Edited By Anu Malhotra,Updated: 08 Nov, 2025 05:40 PM

भारत में डिजिटल पेमेंट अब सिर्फ बड़ों तक सीमित नहीं रह गया है—अब बच्चे भी समझदारी से डिजिटल दुनिया में अपने पहले कदम रख सकेंगे। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने तकनीकी बदलावों को ध्यान में रखते हुए Junio Payments Private Limited को डिजिटल वॉलेट...
नेशनल डेस्क: भारत में डिजिटल पेमेंट अब सिर्फ बड़ों तक सीमित नहीं रह गया है—अब बच्चे भी समझदारी से डिजिटल दुनिया में अपने पहले कदम रख सकेंगे। रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया (RBI) ने तकनीकी बदलावों को ध्यान में रखते हुए Junio Payments Private Limited को डिजिटल वॉलेट सेवाएं शुरू करने की मंजूरी दे दी है। इस कदम के बाद ऐसे यूजर्स, जिनके पास बैंक अकाउंट नहीं है, वे भी यूपीआई के ज़रिए ऑनलाइन भुगतान कर पाएंगे।
डिजिटल पेमेंट का नया अध्याय
भारत दुनिया के सबसे बड़े डिजिटल पेमेंट मार्केट्स में से एक बन चुका है। छोटी दुकानों से लेकर बड़े मॉल तक—हर जगह यूपीआई क्यूआर कोड नजर आता है। अब RBI की इस नई पहल से डिजिटल लेनदेन का दायरा और भी बढ़ने जा रहा है। Junio का नया डिजिटल वॉलेट उन यूजर्स को भी सशक्त बनाएगा, जिन्हें अब तक बैंक अकाउंट न होने की वजह से ऑनलाइन पेमेंट की सुविधा नहीं मिल पाती थी।
बच्चों को सिखाएगा समझदारी से खर्च करना
जूनियो ऐप के संस्थापक अंकित गेरा और शंकर नाथ ने इसे खास तौर पर बच्चों और युवाओं के लिए तैयार किया है। ऐप का उद्देश्य सिर्फ पेमेंट सुविधा देना नहीं, बल्कि बच्चों में वित्तीय समझ विकसित करना भी है। माता-पिता इस ऐप के माध्यम से बच्चों के लिए पैसे ट्रांसफर कर सकते हैं, खर्च की सीमा तय कर सकते हैं और हर लेनदेन पर नजर भी रख सकते हैं।
इस ऐप में टास्क रिवॉर्ड्स, सेविंग गोल्स और फाइनेंशियल चैलेंजेस जैसे फीचर हैं, जो बच्चों को पैसे की अहमियत और बचत की आदत सिखाते हैं। अब तक दो मिलियन से अधिक युवा Junio से जुड़ चुके हैं।
कैसे करेगा काम Junio Payments
जूनियो की सबसे खास बात यह है कि अब बच्चे बिना बैंक अकाउंट के भी यूपीआई क्यूआर कोड स्कैन करके पेमेंट कर सकते हैं। यह सुविधा NPCI के UPI Circle Initiative से जुड़ी है, जिसके तहत माता-पिता अपने यूपीआई अकाउंट को बच्चों के डिजिटल वॉलेट से लिंक कर सकते हैं। इससे न केवल पेमेंट आसान होगा, बल्कि बच्चों को पैसों की जिम्मेदारी समझने में भी मदद मिलेगी।