PM मोदी की धार्मिक नेताओं से अपील, कोरोना वैक्सीन के प्रति लोगों में झिझक दूर करने में करें मदद

Edited By Seema Sharma,Updated: 29 Jul, 2021 08:27 AM

pm modi sought the help of religious leaders on corona vaccine

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की तथा टीकों के बारे में जागरूकता फैलाने और टीका लगवाने में लोगों की झिझक दूर करने के लिए सरकार के साथ काम करने की...

नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना की स्थिति पर चर्चा करने के लिए बुधवार को धार्मिक और सामाजिक संगठनों के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत की तथा टीकों के बारे में जागरूकता फैलाने और टीका लगवाने में लोगों की झिझक दूर करने के लिए सरकार के साथ काम करने की उनसे अपील की। प्रधानमंत्री ने इन नेताओं से स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ समारोह का हिस्सा बनने के लिए भी कहा। उन्होंने कहा कि इस अवसर पर हमें 'भारत जोड़ो आंदोलन' के जरिए पूरे देश को एकजुट करने की दिशा में काम करना चाहिए और 'एक भारत श्रेष्ठ भारत' की सच्ची भावना को प्रदर्शित करना चाहिए। वीडियो कांफ्रेंस के जरिए किए गए संवाद में पीएम मोदी ने कहा कि यह चर्चा इस बारे में एक और उदाहरण है कि समाज और सरकार देश के फायदे के लिए साथ मिल कर काम कर रही है।

 

PMO के एक बयान में कहा गया है कि पीएम मोदी ने covid-19 से उपजी चुनौतियों से निपठने में इन संगठनों द्वारा किए गए कार्य की सराहना की। संवाद के दौरान मोदी ने कहा कि महामारी के दौरान जाति और धर्म पर बिना विचार किए लोगों को मदद दी गई तथा यह ‘एक भारत- एकनिष्ठ प्रयास' का श्रेष्ठ उदाहरण है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पूरे देश में मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा महामारी के दौरान अस्पताल और आइसोलेशन केन्द्र बन गए। इसके साथ ही, इन धार्मिक स्थलों के द्वारा जरूरतमंदों को भोजन और दवा उपलब्ध कराई गई। प्रधानमंत्री ने पूरे देश में टीकाकरण अभियान के बारे में चर्चा करते हुए कहा कि कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ‘सबको वैक्सीन, मुक्त वैक्सीन' एक सुरक्षा कवच के समान है।

 

बयान के अनुसार, उन्होंने धार्मिक और सामुदायिक नेताओं से सरकार के प्रयासों में शामिल होने का आग्रह किया, ताकि टीकाकरण के प्रति जागरूकता को बढ़ाया जा सके तथा टीकों को लेकर अफवाहों और दुविधाओं का मुकाबला किया जा सके। संवाद में केंद्रीय धार्मिक जन मोर्चा के संयोजक और जमात-ए-इस्लामी हिंद के उपाध्यक्ष प्रो. सलीम इंजीनियर; भारतीय सर्व धर्म संसद, उत्तर प्रदेश के राष्ट्रीय संयोजक महा ऋषि पीठाधीश्वर गोस्वामी सुशील महाराज; नई दिल्ली के ओंकार धाम के पीठाधीश्वर स्वामी ओंकारानंद सरस्वती; गुरुद्वारा बंगला साहिब, नई दिल्ली के प्रमुख ग्रंथी सिंह साहिब ज्ञानी रणजीत सिंह; नई दिल्ली के इंस्टिट्यूट ऑफ हार्मनी ऐंड पीस स्टडीज़ के संस्थापक निदेशक डॉ. एम डी थॉमस; अखिल भारतीय रविदासिया धर्म संगठन के अध्यक्ष स्वामी वीर सिंह हितकारी शामिल हुए।

 

इनके अलावा, गलता पीठ, जयपुर के स्वामी संपत कुमार; अंतर्राष्ट्रीय महावीर जैन मिशन, नई दिल्ली के अध्यक्ष आचार्य विवेक मुनि; नई दिल्ली में लोटस टेंपल और भारतीय बहाई समुदाय के राष्ट्रीय ट्रस्टी व सचिव डॉ. ए. के. मर्चेंट; रामकृष्ण मिशन, नई दिल्ली के अध्यक्ष स्वामी शांतात्मानंद; और सिस्टर ओम शांति रिट्रीट सेंटर, हरियाणा की सिस्टर बी. के. आशा ने संवाद में हिस्सा लिया। इन प्रतिनिधियों ने इस बातचीत का आयोजन करने के लिए प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया और इस महामारी के खिलाफ लड़ाई में उनके निर्णायक नेतृत्व की सराहना की।

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