच्च न्यायालय द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ता के रूप में नामित किया गया। कई मामलों में एमिकस क्यूरी के रूप में भूमिका निभाई। उन्हें उच्चतम न्यायालय के आदेश के तहत सभी 2जी मामलों में सुनवाई करने के लिए केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) के लिए विशेष लोक अभियोजक नियुक्त किया गया था।
दो कार्यकालों के लिए भारत के सर्वोच्च न्यायालय कानूनी सेवा समिति के सदस्य रहे और 13 अगस्त 2014 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश नियुक्त हुए। न्यायमूर्ति ललित 73 दिनों तक मुख्य न्यायाधीश रहेंगे ओर 8 नवंबर 2022 को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। भारत के 48 वें मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) न्यायमूर्ति एन वी रमना करीब 16 महीनों तक मुख्य न्यायाधीश के पद पर रहने के बाद 26 अगस्त को सेवानिवृत्त हो गए। न्यायमूर्ति ललित के बाद न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के अगला मुख्य न्यायाधीश बनने की संभावना है। यदि ऐसा होता है तो वह करीब दो साल तक भारत के मुख्य न्यायाधीश रह सकते हैं।