संजय राउत का दावा- शिवसेना का नाम और चुनाव चिन्ह का 2,000 करोड़ रुपए में हुआ सौदा

Edited By Updated: 19 Feb, 2023 12:32 PM

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जय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम और उसके 'धनुष और तीर' के चुनाव चिह्न को 'खरीदने' के लिए अब तक '2000 करोड़ रुपये का सौदा' हुआ है।

नेशनल डेस्क: शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) के नेता संजय राउत ने रविवार को दावा किया कि शिवसेना पार्टी के नाम और उसके 'धनुष और तीर' के चुनाव चिह्न को 'खरीदने' के लिए अब तक '2000 करोड़ रुपये का सौदा' हुआ है। हालांकि, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले खेमे से विधायक सदा सर्वंकर ने दावे को खारिज कर दिया और पूछा, "क्या संजय राउत कैशियर हैं?"

शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि 2,000 करोड़ रुपये एक प्रारंभिक आंकड़ा था और यह 100 फीसदी सच था। उन्होंने पत्रकारों को यह भी बताया कि सत्तारूढ़ दल के करीबी एक बिल्डर ने उनके साथ यह जानकारी साझा की। राज्यसभा सदस्य ने कहा कि उनके दावे के समर्थन में सबूत हैं, जिसका खुलासा वह जल्द करेंगे। चुनाव आयोग ने शुक्रवार को एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे 'धनुष और तीर' चुनाव चिह्न आवंटित करने का आदेश दिया। 

2000 करोड़ रुपये में सौदा हुआ
शिवसेना सांसद संजय राउत ने एक ट्वीट में दावा किया कि, 'शिवसेना के नाम को 'खरीदने' के लिए 2,000 करोड़ रुपये कोई छोटी रकम नहीं है। उन्होंने आरोप लगाया, ''चुनाव आयोग का फैसला सौदा है।'' उन्होंने कहा, ''मेरे पास विश्वसनीय जानकारी है कि शिवसेना के नाम और उसके चिन्ह को हासिल करने के लिए 2000 करोड़ रुपये का सौदा हुआ है। यह प्रारंभिक आंकड़ा है और 100 फीसदी सच है। बहुत सी चीजें जल्द सामने आएंगी। देश के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ था।'  

वर्तमान मुख्यमंत्री क्या चाट रहे हैं?
उनसे जब महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के संदर्भ में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के इस परोक्ष बयान के बारे में पूछा गया कि कुछ लोग ‘‘विरोधी विचारधारा वालों के तलवे चाट रहे थे'', तब राउत ने कहा, ‘‘वर्तमान मुख्यमंत्री क्या चाट रहे हैं? शाह क्या कहते हैं, महाराष्ट्र के लोग उसे (उस बात को) भाव नहीं देते? वर्तमान मुख्यमंत्री को छत्रपति शिवाजी महाराज का नाम लेने का अधिकार नहीं है।''

सीएम पद का वादा नहीं हुआ था
उद्धव ठाकरे का नाम लिए बगैर शाह ने फिर कहा कि 2019 के विधानसभा चुनाव से पहले मुख्यमंत्री का पद साझा करने की कोई सहमति नहीं हुई थी। शिवसेना ने 2019 के विधानसभा चुनाव का परिणाम सामने आने के बाद भारतीय जनता पार्टी के साथ अपना गठबंधन तोड़ लिया था। इसने मुख्यमंत्री पद साझा करने के वादे से भाजपा के पीछे हट जाने का दावा किया था। बाद में उद्धव ठाकरे ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) एवं कांग्रेस के साथ गठजोड़ कर महाराष्ट्र विकास आघाड़ी गठबंधन बनाया था जिसने शिंदे के बगावत करने से पहले तक जून 2022 तक महाराष्ट्र में शासन किया।

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