Edited By Harman Kaur,Updated: 13 Jun, 2025 03:09 PM

अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जहां पूरा देश शोक में डूबा है, वहीं इस हादसे में जीवित बचे इकलौते यात्री विश्वास कुमार रमेश की कहानी चमत्कार जैसी लगती है। वे फ्लाइट में सीट नंबर 11A पर बैठे थे- एक ऐसी...
नेशनल डेस्क: अहमदाबाद से लंदन जा रही एयर इंडिया की फ्लाइट AI171 के दुर्घटनाग्रस्त होने के बाद जहां पूरा देश शोक में डूबा है, वहीं इस हादसे में जीवित बचे इकलौते यात्री विश्वास कुमार रमेश की कहानी चमत्कार जैसी लगती है। वे फ्लाइट में सीट नंबर 11A पर बैठे थे- एक ऐसी सीट जिसे आमतौर पर यात्री पसंद नहीं करते।
सीट 11A: यात्रियों की नापसंद, पर विश्वास के लिए जीवनदायिनी
बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर विमान में 11A सीट आमतौर पर खिड़की के ठीक सामने नहीं होती और कई कारणों से असुविधाजनक मानी जाती है- कम लेगरूम, इंजन शोर, भोजन देरी और आपात निकास द्वार के पास होने के कारण हलचल ज्यादा। फिर भी, यही सीट हादसे के वक्त विश्वास की जान बचाने वाली साबित हुई।
विश्वास की ज़ुबानी हादसे का खौफनाक मंजर
अस्पताल में भर्ती विश्वास ने बताया कि टेक ऑफ के कुछ सेकंड बाद ही विमान में कुछ अजीब हुआ, फिर अचानक प्लेन मेडिकल कॉलेज की बिल्डिंग से जा टकराया। वे बताते हैं कि उनकी सीट संभवतः मलबे के साथ नीचे की ओर गिर गई और एक टूटा दरवाजा व खाली जगह उन्हें बाहर निकलने का रास्ता दे गई।
सेंकडों में फैली आग, पल भर का फर्क
विश्वास बताते हैं कि आग तेजी से फैल रही थी। एक सेकंड की भी देरी होती तो वे भी शायद बाकी यात्रियों की तरह जान गंवा देते। हादसे में उनका बायां हाथ झुलस गया, लेकिन उनकी जान बच गई।
इमरजेंसी सीट बनी जीवन रेखा
ब्रिटेन के एविएशन विशेषज्ञ गॉय लिच ने कहा कि शायद प्लेन के टुकड़े होते समय विश्वास की सीट अलग हो गई और वह मलबे से दूर जा गिरी। इमरजेंसी निकास द्वार के पास बैठना भी उनकी जान बचाने का अहम कारण हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी से मुलाकात, मिले सांत्वना के शब्द
हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अस्पताल में विश्वास से मुलाकात की, उनका हालचाल जाना और हिम्मत दी। यह मुलाकात हादसे के दर्दनाक पल में उम्मीद की एक किरण की तरह थी।