पंजाब केसरी के साथ गैंगस्टरों के मुद्दे पर बातचीत करते हुए बोले सीएम भगवंत मान- पंजाब की शांति भंग करने वालों को बख्शेंगे नहीं

Edited By Yaspal,Updated: 19 Mar, 2023 09:54 PM

talking to punjab kesari on the issue of gangsters cm bhagwant mann said

पंजाब में आम आदमी पार्टी को सत्ता में आए एक वर्ष पूरा हो गया है। जहां मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार द्वारा अपनी उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं वहीं विरोधी पाॢटयों द्वारा अलग-अलग मसलों पर सरकार को घेरा जा रहा है

नेशनल डेस्कः (रमनदीप सिंह सोढी) पंजाब में आम आदमी पार्टी को सत्ता में आए एक वर्ष पूरा हो गया है। जहां मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान की सरकार द्वारा अपनी उपलब्धियां गिनाई जा रही हैं वहीं विरोधी पाॢटयों द्वारा अलग-अलग मसलों पर सरकार को घेरा जा रहा है। पंजाब की कानून व्यवस्था, अर्थव्यवस्था और विजीलैंस की कार्रवाई को लेकर विपक्ष सवाल उठा रहा है। ऐसे में पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इन सब सवालों पर क्या सोचते हैं, मान का पंजाब को लेकर फ्यूचर प्लान क्या है और सरकार के एक साल की उपलब्धियों का वह किस तरह आकलन करते हैं इन तमाम विषयों पर मुख्यमंत्री ने पंजाब केसरी के साथ विशेष बातचीत की जिसमें लॉरैंस बिश्रोई, सिद्धू मूसेवाला और बेअदबी मामले पर खुलकर चर्चा हुई।

जब मान से पूछा गया कि विपक्षी दलों द्वारा पंजाब में शांति भंग होने के आरोप लगाए जा रहे हैं। अमृतपाल सिंह और गैंगस्टरों के भी मुद्दे उठाए जा रहे हैं तो मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब के लोगों की सुरक्षा मेरी पहल है। लोगों ने मेरे ऊपर यकीन किया है। मैं इस मीडिया के माध्यम से पंजाब के लोगों को यह भी कहना चाहता हूं कि हम बात-बात पर गोलियां चलाने लग गए, हम आखिर क्या साबित करना चाहते हैं। एक जमाना था जब बारात जाती थी तो 5-5 दिन लड़की वालों के यहां रहती थी। कभी कोई दिक्कत-परेशानी नहीं आती थी लेकिन अब हम विवाह-शादी में ही गोलियां चलाने लग गए हैं, कभी गोली ऑर्कैस्ट्रा वाले को लगती है तो कभी दूल्हे को लग जाती है। हाल यह हो गया है कि अब बारात को 5 घंटे रखना मुश्किल हो जाता है। इसी कारण हमने असला लाइसैंस के केस रिव्यू किए हैं, सोशल मीडिया पर हथियारों के साथ फोटो डालने वालों पर सख्ती की है।

पिछली सरकारों की देन हैं गैंगस्टर
मुख्यमंत्री मान ने कहा कि पंजाब में गैंगस्टर कोई 4-5 महीने में पैदा नहीं हो गए। मैं विपक्ष से पूछना चाहता हूं कि नाभा जेल ब्रेक, थाने के सामने बेटी की इज्जत बचाने आए एस.एच.ओ. को गोली मारने की घटना, सुक्खा काहलवां को पुलिस से छीनकर सरेराह मारा जाना, यह सब किसके राज में हुआ? विपक्षा जितना प्रचार कर रहा है वैसी बात नहीं है। मेरा मानना है कि गैंगस्टर पिछली सरकारों की ही देन हैं। हमने सैंकड़ों की गिनती में गैंगस्टर्स पकड़े हैं। पुलिस पर अगर किसी ने हमला किया है तो एनकाऊंटर भी हुआ है। सबसे बड़ी बात कि हमारा किसी माफिया को संरक्षण नहीं है, जैसे कि विपक्ष के लोग चुनावों में इनका इस्तेमाल करते हैं। इनके पास कहने को कुछ नहीं है। लॉ एंड ऑर्डर की दुहाई देकर अपने 4 गनमैन बढ़वा लेते हैं। इन लोगों को समस्या यह है कि इनके हाथ से राजपाट छिन गया और आम लोगों की सरकार बन गई। ये लोग इस बात से परेशान हैं कि हमें सरकार चलानी भी आती है।

लॉ एंड ऑर्डर के मामले में पंजाब बेहतर राज्य
जब मुख्यमंत्री से उनके एक साल के कार्यकाल में हुई घटनाओं पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा जिस पत्रिका को लेकर विपक्ष लॉ एंड ऑर्डर की दुहाई दे रहा था, उसी पत्रिका के फरवरी के अंक में लॉ एंड ऑर्डर के मामले में एक रिपोर्ट छपी है, जिसमें पंजाब गुजरात के बाद दूसरे नंबर पर लॉ एंड ऑर्डर के मामले में बेहतर राज्य अंकित किया गया। जहां तक बेअदबी की घटना की बात है, उससे लाखों लोगों के दिलों को ठेस पहुंची है। इन लोगों को कभी माफ नहीं किया जा सकता। हमने तो उस मामले में भी चालान पेश कर दिया।

पंजाब में नहीं राजस्थान में हुआ लॉरैंस का इंटरव्यू
लॉरैंस की जेल से हुई इंटरव्यू को लेकर पूछे सवाल के जवाब में सी.एम. मान ने कहा कि जिस जेल में इंटरव्यू हुआ, वहां जाकर पता करो, पंजाब की किसी जेल में लॉरैंस का इंटरव्यू नहीं हुआ। उसकी दो बार इंटरव्यू हुई हैं और दोनों में उसका हुलिया अलग-अलग है। सी.एम. से जब यह पूछा गया कि डी.जी.पी. द्वारा जारी लॉरैंस की फोटो इंटरव्यू वाली फोटो से मेल खाती है तो उन्होंने कहा कि पंजाब में तो लॉरैंस अभी कुछ दिन पहले ही आया है। पिछले 2-3 महीने वह जोधपुर और जयपुर रहा है। मेरा दावा है कि यह इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ। वो राजस्थान में गया, वहीं इंटरव्यू हुआ और राजस्थान में कांग्रेस की सरकार है। कांग्रेस को ही पता करना चाहिए कि जेलों में इंटरव्यू कैसे हो रहे हैं। लॉरैंस तो इनके नेताओं के नाम लेता है कि किसे कहां एडजस्ट करवाया। वह तो खुद इंटरव्यू में कह रहा है कि कितने लोगों को स्टूडैंट ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इंडिया में भर्ती करवाया। कांग्रेस का नाम लेकर तो लॉरैंस ने यह भी कहा है कि अमुक नेता के प्रभाव के कारण हमने मामला दर्ज नहीं होने दिया, जो वह बातें कर रहा है, नाम तो इनके आ रहे हैं।

चिंता मत करो, मैं हूं न पंजाब में कत्ल और फिरौती को लेकर लोग सहमे हुए हैं इस पर मुख्यमंत्री नने कहा-आप चिंता मत करो, मैं हूं न। उन्होंने कहा कि मैं पंजाब के लोगों को इस बात का यकीन दिलवाना चाहता हूं कि सहम और डर का माहौल रखने की जरूरत नहीं है। पंजाब गुरुओं-पीरों की धरती है, पंजाब के लोगों की आपसी सांझ मजबूत है, यहां पर ए.के.-47 चल हटी, बम भी चल हटे, पर पंजाब नहीं टूटेगा। कुछ 2-4 समाज विरोधी तत्व जो ऐसे काम कर रहे हैं, इनकी जो जगह बनती है, वहां पहुंचाएंगे। अगर कोई कानून के खिलाफ चलेगा तो कानून तो उस पर भी लागू होगा। अगर युवाओं को कोई कह रहा है कि मेरे साथ वही आए, जिसने मरना हो, तो उनको मैं यह बात कह रहा हूं कि बस करो, पंजाब में लोगों ने मौत के तांडव बहुत देखे हैं।

सारे मंत्री अच्छा काम कर रहे हैं। एक साल में आपको मंत्रिमंडल में बदलाव क्यों करना पड़ा? क्या परफॉमैंस ठीक नहीं है 
भगवंत मान ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है। मैं सब को मौका दे रहा हूं। सारे मंत्री अ'छा काम कर रहे हैं। परिवार में बदलाव होते रहते हैं। जब उनसे 3 और मंत्रियों के विभाग बदलने की चर्चा के बारे में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पहले भी एक मीडिया चैनल ने ऐसी एक लिस्ट चलाई थी, जो बाद में गलत निकली, मेरे पास ऐसी कोई सूचना नहीं है। हेल्थ विभाग में लगातार फेरबदल पर मान ने कहा कि हेल्थ विभाग में काम बढ़ रहा है, मोहल्ला क्लीनिक बढ़ रहे हैं, मेडिकल कालेज आ रहे हैं। मेडिकल कालेज आएगा तो उसके भी नियम-प्रावधान हैं, जिनके अनुसार प्रबंध करना होगा। ऐसे में काम बढ़ रहा था तो डा. बलबीर को विभाग सौंपा गया। वह खुद डाक्टर हैं इसलिए वह अस्पतालों तथा डाक्टरों की समस्याएं समझते हैं।

कुछ विधायकों की अंडर टेबल सैटिंग की चर्चा है, असलियत क्या है?
अभी तक मेरे पास ऐसा कोई मामला नहीं आया है, जिसमें किसी विधायक के बारे में पता लगा हो कि उसने किसी व्यापार में हिस्सा डाल लिया हो या कहीं से कमीशन ले रहा हो। जो 2-3 शिकायतें आई थीं, उन पर हमने तुरन्त एक्शन लिया। घर से सफाई शुरू करेंगे तभी बाहर हो पाएगी, इसलिए मैं यह बात दावे से कह सकता हूं कि अगर मेरे ऊपर भरोसा जताया है तो मैं उस भरोसे को टूटने नहीं दूंगा। पंजाब के पैसे को जिसने भी लूटने की कोशिश की हो, चाहे वह पहले समय में हुआ हो, अब हो रहा हो या आगे की प्लानिंग हो रही हो, किसी को बख्शा नहीं जाएगा। कानून के अनुसार उस पर कार्रवाई होगी। अदालत में पेश होने से भाग रहे हैं बादल सुखबीर बादल कह रहे हैं कि भगवंत मान हम पर झूठे केस डाल रहे हैं। इस पर मान ने कहा कि मेरा उन केसों में क्या लेना-देना है। एस.आई.टी. किसने बनाई थी, वह तो अदालत ने बनाई थी। इस संबंध में जो भी रिपोर्टें थीं, उन्हें उठाकर डस्टबिन में फैंक दिया गया। इन लोगों ने ही अरदास की थी कि जिन्होंने बेअदबी करवाई है, उनका कुछ न रहे, तो अब अरदास में यकीन रखो। कम से कम अदालत में जाकर पेश तो हो जाओ। अपना पक्ष रखो। वैसे तो बड़े बादल कहते हैं कि अगर उनकी तथा सुखबीर की पंजाब शांति के लिए कुर्बानी भी देनी पड़ी तो वह तैयार हैं, लेकिन अब फरीदकोट की अदालत तक जाने को तैयार नहीं हैं, वे भाग रहे हैं। लोगों को जवाब चाहिए कि इनकी सरकार में बेअदबी जैसी घटना कैसे हो गई, जब बड़े बादल मुख्यमंत्री थे और सुखबीर गृह मंत्री। इनके पास कोई प्लानिंग नहीं है, इनका काम सिर्फ बोलना है। इनका एक ही मनोरथ होता है कि आज अखबार में कैसे खबर छपवाई जाए।

बादलों को बात करने का हक नहीं अकाली दल कह रहा है ‘सरकार का एक साल, पंजाब का बुरा हाल’, इस पर क्या कहेंगे तो मान ने कहा-अकाली दल? कितनी सीटें हैं इनकी? जिनकी 2 सीटें हैं और पंजाब के लोगों ने ही जिन्हें नकार दिया, ये किस मुंह से ऐसी बातें करते हैं, लोगों ने तो इनका पूरे का पूरा परिवार ही हरा दिया। एक ही नहीं, बल्कि पूरे का पूरा परिवार। कम से कम पब्लिक का फैसला तो मान लें। इन्हें तो इस तरह की बात करने का हक ही नहीं है। इन्होंने जो हाल किया था पंजाब का, वह सबको पता है। ब्लैक में रेत मिलती थी, लोगों की मिनी बसें तक छीन ली गईं, ढाबे तक में हिस्से डलवा लिए गए।

भाजपा से 12 सीढ़ियां दूर हैं बाजवा प्रताप बाजवा पूछ रहे हैं कि 20,000 करोड़ का रैवेन्यू कहां है?
इस पर मान ने कहा कि हमने राजस्व बढ़ाने की तरफ कदम बढ़ा दिया है। हमने 16,000 करोड़ मूलधन तथा 20,000 करोड़ उसका ब्याज, जो इन्होंने लिया हुआ था, कुल 36,000 करोड़ वापस भी किया है। हमने इतनी सुविधाएं दीं, बिजली तक फ्री कर दी, नौकरियां दीं, धान की सीधी बिजाई के लिए 1500 रुपए प्रति एकड़ दिया, हमने शूगर फैड का सारा 392 करोड़ रुपया क्लीयर कर दिया, हम अस्पताल बना रहे हैं, स्कूल बना रहे हैं, फिर भी हम ब्याज और मूलधन लौटाने की तरफ तेजी से बढ़ रहे हैं। इन्होंने क्या किया है, 5 साल का बजट पेश करने वाला इनका वित्त मंत्री कहां है, वह तो खुद डैपुटेशन पर था और वापस चला गया। पंजाब में एक ही घर है, जहां पर ग्राऊंड फ्लोर पर कांग्रेस का झंडा और पहली मंजिल पर भाजपा का झंडा लगा है। यह तो बोलते भी अब भाजपा की तरफ से हैं, हर तीसरे दिन राज्यपाल के पास पहुंचे होते हैं। कभी पंजाब के हक में भी खड़ा हो लें, जरूरी नहीं कि हर समय नुक्स ही निकाले जाएं। जब तक पब्लिक मेरे साथ है, मैं इनकी परवाह नहीं करता। मान ने कहा कि पंजाब में इकलौता बाजवा का ऐसा घर है जहां एक झंडा कांग्रेस का तो दूसरा भाजपा का लगा हुआ है। बाजवा की भाजपा से दूरी सिर्फ 12 सीढिय़ों की है, जिनसे जाकर वह कभी भी अपने भाई के साथ भाजपा ज्वाइन कर सकते हैं।

मूसेवाला मेरा भाई था उसको वापस तो नहीं ला सकता लेकिन इंसाफ की मेरी गारंटी है मान के मुताबिक सिद्धू मूसेवाला हत्याकांड में 29 लोग पकड़े जा चुके हैं, 3,000 पेज का चालान पेश कर दिया गया है, लॉरैंस बिश्नोई को पंजाब लाया गया और उससे अलग-अलग जगह पर पूछताछ की गई। अभी भी वह बठिंडा जेल में बंद है। उन्होंने कहा-सिद्धू मूसेवाला एक कलाकार भाई था। इन्साफ दिलवाने के लिए हर कोशिश की जा रही है, जहां भी कोई सूचना मिलती है, वहां छापेमारी की जाती है और एनकाऊंटर भी हुए हैं। मैं राजनीति से संबंधित लोगों से कहना चाहता हूं कि सिद्धू मूसेवाला के परिवार के लोगों के जज्बातों के साथ न खेलें। सिद्धू मूसेवाला के पिता विधानसभा में किसकी गाड़ी में आए, कौन छोड़कर आया, मैं इस पर नहीं जाना चाहता। मैं उस परिवार से हमदर्दी रखता हूं, मैं उनसे मिला भी हूं। बेटे की मौत से बड़ा कोई दुख नहीं है और उन्हें ये लोग यूज कर रहे हैं। बतौर मुख्यमंत्री व राज्य के गृह मंत्री के तौर पर हम कोई कमी नहीं छोड़ेंगे। सिद्धू मूसेवाला के जो कातिल हैं तथा इस हत्याकांड के पीछे जो भी मास्टरमाइंड हैं, उन्हें भी अदालत सख्त सजा दिलाई जाएगी, ताकि परिवार के दिल को शांति मिले। सिद्धू मूसेवाला को हम वापस नहीं ला सकते, लेकिन मैं यह यकीन दिलाता हूं कि परिवार को इंसाफ जरूर मिलेगा।

विरोधियों को परेशान कर रहा है विजीलैंस का डंडा
मान के मुताबिक जो लोग विजीलैंस को लेकर बेवजह की बातें कर रहे हैं, वे बताएं कि कौन से ईमानदार व्यक्ति को हमने पकड़ा है। लोगों ने तो पहले ही नकार दिया था, नकारा भी क्यों है, यह तो सबको पता है। अब तो अदालतों के फैसले ही आने हैं। कौन मंत्री क्या करता रहा है, जनता को सब कुछ पता है। आम जनता इस मामले में बेहद खुश है। लोग तो खुद कहते हैं कि जिन्होंने उनका पैसा खाया, उन्हें अंदर करो। कितने लोग इनके सिस्टम से दुखी होकर विदेशों में चले गए, वे भी नौकरियां छोड़कर। बड़ी बात यह है कि बहुत कुछ नया हो रहा है, जिससे ये लोग परेशान हैं। जब मान से पूछा गया कि विजीलैंस के राडार पर अगला कौन है? तो उन्होंने कहा कि मैंने कोई सूची नहीं बनाई हुई है, जिसके बारे में जो शिकायत आती है, उसकी पहले पक्के तौर पर जांच की जाती है, कानून के मुताबिक कार्रवाई की जाती है। अपनी पीठ थपथपाने के लिए हम किसी को नहीं पकड़ते। अगर ऐसा होता तो इन लोगों को जमानतें न मिल जातीं। अगर जमानत नहीं मिल रही तो इसका मतलब केसों में कुछ तो है। मैं निजी तौर पर इन लोगों को बहुत कम मिला हूं, कुछ को तो मैं बिल्कुल ही नहीं मिला। मनीष सिसोदिया, सत्येंद्र जैन जैसे लोग जो काम कर रहे थे, उनकी सफलता से डर कर उन्हें जेलों में डाल दिया और यहां पर जिन्होंने जनता का कोई काम ही नहीं किया और लोगों द्वारा हराए हुए हैं, उन पर एक्शन से परेशानी क्यों है। मेरी एक ही बात है कि पंजाब के धन को लूटने वाले चाहे मेरे अपने ही हों, मैं बख्शूंगा नहीं। फिलहाल केंद्र से पूरा सहयोग मुख्यमंत्री मान ने कहा कि हमारा जो हक बनता है, वह तो मैं छोड़ता नहीं हूं। कोयले का मुद्दा मैंने उठाया, जो ओडिशा से वाया श्रीलंका हमें मिलता था, उसी कोयले से बिजली पैदा होती, बिजली से हम चावल बीजते और वही चावल ये सीधे ले जाते। मैंने भी कहा कि चावल के लिए भी वाया कराची या कुछ और रूट बना लें। इस बात पर केंद्र मान गया तथा उन्होंने यह शर्त हटा दी। आर.डी.एफ. का पैसा पंजाब की मंडियों के विकास के लिए आया था, लेकिन पूर्व मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने किसी और जगह उसका प्रयोग कर लिया, जिसके कारण मंडी बोर्ड डिफाल्टर हो गया। 6-7 हजार करोड़ रुपया हमारा सरकार के पास पड़ा है। उन्होंने एक्ट बदलने को कहा, हमने वह भी बदल दिया, जिसमें लिखा गया है कि मंडियों का पैसा मंडियों पर ही लगेगा और हम भी वही चाहते हैं, मैं उस पैसे को लाने के लिए लगा हुआ हूं, मैं पंजाब का हिस्सा लेकर रहूंगा। उन्होंने कहा कि अगर केंद्र कहीं भेदभाव करेगा तो मैं मीडिया को बता दूंगा। जैसे एस.वाई.एल. पर केंद्र भेदभाव कर रहा है। केंद्र के जल शक्ति मंत्री को मैंने कहा कि मैं आपको पंजाब में सतलुज के ऊपर हवाई सर्वेक्षण करवा देता हूं, जहां आपको लगेगा कि यह दरिया है, तो मान जाऊंगा। क्योंकि वह तो अब नाला बनकर रह गया है। उन्होंने मुझसे हल पूछा तो मैंने उन्हें कहा कि वाई.एस.एल. बना लो, वाया हरियाणा सतलुज को लिंक कर दो, अगर यमुना से गुजरात को पानी लेकर जा रहे हो तो हमें भी दे दो। हैरानी की बात है कि पिछली सरकारों में न बादलों ने और न ही कैप्टन अमरेंद्र सिंह ने केंद्र को असलियत बताई। बस एक ही बात कहते रहे, कुर्बानी के लिए तैयार रहो। बॉक्स पंजाब के खिलाफ साजिश की नहीं है कोई इनपुट जब मान से पूछा गया कि क्या पंजाब में कत्ल-ओ-गारत या फिरौती की घटनाओं के पीछे कोई साजिश है? तो उनका जवाब था कि अभी तक मेरे पास ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं है कि जिसमें लगे कि पंजाब को टार्गेट किया जा रहा है, लेकिन हमारी तरफ से हर समय नजर रखी जा रही है। पुलिसिंग को अपडेट किया जा रहा है, बी.एस.एफ. के साथ मिलकर हम काम करते हैं। पंजाब ने आजादी की लड़ाई में सबसे ज्यादा योगदान दिया और जब भुखमरी भी आई तो पंजाब ने सबसे ज्यादा देश का पेट भरा। अगर पंजाब अपना हक मांग रहा है तो उसे मिलना चाहिए।

पाकिस्तान की गतिविधियों को लेकर आपके पास क्या रिपोर्ट है
मान ने कहा कि पाकिस्तान में राजनीतिक उथल-पुथल चलती रहती है। वहां कभी लोकतंत्र नहीं आया, उनकी तरफ मैं ज्यादा ध्यान नहीं देता। बाकी जहां तक सुरक्षा के लिहाज से देखा जाए तो केंद्र को इस बारे में ज्यादा जानकारी होगी क्योंकि यह विदेश मंत्रालय का हिस्सा है। मुझे तो अपने लोगों की चिंता है।

आम लोगों या आपके मन में सी.एम. की पावर को लेकर जो धारणा थी, आज सी.एम. बनने के बाद वही धारणा है या बदल गई है? जैसे कि पहले धारणा होती है कि यह सी.एम. काम नहीं करता है। आज आप स्वयं सी.एम. हैं। इस पर आप क्या कहना चाहेंगे और सरकार की उपलब्धियों के दावे के पीछे आपका क्या तर्क है?
इस पर मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि सी.एम. परिवार के एक मुखिया की तरह होता है। परिवार में कई बातों को लेकर कभी तलखी भी हो जाती है। परिवार का बजट भी आएगा और कब क्या करना है इस पर भी विचार होगा। परिवार में खुशी-गमी भी आएगी और परिवार को ताने भी सुनने पड़ेंगे। उनका कैसे सामना करना है, सब बातों पर विचार होता है। मेरे लिए सी.एम. का मतलब ‘कॉमन मैन’ है। लोगों ने अगर कलम की ताकत दे दी है तो इसका मतलब है कि लोगों ने जिम्मेदारी की कलम दी है। इस कलम ने लोगों के फैसले करने हैं और ये फैसले लोगों के हक में होने चाहिएं। आमतौर पर क्या होता है कि लोगों से पावर लेकर लोगों के खिलाफ ही इसका इस्तेमाल होता है। इससे लोग खुद को दोहरा ठगा हुआ महसूस करते हैं कि एक तो ये लोग हमारे से वोटें लेकर पावरफुल बन गए और अब इसी पावर का इस्तेमाल हमारे खिलाफ कर रहे हैं। मेरे लिए मुख्यमंत्री का पद कोई दिमाग को नशा चढऩे वाला नहीं है। लोगों ने जिम्मेदारी वाली कलम दी है। सो कलम वही है मगर चलाते समय नीयत साफ होनी चाहिए। सो पंजाब में आम आदमी पार्टी की सरकार बनने के बाद हमने जो काम पिछली सरकारें अंतिम वर्षों में करती थी हमने वो काम पहले ही वर्ष में कर दिखाया है। 26 हजार से ज्यादा लोगों को नौकरियां दी जा चुकी हैं।

हाथ जोड़कर लोगों से जिम्मेदारी ली है, इसलिए कोई काम मुश्किल नहीं
मुख्यमंत्री ने कहा कि आप कोई भी नया बिजनैस या कोई नया काम शुरू करते हैं तो जमने में थोड़ा समय तो लगता ही है। मैं जब सुबह 7 बजे काम शुरू करता हूं तो दिन में कई-कई मीटिंगें होती हैं। पूरा-पूरा दिन मीटिंगों और काम में व्यस्त रहता हूं। शनिवार और रविवार को भी काम करता रहता हूं। काम के दौरान कई बार तो दिन का भी पता नहीं चलता कि आज कौन-सा दिन है। इसे देखकर कई बार दोस्त कहते हैं कि यह तो बड़ा मुश्किल काम है तो मेरा कहना होता है कि लोगों के आगे हाथ जोड़कर यह काम लिया है जनता ने भी यह काम इसलिए सौंपा होता है कि उन्हें विश्वास होता है कि यह काम यह व्यक्ति कर सकता है और इसने यह जिम्मेदारी पहले निभाई हुई है। इसलिए मुझे लगता है कि कोई काम मुश्किल नहीं है। बस नीयत साफ होनी चाहिए। बॉक्स 8 साल के अनुभव और होमवर्क का काफी लाभ मिला काम के दौरान मिनट-मिनट पर इंटैलीजैंस, मंत्रियों और अफसरों की रिपोर्टों को देखना। इस सबको आप कैसे हैंडल करते हैं तो मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि मैं आठ साल तक सांसद रहा। तब मैं विरोधी पार्टी में था और विरोधी पार्टी में होते हुए बोलने का मौका मिलता है। विरोधी पार्टी में होने पर यह लगने लग जाता है कि यदि मैं सरकार में होता तो यह काम बड़ी आसानी से हो जाना था। अब जब मैं सरकार में हूं तो मैं सोचता हूं कि जब मैं विरोधी पार्टी में था और सोचता था कि अगर मैं सरकार में होता तो यह काम आसानी से कर देता। आज मैं पहले उन कामों को कर रहा हूं जिन मुद्दों को लेकर मैं लोकसभा में उठाताा था।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आप ने भी सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो देखे होंगे जिसमें आधी स्क्रीन पर मैं मसला उठाता हूं और आधी पर मैं उसी मसले का हल बताता हूं। एक वायरल वीडियो आपने देखा होगा जिसमें मैं लोकसभा में टोल प्लाजा का मुद्दा उठा रहा हूं कि जिस समय नई गाड़ी खरीदी जाती है तो उस समय गाड़ी के मूल्य का 7-8 प्रतिशत रोड टैक्स लिया जाता है। पैट्रोल और डीजल की कीमत पर भी रोड टैक्स लिया जाता है तो फिर वे कौन-सी सड़कें हैं जिनके लिए टोल टैक्स लिया जाता है और साथ ही हमें यह बताया जाए कि वे कौन-सी सड़कें हैं जिन पर हमसे रोड टैक्स लिया जाता है। वायरल वीडियो में आधी वीडियो यह डाली गई है जिसमें मैं हल बता रहा हूं कि इस टोल टैक्स, जिसका एग्रीमैंट खत्म हो चुका है इसे बंद करवाना है। सो लोकसभा में 8 साल के अनुभव का मुझे बहुत फायदा हुआ। मैं कभी भी लोकसभा में लीडर बनकर नहीं गया। मैं लोकसभा में हमेशा जनता बनकर गया। इसीलिए लोग कहते हैं कि भगवंत मान लोगों की तरह बोलता है। मैं लोकसभा में जाने से पहले होमवर्क बहुत करता था। यदि मुझे किसी मुद्दे के बारे में पूरी जानकारी नहीं होती थी तो मैं विशेषज्ञों से पूछ लेता था जैसा कि कैंसर के मुद्दे पर।

विरोधी पार्टी के नेता विधानसभा में बैठें और बहस में हिस्सा लें आज विधानसभा में विरोधी पार्टी के लोगों का कहना है कि उन्हें विधानसभा में बोलने का मौका तक नहीं दिया जाता है 
मुख्यमंत्री ने कहा कि विरोधी पार्टी के नेता विधानसभा में बैठते ही नहीं हैं। आते हैं और शोर मचाकर चले जाते हैं। विरोधी पार्टियों से मैं कहूंगा कि आप विधानसभा में बैठें और डिबेट में हिस्सा लें। उन्होंने कहा कि पहले तो मुख्यमंत्री भी विधानसभा में नहीं बैठते थे। मैं पूरा समय बैठता हूं और हर बात का जवाब देता हूं। अगर किसी समय मैं विधानसभा में नहीं हूं तो मेरे आईपैड पर विधानसभा का लाइव चल रहा होता है। जो भी विरोधी पार्टी या सत्ता पक्ष का नेता बोल रहा होता है तो मैं आईपैड पर सुन रहा होता हूं क्योंकि शाम के समय मुझे जवाब देना होता है। मुझे एक-एक के बारे में पता होता है कि विधानसभा में किसने क्या कहा है। सो इसलिए जो काम करो वह दिल से करो। लोग याद करें कि लोगों ने मौका दिया था और जिन उम्मीदों के साथ लोगों ने मौका दिया है उन पर खरा उतरें। वर्तमान में लोगों की उम्मीदों पर पूरा उतरना सबसे मुश्किल काम है।

घर के होम मनिस्टर करते हैं सहयोग
काम की व्यस्तता के दौरान आपकी पत्नी का आपको कैसा सहयोग मिल रहा है? तो मान बोले-वह एम.बी.बी.एस. पढ़ी-लिखी महिला हैं, जो मेरा काम है, उसके बारे में भी उन्हें पता है कि लोगों की उम्मीदें बहुत बढ़ी हैं और मेरे कंधों पर जिम्मेदारियां भी बड़ी हैं। जितनी मेरे पास लोगों की दुख-तकलीफें आती हैं, उतनी ही उनके पास भी आती हैं। उनके पास कोई संवैधानिक पद नहीं है, जिसके कारण वह लोगों की सारी दुख-तकलीफे मुझे सौंप देती है। उन्हें पता है कि हमें लोगों की उम्मीदों पर खरा उतरना है। यह तभी होगा, अगर घर में आपसी सहयोग होगा तो। किसी तरह का फैसला लेते समय उनकी कोई दखलअंदाजी नहीं होती। पत्नी के साथ-साथ मेरी मां भी मुझे सहयोग करती हैं। मेरी मां हर समय मुझे यही समझाती हैं कि कभी अहंकार नहीं लाना। लोगों का भला करने को हर समय कहते हैं।

पंजाब पहले साल में तरक्की के गेयर में
विरोधी कहते हैं सी.एम. मान ने कर्जा बहुत ले लिया तो मान ने कहा, ये लोग न ही बोलें तो अच्छा है। इन्होंने जो कर्ज पंजाब पर चढ़ाया है और खजाना खाली किया है, वह सबको पता है। न कोई सरकारी स्कूल बनाया, न अस्पताल बनाएं, न सड़कें बनाई और न ही इंडस्ट्री के लिए कुछ किया। मैं तो हैरान हूं कि कुछ किए बिना ही खजाना कैसे खाली हो गया। हम यही सब कर रहे हैं, हमारी नीयत साफ है। मुझे उम्मीद है कि हमारी सरकार में पंजाब पहले साल में पहले गेयर में है और अब आगे तरक्की के गेयर लगातार डलते रहेंगे।

 

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