Edited By Rohini Oberoi,Updated: 12 Sep, 2025 04:28 PM

जम्मू-कश्मीर जिसे अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है वहां विवाह की सदियों पुरानी परंपरा अब एक बड़े बदलाव से गुजर रही है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में आधी से ज्यादा महिलाएं अब अविवाहित हैं। यह आंकड़ा समाज की बदलती सोच और...
नेशनल डेस्क। जम्मू-कश्मीर जिसे अपनी अनूठी संस्कृति और परंपराओं के लिए जाना जाता है वहां विवाह की सदियों पुरानी परंपरा अब एक बड़े बदलाव से गुजर रही है। एक नई रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में आधी से ज्यादा महिलाएं अब अविवाहित हैं। यह आंकड़ा समाज की बदलती सोच और प्राथमिकताओं को दर्शाता है जहां पुरानी पितृसत्तात्मक मान्यताओं की जगह अब आर्थिक आत्मनिर्भरता और करियर के लक्ष्य ले रहे हैं।
क्यों अविवाहित रह रही हैं जम्मू-कश्मीर की महिलाएं?
1. आर्थिक अस्थिरता और बेरोजगारी:
पिछले कई दशकों से कश्मीर में अस्थिर राजनीतिक माहौल और सीमित रोजगार के अवसरों के कारण युवा आर्थिक रूप से असुरक्षित महसूस करते हैं। शादी और दहेज जैसी परंपराओं में भारी खर्च होता है जिससे बिना स्थिर नौकरी के विवाह करना बहुत मुश्किल हो जाता है। यही कारण है कि पुरुष और महिलाएं दोनों ही तब तक शादी टालते रहते हैं जब तक वे आर्थिक रूप से मजबूत न हो जाएं।
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2. करियर और शिक्षा को प्राथमिकता:
आज के युवा विशेषकर महिलाएँ शिक्षा और करियर को बहुत ज्यादा महत्व दे रही हैं। पहले जहां कम उम्र में ही शादी कर दी जाती थी वहीं अब लड़कियां पहले अपनी पढ़ाई पूरी करना और अपने पेशेवर लक्ष्यों को हासिल करना चाहती हैं। वे मानती हैं कि शादी और घरेलू जिम्मेदारियां उनके करियर के रास्ते में बाधा बन सकती हैं इसलिए वे शादी में देरी करना या उसे पूरी तरह से टालना पसंद करती हैं।

3. सामाजिक दबाव और बढ़ती मांगें:
कश्मीर में अभी भी अरेंज मैरिज का चलन है जिसमें परिवार जाति और आर्थिक स्थिति जैसी बातों पर बहुत ज्यादा ध्यान देते हैं। इन अपेक्षाओं को पूरा करने में अक्सर काफी समय लगता है जिससे शादी में देरी होती है। इसके अलावा दहेज की बढ़ती मांगें भी एक बड़ा कारण हैं। भले ही ऐसी प्रथाओं को रोकने के प्रयास किए जा रहे हों लेकिन इन मांगों के चलते कई लड़कियों के विवाह नहीं हो पाते हैं।
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4. बदलता सामाजिक नजरिया:
शादी और रिश्तों के प्रति लोगों का नजरिया धीरे-धीरे बदल रहा है। अब युवा खासकर महिलाएँ सिर्फ सामाजिक दबाव में आकर शादी नहीं करना चाहतीं। वे अपने लिए एक ऐसे जीवनसाथी की तलाश में हैं जो उनके अनुकूल हो और जिसके साथ वे एक सार्थक रिश्ता बना सकें। वे अपनी पसंद से समझौता करने के बजाय अविवाहित रहना ज्यादा पसंद करती हैं।