केदारनाथ के अंतिम पड़ाव गौरीकुंड में भारी बारिश से भयंकर लैंडस्लाइड: मलबे में दुकानें बहीं, कई लोगों के दबे होने की आशंका

Edited By Anu Malhotra,Updated: 04 Aug, 2023 10:21 AM

rudraprayag severe landslide due to heavy rains in gaurikund

उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में एक बार फिर से भारी बारिश के चलते भयंकर भूस्खलन हुआ जिसमें अब तक काफी नुकसान हो गया। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में मौजूद गौरीकुंड के समीप डॉट पुलिया के पास भारी बारिश और भूस्खलन से 2 दुकानें और एक खोखा बहने की खबर सामने आई...

नेशनल डेस्क: उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग में एक बार फिर से भारी बारिश के चलते भयंकर भूस्खलन हुआ जिसमें अब तक काफी नुकसान हो गया। उत्तराखंड के रुद्रप्रयाग जनपद में गुरुवार देर रात्रि अतिवृष्टि और भूस्खलन से व्यापक जन, धन की हानि होने की सूचना है। खराब मौसम के कारण राहत कार्यों में भारी मुश्किल हो रही हैं। यह स्थान भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग केदारनाथ धाम का अंतिम पडाव स्थल है।

जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी नंदन सिंह रजवार ने बताया कि गौरीकुंड डाट पुलिया के समीप भूस्खलन होने के कारण दो दुकानें और एक खोखा बहने की सूचना प्राप्त हुई है। उन्होंने क्षेत्रीय अधिकारी गौरीकुंड के हवाले से बताया कि उक्त स्थान में 13 लोगों के लापता होने की सूचना है। अभी तक प्राप्त जानकारी के अनुसार लापता लोगों में जनई निवासी, आशु (23) , तिलवाड़ी निवासी प्रियांशु चमोला (18), बस्ती निवासी रणबीर सिंह (28), नेपाल निवासी अमर बोहरा , अनिता बोहरा (26), राधिका बोहरा (14) , पिंकी बोहरा (8), पृथ्वी बोहरा (7 ), जटिल ( 6), वकील ( 3), राजस्थान में भरतपुर के खानवा निवासी विनोद ( 26) , उत्तर प्रदेश में सहारनपुर के नगला बंजारा निवासी मुलायम (25) शामिल हैं।

घटना के बाद से सेक्टर अधिकारी गौरीकुंड एनडीआरफ एसडीआरएफ मौके पर मौजूद हैं। सेक्टर अधिकारी गौरीकुंड ने बताया कि मलबे में कुछ लोगों के दबे होने की आशंका है।   

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 वहीं, लगातार बारिश होने से फिलहाल सर्च और रेस्क्यू अभियान कार्य को रोका गया है। और  सभी टीमें मौके पर उपस्थित हैं जिसमें DDRF, SDRF, NDRF, YMF, पुलिस तहसील उखीमठ, तहसीलदार‌ है।

  वहीं, हिमाचल प्रदेश की बात करें तो राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में मानसून की शुरुआत के बाद से पिछले 41 दिनों के दौरान लगभग 200 बारिश से संबंधित मौतें हुईं और 31 लोग लापता हो गए। 199 मौतों में से 57 मौतें भूस्खलन और बाढ़ के कारण हुईं, जबकि 142 लोगों की मौत मानसून अवधि के दौरान सड़क दुर्घटनाओं के कारण हुई। राज्य सरकार के आपदा प्रबंधन के प्रधान सचिव ने कहा कि जैसे-जैसे राज्य बारिश और बाढ़ से उबर रहा है, हर दिन जानमाल का नुकसान बढ़ रहा है. उन्होंने कहा कि बारिश के कारण बुनियादी ढांचे को नुकसान का अनुमान हर दिन बढ़ता जा रहा है। 

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आंकड़ों के मुताबिक, इसी अवधि में बुनियादी ढांचे को अनुमानित नुकसान 6563.58 करोड़ रुपये रहा। बारिश के कारण आई बाढ़ से राज्य में 774 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं जबकि 7317 घर आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। 254 दुकानें और 2337 गौशालाएं क्षतिग्रस्त हो गई हैं। आंकड़ों के अनुसार, राज्य में 79 भूस्खलन और 53 अचानक बाढ़ की घटनाएं देखी गईं।

आंकड़ों के मुताबिक, राज्य में करीब 300 सड़कें बंद हैं. 274 बिजली और 42 जलापूर्ति योजनाएं अब भी बाधित हैं. राज्य में अगले दो दिनों के दौरान भारतीय मौसम विभाग द्वारा जारी भारी बारिश की चेतावनी के बीच राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने गुरुवार को अलर्ट जारी किया।

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