Crude Oil Price Alert: महंगा होने वाला है पेट्रोल-डीजल! भारत ने उठाया यह बड़ा कदम

Edited By Updated: 07 Nov, 2025 12:35 PM

petrol and diesel prices are about to get expensive india has taken this step

वैश्विक बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में उछाल की आशंका जताई जा रही है। रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध और ओपेक देशों द्वारा उत्पादन में रोक लगाने के फैसले से सप्लाई घट सकती है, जिससे पेट्रोल-डीजल महंगे हो सकते हैं। भारत सरकार ने पहले से तैयारी शुरू कर दी...

नेशनल डेस्क : भारत में हर सुबह 6 बजे सरकारी तेल विपणन कंपनियां पेट्रोल और डीजल के दामों की समीक्षा करती हैं। कभी कीमतों में बढ़ोतरी होती है, तो कभी मामूली कमी देखी जाती है। हालांकि राज्यों में टैक्स दरों के कारण थोड़े बहुत अंतर के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम लगभग समान ही रहते हैं। पिछले कुछ सालों से तेल की कीमतों में बड़ी बढ़ोतरी नहीं हुई है, लेकिन अब हालात बदलते नजर आ रहे हैं।

वैश्विक बाजार में बढ़ सकता है क्रूड ऑयल का दबाव

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी आने की संभावना है। रूस की प्रमुख कंपनियों रोसनेफ्ट (Rosneft) और लुकोइल (Lukoil) पर अमेरिकी प्रतिबंधों और एक बड़े तेल समूह की आपूर्ति में कमी के चलते वैश्विक तेल बाजार में नए उतार-चढ़ाव की स्थिति बन गई है। मई 2025 में जहां क्रूड ऑयल की कीमतें चार साल के निचले स्तर यानी 60 डॉलर प्रति बैरल थीं, वहीं जून तक यह बढ़कर 76 डॉलर प्रति बैरल पहुंच गईं। आने वाले समय में इसमें और उछाल देखने को मिल सकता है।

तेल की कीमतें क्यों बढ़ सकती हैं?

1. रूस पर अमेरिकी प्रतिबंध:

अमेरिका द्वारा रूसी तेल कंपनियों पर लगाए गए प्रतिबंध 21 नवंबर से लागू होंगे। इससे वैश्विक आपूर्ति घटेगी, और स्वाभाविक रूप से तेल की कीमतों पर असर पड़ेगा। पहले से ही बाजार में हल्की बढ़ोतरी दिख रही है, जो आगे और तेज हो सकती है।

2. ओपेक प्लस (OPEC+) का उत्पादन निर्णय:

तेल उत्पादक देशों का संगठन ओपेक (OPEC) ने दिसंबर में उत्पादन 1.37 लाख बैरल प्रतिदिन बढ़ाने का ऐलान किया था, लेकिन अब जनवरी से मार्च 2026 तक उत्पादन बढ़ोतरी पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। ओपेक के अनुसार, यह कदम मौसमी परिस्थितियों और आठ सदस्य देशों की स्थितियों को ध्यान में रखकर लिया गया है। इससे बाजार में सप्लाई प्रभावित होगी और दामों में इजाफा संभव है।

भारत की तैयारी, बढ़ाया जा रहा है तेल भंडार

कच्चे तेल के अंतरराष्ट्रीय उतार-चढ़ाव को देखते हुए भारत अपनी ऊर्जा सुरक्षा (Energy Security) को मजबूत करने में जुटा है।
भारत की रणनीति यह है कि कीमतें बढ़ने से पहले ही पर्याप्त तेल भंडारण कर लिया जाए, ताकि ऊंचे दामों पर विदेशी बाजार से तेल खरीदने की जरूरत न पड़े। रिपोर्ट्स के मुताबिक, वर्तमान में वैश्विक स्तर पर कीमतें अपेक्षाकृत कम हैं, इसलिए भारत ने हाल के महीनों में तेल खरीदारी की रफ्तार बढ़ा दी है।

भारत में तेल का भंडारण सरकार और इंडियन स्ट्रैटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स लिमिटेड (ISPRL) मिलकर करते हैं।
इस समय देश में तीन प्रमुख ऑयल रिजर्व हैं, जबकि दो और नए तेल भंडार तैयार किए जा रहे हैं। यानी जल्द ही भारत के पास कुल पांच तेल भंडार (Oil Reserves) होंगे, जो देश की ऊर्जा सुरक्षा को और मजबूत बनाएंगे।

क्या भारत में महंगे होंगे पेट्रोल और डीजल?

फिलहाल इस पर कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की गई है। तेल की खुदरा कीमतें कई कारकों पर निर्भर करती हैं। जैसे कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की आपूर्ति, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले रुपया, टैक्स दरें और परिवहन लागत। इसलिए अभी यह कहना जल्दबाजी होगी कि भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ेंगे या नहीं। लेकिन अगर वैश्विक स्तर पर क्रूड ऑयल महंगा होता है, तो इसका असर आने वाले हफ्तों में घरेलू बाजार पर दिख सकता है।

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