महाराष्ट्र सरकार द्वारा दिया गया मराठा आरक्षण संवैधानिक, केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट कहा

Edited By Yaspal,Updated: 23 Mar, 2021 10:48 PM

maratha reservation given by maharashtra government constitutional

केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के पास मराठाओं को आरक्षण देने की विधायी क्षमता है और इसका निर्णय संवैधानिक है, क्योंकि 102वां संशोधन किसी राज्य को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) की सूची घोषित करने की शक्ति...

नई दिल्लीः केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से मंगलवार को कहा कि महाराष्ट्र के पास मराठाओं को आरक्षण देने की विधायी क्षमता है और इसका निर्णय संवैधानिक है, क्योंकि 102वां संशोधन किसी राज्य को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्गों (एसईबीसी) की सूची घोषित करने की शक्ति से वंचित नहीं करता।

वर्ष 2018 में लाए गए 102वें संविधान संशोधन कानून में अनुच्छेद 338 बी, जो राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग के ढांचे, दायित्वों और शक्तियों से संबंधित है, तथा अनुच्छेद 342ए, जो किसी खास जाति को सामाजिक और शैक्षिक रूप से पिछड़ा घोषित करने की राष्ट्रपति की शक्ति और सूची में बदलाव की संसद की शक्ति से संबंधित है, लाए गए थे।

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे के नेतृत्व वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ को केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने बताया कि एसईबीसी कानून 2018 के मद्देनजर महाराष्ट्र द्वारा राज्य में नौकरियों और दाखिलों में मराठा समुदाय के लोगों को आरक्षण देना संवैधानिक है। मेहता ने कहा, ‘‘केंद्र का मत है कि महाराष्ट्र एसईबीसी कानून संवैधानिक है।'' उन्होंने कहा कि केंद्र अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के अभिवेदनों को स्वीकार करता है और इसे केंद्र सरकार का मत माना जाना चाहिए।

अटॉर्नी जनरल ने 18 मार्च को शीर्ष अदालत से कहा था कि संविधान का 102वां संशोधन राज्य विधायिकाओं को एसईबीसी निर्धारित करने और उन्हें लाभ देने के लिए कानून लाने से वंचित नहीं करता। मेहता ने कहा कि संशोधन के जरिए लाया गया अनुच्छेद 342 ए राज्यों को एसईबीसी घोषित करने की शक्ति से वंचित नहीं करता।

पीठ ने हालांकि मेहता से पूछा कि केंद्र ने आज की तारीख तक अनुच्छेद 342 ए के तहत एसईबीसी की कोई अधिसूचना जारी क्यों नहीं की है। मेहता ने कहा कि इन सभी सवालों के जवाब तब दिए जाएंगे जब पीठ 102वें संविधान संशोधन को चुनौती देने वाली याचिका पर विचार करेगी। मामले में जिरह बेनतीजा रही जो बुधवार को जारी रहेगी।

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