जानिए क्या है Sugar Board, जो बच्चों की सेहत के लिए होगा बेहद फायदेमंद

Edited By Pardeep,Updated: 01 Jun, 2025 12:35 AM

know what is sugar board

केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बच्चों में बढ़ती टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे की समस्या को देखते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। CBSE ने सभी संबद्ध स्कूलों को 'शुगर बोर्ड' स्थापित करने का निर्देश दिया है।

नेशनल डेस्कः केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) ने बच्चों में बढ़ती टाइप 2 डायबिटीज और मोटापे की समस्या को देखते हुए एक महत्वपूर्ण पहल की है। CBSE ने सभी संबद्ध स्कूलों को 'शुगर बोर्ड' स्थापित करने का निर्देश दिया है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों को अधिक चीनी के सेवन से होने वाले स्वास्थ्य जोखिमों के बारे में जागरूक करना है।


क्या है 'शुगर बोर्ड' और कैसे करेगा यह मदद?


बच्चों में चीनी का सेवन और स्वास्थ्य पर प्रभाव

  • आंकड़े: 4-10 वर्ष की आयु के बच्चों को उनकी दैनिक कैलोरी का 13% चीनी से मिलता है, जबकि 11-18 वर्ष की आयु के बच्चों को 15% चीनी से मिलता है। यह 5% की सुरक्षित सीमा से बहुत ज्यादा है।

  • स्वास्थ्य जोखिम: अधिक चीनी का सेवन बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज, मोटापा, उच्च रक्तचाप और अन्य जीवनशैली से संबंधित बीमारियों का कारण बन सकता है।


राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (NCPCR) का समर्थन

NCPCR ने सभी स्कूलों में 'शुगर बोर्ड' के उपयोग का समर्थन किया है, जिसमें राज्य बोर्ड के अंतर्गत आने वाले स्कूल भी शामिल हैं। NCPCR का कहना है कि बच्चों में टाइप 2 डायबिटीज में तेजी से वृद्धि हो रही है, जो पहले ज्यादातर वयस्कों में देखी जाती थी। 

PM मोदी भी कर चुके हैं 'शुगर बोर्ड' पहल की सराहना 
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गत रविवार को कहा कि देशभर के सीबीएसई से संबद्ध स्कूलों में छात्रों को अधिक चीनी सेवन के दुष्प्रभावों के प्रति जागरूक करने के लिए जो 'शुगर बोर्ड' लगाए जा रहे हैं, वह एक सराहनीय पहल है। अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की 122वीं कड़ी में प्रधानमंत्री ने कहा, "आपने स्कूलों में ब्लैकबोर्ड देखे होंगे, लेकिन अब कुछ स्कूलों में शुगर बोर्ड भी लगाए जा रहे हैं। ब्लैकबोर्ड नहीं, बल्कि शुगर बोर्ड।"  प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की इस पहल का उद्देश्य बच्चों को चीनी के सेवन के बारे में जागरूक करना और उन्हें स्वस्थ विकल्प चुनने में मदद करना है। 

विशेषज्ञों की राय 
बेंगलुरु के पोषण विशेषज्ञों, डायबिटोलॉजिस्टों और बाल अधिकार कार्यकर्ताओं ने CBSE की इस पहल की सराहना की है। उनका कहना है कि इस तरह की जानकारी बच्चों को स्वस्थ आहार की आदतें विकसित करने में मदद करेगी और जीवनभर के लिए उनके खाने की आदतों को आकार देगी।

Related Story

Trending Topics

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!