भारत पर लगाए टैरिफ पर ट्रंप का यू-र्टन, अब इन भारतीय कारोबारियों को मिलेगा फायदा

Edited By Updated: 16 Nov, 2025 08:35 PM

these indian businesses will benefit from the trump tariffs

सत्ता में आने के बाद दुनिया पर अपना दबदबा दिखाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर अब noticeably बदल रहे हैं। “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” का नारा देते हुए जो आर्थिक शक्ति का दावा किया गया था, वह अब देश में मंडरा रहे मंदी के संकट के सामने...

नेशनल डेस्क: सत्ता में आने के बाद दुनिया पर अपना दबदबा दिखाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के सुर अब noticeably बदल रहे हैं। “मेक अमेरिका ग्रेट अगेन” का नारा देते हुए जो आर्थिक शक्ति का दावा किया गया था, वह अब देश में मंडरा रहे मंदी के संकट के सामने कमजोर पड़ता दिखाई दे रहा है। इसी दबाव के बीच ट्रंप प्रशासन ने कृषि और खाद्य उत्पादों पर लगाए गए टैरिफ में भारी कटौती का ऐलान कर दिया है- जिसका सीधा लाभ भारतीय मसाला कारोबारियों और चाय उत्पादकों को मिलने की उम्मीद है।

अमेरिका ने करीब 200 कृषि, खाद्य और खेती से जुड़े उत्पादों पर आयात शुल्क कम किया है। नई सूची में काली मिर्च, लौंग, जीरा, इलायची, अदरक, हल्दी, काजू, आम से बने उत्पाद और चाय की कई किस्में शामिल हैं। 2024 में भारत ने अमेरिका को 50 करोड़ डॉलर से अधिक मसाले और करीब 8.3 करोड़ डॉलर की चाय-कॉफी भेजी थी। अमेरिका द्वारा खरीदे गए कुल काजू में लगभग 20% भारत से गया था।

किन उत्पादों को राहत नहीं?

टैरिफ कटौती के बावजूद भारत के कई प्रमुख निर्यात इससे बाहर रखे गए हैं।

झींगा, समुद्री उत्पाद, बासमती चावल, भारतीय रत्न व आभूषण, कपड़ा उत्पाद (इन पर अब भी 50% शुल्क)। अमेरिका का तर्क है कि बड़ा व्यापार समझौता तभी आगे बढ़ेगा जब भारत रूसी तेल की खरीद में कटौती कर अमेरिकी ऊर्जा पर निर्भरता बढ़ाए।

491 मिलियन डॉलर तक का फायदा!

भारतीय अधिकारियों के मुताबिक, लगभग 50 तरह के प्रोसेस्ड फूड- जिनका पिछले वर्ष का निर्यात 491 मिलियन डॉलर था- इस कटौती के बड़े लाभार्थी होंगे। इनमें कॉफी-चाय के अर्क, फलों के रस, कोको उत्पाद, आम से बनी वस्तुएं और प्लांट वैक्स शामिल हैं। इसके साथ ही 359 मिलियन डॉलर के मसाले भी राहत पाने वालों में हैं।

फलों और मेवों की लगभग 48 किस्में- नारियल, अमरूद, आम, काजू, केला, सुपारी और अनानास- भी फायदा उठाएंगी, भले ही इनका कुल निर्यात केवल 55 मिलियन डॉलर था। नई सूची भारत के कुल 5.7 बिलियन डॉलर के कृषि निर्यात का लगभग 20% और देश के 86 बिलियन डॉलर के कुल वस्तु निर्यात का 40% हिस्से को प्रभावित करती है।

अमेरिका में बढ़ती महंगाई- ट्रंप पर बढ़ा दबाव

विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम राजनीतिक दबाव का नतीजा है। अमेरिका में महंगाई लगातार बढ़ रही है, और हाल ही के उपचुनावों में रिपब्लिकनों को मिली हार के बाद ट्रंप प्रशासन पर कड़ा संदेश देने का दबाव बढ़ गया था। ट्रंप ने जनता के गुस्से को शांत करने के लिए 2,000 डॉलर के राहत चेक और मांस प्रोसेसिंग उद्योग की जांच का भी ऐलान किया है।

हालांकि ट्रंप का दावा है कि उनके टैरिफ नियमों ने घरेलू खर्च नहीं बढ़ाया, लेकिन उद्योग समूहों और अर्थशास्त्रियों ने शुल्क कम करने के फैसले की सराहना की है। दूसरी ओर आलोचक इस बात पर कटाक्ष कर रहे हैं कि जब आम अमेरिकी महंगाई से जूझ रहा है, तब राष्ट्रपति ने मार-ए-लागो में गैट्सबी थीम वाली आलीशान पार्टी रखी और व्हाइट हाउस से भी बड़ा बॉलरूम बनवाने की तैयारी की।

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