नो कॉस्ट EMI में कितना है ‘नो कॉस्ट’? जान लीजिए इसके पीछे की पूरी सच्चाई

Edited By Updated: 22 Sep, 2025 06:45 PM

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त्योहारी सीजन में नो कॉस्ट EMI एक आकर्षक विकल्प बनकर उभरता है, जिससे महंगे प्रोडक्ट्स को बिना ब्याज के किश्तों में खरीदा जा सकता है। यह विकल्प बजट पर कम दबाव डालता है, लेकिन इसके साथ जुड़ी प्रोसेसिंग फीस, छिपे शुल्क और क्रेडिट स्कोर पर संभावित...

नेशनल डेस्क : त्योहारों का मौसम शुरू होते ही बाजारों में रौनक छा जाती है। ऑनलाइन सेल हो या मॉल में भारी डिस्काउंट, हर कोई नए स्मार्टफोन, टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन या फर्नीचर जैसी चीजें खरीदने की होड़ में है। लेकिन जब जेब इजाजत न दे, तो ‘नो कॉस्ट EMI’ जैसे ऑफर किसी वरदान से कम नहीं लगते। लेकिन क्या वाकई यह फायदे का सौदा है, या इसके पीछे कोई छिपी लागत है? आइए, समझते हैं कि नो कॉस्ट EMI क्या है, यह कैसे काम करती है, और क्या यह त्योहारी खरीदारी के लिए सही विकल्प है।

नो कॉस्ट EMI क्या है?
नो कॉस्ट EMI एक ऐसा भुगतान विकल्प है, जिसमें आप कोई उत्पाद खरीदकर उसकी कीमत को बिना ब्याज के मासिक किश्तों में चुका सकते हैं। उदाहरण के लिए, यदि किसी प्रोडक्ट की कीमत 30,000 रुपये है, तो आप इसे 6 महीने में 5,000 रुपये की किश्तों में चुका सकते हैं। यह सुनने में आकर्षक लगता है, लेकिन इसका गणित उतना सीधा नहीं है। कई बार विक्रेता ब्याज की राशि को डिस्काउंट में समायोजित कर देते हैं, जिससे आपको लगता है कि आप बिना ब्याज के भुगतान कर रहे हैं, जबकि वास्तव में छूट की राशि कम हो जाती है।

नो कॉस्ट EMI के फायदे और नुकसान
नो कॉस्ट EMI का सबसे बड़ा लाभ यह है कि यह आपके बजट को बिना बिगाड़े महंगे उत्पाद खरीदने का मौका देता है। एकमुश्त 50,000 रुपये देना मुश्किल हो सकता है, लेकिन 5,000 रुपये की 10 किश्तों में भुगतान करना जेब पर कम बोझ डालता है। खासकर त्योहारी सीजन में, जब खर्चे पहले से ही बढ़ जाते हैं, यह विकल्प वॉशिंग मशीन, फ्रिज, या लैपटॉप जैसी जरूरी चीजें खरीदने में मददगार साबित होता है। यह आपके वित्तीय प्रबंधन को आसान बनाता है और तुरंत भारी खर्च से बचाता है।

हर आकर्षक ऑफर की तरह नो कॉस्ट EMI में भी कुछ कमियां हैं। कई बार इसमें प्रोसेसिंग फीस, डिवाइस चार्ज, या अन्य छिपे शुल्क शामिल होते हैं, जिनके बारे में ग्राहकों को पहले नहीं बताया जाता। कुछ मामलों में नो कॉस्ट EMI चुनने पर डायरेक्ट डिस्काउंट या कैशबैक नहीं मिलता, जो पूर्ण भुगतान पर उपलब्ध होता है। सबसे बड़ा जोखिम तब होता है, जब आप समय पर EMI नहीं चुका पाते। इससे आपका क्रेडिट स्कोर खराब हो सकता है, जिसका असर भविष्य में लोन लेने की प्रक्रिया पर पड़ सकता है।

कब चुनें नो कॉस्ट EMI?
नो कॉस्ट EMI आपके लिए तब सही विकल्प हो सकता है, जब आपके पास तुरंत पूर्ण भुगतान के लिए पर्याप्त राशि न हो, लेकिन आप EMI को समय पर चुकाने में सक्षम हों। यदि प्रोडक्ट पर कोई विशेष कैशबैक या डिस्काउंट नहीं मिल रहा, तो नो कॉस्ट EMI चुनना फायदेमंद हो सकता है। साथ ही, त्योहारी सीजन में एक साथ कई चीजें खरीदने की योजना हो, तो यह विकल्प आपके खर्चों को मैनेज करने में मदद करता है।

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