Edited By Tanuja,Updated: 23 Sep, 2025 12:07 PM

कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट को लेकर बयान दिया है, लेकिन उनका “ ओवररिएक्ट न करें ” ...
International Desk: कांग्रेस नेता और लोकसभा सांसद शशि थरूर ने सऊदी अरब और पाकिस्तान के बीच हुए स्ट्रैटेजिक म्यूचुअल डिफेंस एग्रीमेंट को लेकर बयान दिया है, लेकिन उनका “ ओवररिएक्ट न करें ” वाला रुख अब सवालों के घेरे में आ गया है। थरूर ने कहा कि यह समझौता केवल पुराने रिश्तों का औपचारिक रूप है और इसमें भारत को ज़्यादा प्रतिक्रिया नहीं देनी चाहिए। लेकिन विदेश नीति विशेषज्ञों और विपक्षी नेताओं ने इसे “लापरवाह रवैया” बताते हुए कहा कि पाकिस्तान के साथ किसी भी रक्षा गठबंधन को हल्के में लेना भारत की सुरक्षा से खिलवाड़ है।
आलोचकों का कहना है कि जिस समझौते में यह साफ लिखा है कि “किसी एक देश पर हमला दोनों देशों पर हमला माना जाएगा” ,उसे नज़रअंदाज़ करना खतरनाक हो सकता है। पाकिस्तान पहले से ही आतंकवाद को शह देता है और सऊदी अरब जैसी ताक़तवर शक्ति के साथ उसका रक्षा समझौता भारत के लिए सीधे खतरे का संकेत है।थरूर ने अपने बचाव में कहा कि भारत के खाड़ी देशों के साथ रिश्ते पहले से मज़बूत हैं और राजनयिक इस पर काम कर रहे हैं। लेकिन विपक्ष का कहना है कि “डिप्लोमैटिक रिलेशन” पर भरोसा करके सुरक्षा जोखिम को अनदेखा नहीं किया जा सकता ।
बीजेपी प्रवक्ताओं ने थरूर पर आरोप लगाया कि वह हमेशा पाकिस्तान के पक्ष में नरम रुख अपनाते हैं। एक नेता ने कहा-“जब पाकिस्तान खुले तौर पर भारत विरोधी साजिशें कर रहा है, तब कांग्रेस नेता यह कह रहे हैं कि ओवररिएक्ट न करें। यह देश की सुरक्षा से खिलवाड़ है।” विदेश मंत्रालय (MEA) ने भी साफ किया कि भारत इस समझौते के प्रभावों का गहराई से अध्ययन करेगा। MEA प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता है और भारत किसी भी खतरे को अनदेखा नहीं करेगा। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या थरूर का बयान सिर्फ राजनीतिक बयानबाज़ी था या वह सचमुच भारत की सुरक्षा चिंताओं को गंभीरता से नहीं ले रहे?