Edited By Mansa Devi,Updated: 27 Dec, 2025 04:43 PM

अमेरिका के लुइसियाना से एक बेहद अनोखी खबर सामने आई है, जिसने कॉर्पोरेट दुनिया में मालिक और कर्मचारियों के रिश्ते की नई मिसाल पेश की है। फाइबरबॉन्ड (Fiberbond) के सीईओ ग्राहम वॉकर ने कंपनी की बिक्री के बाद कर्मचारियों के नाम करीब 2,000 करोड़ रुपये कर...
नेशनल डेस्क: अमेरिका के लुइसियाना से एक बेहद अनोखी खबर सामने आई है, जिसने कॉर्पोरेट दुनिया में मालिक और कर्मचारियों के रिश्ते की नई मिसाल पेश की है। फाइबरबॉन्ड (Fiberbond) के सीईओ ग्राहम वॉकर ने कंपनी की बिक्री के बाद कर्मचारियों के नाम करीब 2,000 करोड़ रुपये कर दिए। कर्मचारियों के लिए यह बोनस उनकी वफादारी और मेहनत के सम्मान में दिया गया, क्योंकि वे कंपनी के साथ लंबे समय तक जुड़े रहे।
वॉकर ने अपनी कंपनी की बिक्री ईटन (Eaton) के साथ की, लेकिन एक खास शर्त रखी कि बिक्री से मिलने वाली रकम का बड़ा हिस्सा उन्हीं कर्मचारियों तक पहुंचे जिन्होंने कंपनी को कठिन दौर में संभाला। औसतन हर कर्मचारी को करीब 3.7 करोड़ रुपये (4 लाख 43 हजार डॉलर) का लाभ मिला। यह राशि किस्तों में अगले पांच सालों में दी जाएगी, बशर्ते कर्मचारी कंपनी में जुड़े रहें।
किसी ने चुकाया कर्ज तो किसी ने खरीदा घर
इस फैसले ने कर्मचारियों और उनके परिवारों की जिंदगी बदल दी है। कुछ ने अपने कर्ज चुकाए, कुछ ने घर खरीदा और कई ने बच्चों की पढ़ाई के लिए निवेश किया। 1995 से कंपनी में काम कर रही एक महिला कर्मचारी ने इस बोनस से अपने घर का लोन चुकाया और अपना खुद का बुटीक भी खोला।
मंदी से लड़कर यहां तक पहुंची कंपनी
फाइबरबॉन्ड की सफलता आसान नहीं थी। 1982 में ग्राहम के पिता क्लॉड वॉकर ने कंपनी की शुरुआत की थी, और इसे कई बार मंदी, आग और डॉट-कॉम बबल जैसी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन ग्राहम और उनके भाई ने कड़ी मेहनत और रणनीति से कंपनी को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। अब जब कंपनी बिक चुकी है, वॉकर परिवार ने यह सुनिश्चित किया कि उनकी सफलता का श्रेय पाने वाले कर्मचारी खाली हाथ न रहें। ग्राहम वॉकर के इस फैसले ने न केवल कर्मचारियों की जिंदगी बदल दी है, बल्कि कॉर्पोरेट जगत में इंसानियत और नेतृत्व की एक नई मिसाल भी पेश की है।