Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Sep, 2021 01:24 PM
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश देते हुए कहा कि महिला उम्मीदवारों को इसी साल नवंबर में NDA की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से मई 2022 तक का वक्त देने की मांग ठुकराते हुए कहा कि सशस्त्र बल ''आपात...
नेशनल डेस्क: सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को आदेश देते हुए कहा कि महिला उम्मीदवारों को इसी साल नवंबर में NDA की प्रवेश परीक्षा में शामिल होने की अनुमति दी जाए। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र की ओर से मई 2022 तक का वक्त देने की मांग ठुकराते हुए कहा कि सशस्त्र बल 'आपात स्थितियों' से निपटने के लिए सबसे उपयुक्त है। कोर्ट ने अग्जाम में देरी पर कहा कि हम नहीं चाहते कि महिलाओं को उनके अधिकार से वंचित किया जाए।
रक्षा मंत्रालय को यूपीएससी के सहयोग से जरूरी कदम उठाने चाहिए। महिला उम्मीदवार इसी साल नवंबर में होने वाली NDA परीक्षा में बैठेंगी। NDA 2020 की प्रवेश परीक्षा 14 नवंबर को होनी है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि महिलाओं को मई 2022 तक NDA की परीक्षा में बैठने की अनुमति देने से वे 2023 में NDA में शामिल होंगी, ऐसे में देरी हो जाएगी। कोर्ट ने कहा कि अब शुरुआत करने का समय आ गया है।
बता दें कि रक्षा मंत्रालय की ओर से कैप्टन शांतनू शर्मा द्वारा मंगलवार को दायर हलफनामे में कहा गया था कि यद्यपि एनडीए में प्रवेश के लिए साल में दो बार परीक्षा आयोजित की जाती है, लेकिन महिलाओं के लिए आवश्यक तंत्र मई 2022 तक विकसित की जा सकेगी। हलफनामे में कहा गया था कि महिलाओं को एनडीए के जरिए सेना में प्रवेश देने में आने वाली दिक्कतों और महिला उम्मीदवारों के निर्बाध प्रशिक्षण के लिए व्यापक तैयारी की जा रही है। रक्षा मंत्रालय ने कहा था कि इसके लिए महिला उम्मीदवारों के वास्ते चिकित्सा मानदंडों के निर्धारण सहित तमाम पहलुओं के मानक तय किए जा रहे हैं। मंत्रालय का कहना था कि यदि प्रशिक्षण के किसी भी मानक से समझौता किया जाएगा तो सशस्त्र बलों की युद्धभूमि में क्षमता पर इसका दुष्प्रभाव पड़ेगा।