Edited By Pardeep,Updated: 11 Dec, 2023 06:33 AM
![sc to deliver verdict today on petitions challenging abrogation of article 370](https://img.punjabkesari.in/multimedia/914/0/0X0/0/static.punjabkesari.in/2023_12image_04_07_35224902400-ll.jpg)
सुप्रीम कोर्ट पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना निर्णय सुनाएगा। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11...
नई दिल्लीः सुप्रीम कोर्ट पूर्ववर्ती जम्मू-कश्मीर राज्य को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को निरस्त करने संबंधी केंद्र के फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सोमवार को अपना निर्णय सुनाएगा। शीर्ष अदालत की वेबसाइट पर अपलोड की गई 11 दिसंबर (सोमवार) की सूची के अनुसार, प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ फैसला सुनाएगी।
पीठ के अन्य सदस्य न्यायमूर्ति संजय किशन कौल, न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति सूर्यकांत हैं। शीर्ष अदालत ने 16 दिनों की सुनवाई के बाद पांच सितंबर को मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। शीर्ष अदालत ने सुनवाई के दौरान अनुच्छेद 370 को निरस्त करने का बचाव करने वालों और केंद्र की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी, सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता, वरिष्ठ अधिवक्ताओं हरीश साल्वे, राकेश द्विवेदी, वी गिरि और अन्य की दलीलों को सुना था।
याचिकाकर्ताओं की ओर से कपिल सिब्बल, गोपाल सुब्रमण्यम, राजीव धवन, जफर शाह, दुष्यंत दवे और अन्य वरिष्ठ अधिवक्ताओं ने बहस की थी। केंद्र सरकार ने पूर्ववर्ती राज्य जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 को पांच अगस्त 2019 को निरस्त कर दिया था और राज्य को दो केंद्र शासित प्रदेशों-जम्मू कश्मीर और लद्दाख में विभाजित कर दिया था।
आजाद को उम्मीद, शीर्ष न्यायालय अनुच्छेद 370 पर हक में फैसला करेगा
डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी(डीपीएपी) के अध्यक्ष गुलाम नबी आजाद ने रविवार को आशा व्यक्त किया कि उच्चतम न्यायालय जम्मू-कश्मीर के लोगों के हक में अनुच्छेद 370 पर फैसला लेगा। आजाद ने रविवार को श्रीनगर में मीडियाकर्मियों से कहा,‘‘मैं उम्मीद और प्रार्थना करता हूं कि शीर्ष अदालत की वर्तमान पीठ, जो तटस्थ है और गरीबों का ख्याल रखती है, जम्मू-कश्मीर के लोगों के पक्ष में अपना फैसला देगी।''