कोर्ट से पूजा खेडकर को लगा बड़ा झटका, अग्रिम जमानत देने से किया इनकार

Edited By Updated: 01 Aug, 2024 05:45 PM

pooja khedkar did not get relief from the court

दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है। पूजा खेड़कर पर धोखाधड़ी करने और ओबीसी तथा पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग व्यक्ति) कोटे का गलत लाभ उठाने का आरोप है।

नेशनल डेस्क: दिल्ली की एक अदालत ने पूर्व प्रशिक्षु आईएएस अधिकारी पूजा खेडकर को बड़ा झटका लगा है। अदालत ने पूजा खेडकर को अग्रिम जमानत देने से मना कर दिया है। पूजा खेड़कर पर धोखाधड़ी करने और ओबीसी तथा पीडब्ल्यूडी (दिव्यांग व्यक्ति) कोटे का गलत लाभ उठाने का आरोप है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश देवेंद्र कुमार जंगाला ने कहा कि दिल्ली पुलिस को "यह भी जांच करनी चाहिए कि क्या यूपीएससी के अंदर से किसी ने खेडकर की मदद की है"।

न्यायाधीश ने मामले में जांच का दायरा भी बढ़ाया और दिल्ली पुलिस को यह जांच करने का निर्देश दिया कि क्या अन्य व्यक्तियों ने बिना पात्रता के ओबीसी तथा पीडब्ल्यूडी कोटे के तहत लाभ उठाया है। यूपीएससी ने बुधवार को खेडकर की उम्मीदवारी रद्द कर दी और उन्हें भविष्य की परीक्षाओं से वंचित कर दिया। न्यायाधीश ने बुधवार को खेडकर द्वारा दायर आवेदन पर दलीलें सुनने के बाद आदेश सुरक्षित रख लिया था, जिन्होंने अपने वकील के माध्यम से दावा किया था कि उन्हें "गिरफ्तारी का खतरा" है।

​​​​​​​कार्यवाही के दौरान अभियोजन पक्ष के साथ-साथ यूपीएससी की ओर से पेश हुए वकील ने आवेदन का विरोध करते हुए दावा किया था कि उन्होंने "व्यवस्था को धोखा दिया है"। यूपीएससी की ओर से पेश हुए वकील ने अदालत के समक्ष दावा किया, "इस व्यक्ति ने कानून और कानूनी प्रक्रिया का दुरुपयोग किया है। उसके द्वारा कानून का दुरुपयोग करने की संभावना अभी भी बनी हुई है। वह एक साधन संपन्न व्यक्ति है।" उन पर संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) सिविल सेवा परीक्षा, 2022 के लिए अपने आवेदन में 'गलत जानकारी प्रस्तुत करने' का आरोप लगाया गया था।


जानें पूरा मामला?
आईएएस पूजा खेडकर को अपने प्रोबेशन पीरियड के दौरान पुणे में एडीएम (एडिशनल डिस्ट्रिक्ट मैजिस्ट्रेट) के रूप में नियुक्ति मिली थी। ट्रेनिंग के इस दौर में अधिकारियों को प्रशासन का कामकाज सिखाया जाता है। लेकिन आरोप है कि पूजा ने ऑफिस जॉइन करने से पहले ही अनुचित मांगें शुरू कर दी थीं। कई अफसरों ने इन शिकायतों को कलेक्टर के पास पहुंचाया, जिसके बाद पुणे के जिलाधिकारी सुहास दिवसे ने उनकी शिकायत मुख्य सचिव के पास भेजी।

आईएएस पूजा खेडकर पर कौन-कौन से आरोप हैं?

  • अनुचित मांगें: पूजा खेडकर ने ट्रेनिंग के दौरान सरकारी आवास, स्टाफ, गाड़ी, और ऑफिस में अलग केबिन की मांग की।
  • गैरकानूनी बत्तियां और Logo: उन्होंने अपनी निजी ऑडी कार पर लाल-नीली बत्ती और महाराष्ट्र सरकार का लोगो लगाकर अधिकारों का गलत इस्तेमाल किया।
  • दबाव बनाना: पूजा खेडकर ने चोरी के आरोप में गिरफ्तार एक ट्रांसपोर्टर को छोड़ने के लिए डीसीपी रैंक के अधिकारी पर दबाव डाला।
  • फेक सर्टिफिकेट का इस्तेमाल: उनके ऊपर आरोप है कि उन्होंने आईएएस बनने के लिए फेक सर्टिफिकेट का उपयोग किया। उन्होंने यूपीएससी फॉर्म में खुद को ओबीसी नॉन क्रीमी लेयर का दावेदार बताया।
  • महंगी संपत्ति: पूजा खेडकर पर यह आरोप भी है कि उनकी पारिवारिक संपत्ति करोड़ों में है और खुद भी करीब 17 करोड़ की मालकिन हैं। उनके पास 17 लाख रुपये की घड़ी भी बताई जा रही है।
  • विकलांगता का झूठा दावा: पूजा खेडकर ने विकलांगता श्रेणी के तहत यूपीएससी फॉर्म भरा था और दावा किया था कि वह 40% दृष्टिबाधित हैं और मानसिक बीमारी से जूझ रही हैं। हालांकि, मेडिकल परीक्षा के लिए बुलाए जाने पर वह कभी नहीं आईं।
  • एमबीबीएस कॉलेज में हेरफेर: पूजा ने एमबीबीएस कॉलेज में दाखिले के समय डॉक्यूमेंट्स में हेरफेर किया। 2011 या 2012 में मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के समय उनके पिता सेवा में थे।

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