Edited By Mehak,Updated: 10 Nov, 2025 01:47 PM

सरकार ने दवाइयों की बढ़ती कीमतों पर लगाम लगाने के लिए ‘फार्मा सही दाम’ ऐप बनाया है। यह ऐप नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी (NPPA) द्वारा विकसित किया गया है। इसके जरिए लोग किसी भी दवा की सही कीमत और ब्रांड तुलना आसानी से कर सकते हैं। अगर कोई...
नेशनल डेस्क : महंगाई के इस दौर में जब दवाइयों की कीमतें लगातार बढ़ रही हैं, आम आदमी की जेब पर सीधा असर पड़ रहा है। अक्सर लोग बिना सही जानकारी के दवा की कीमत से ज्यादा भुगतान कर देते हैं। इसी समस्या को देखते हुए सरकार ने उपभोक्ताओं की मदद के लिए एक खास मोबाइल ऐप बनाया है - 'फार्मा सही दाम' (Pharma Sahi Daam)।
यह National Pharmaceutical Pricing Authority App (NPPA) द्वारा तैयार किया गया है, जो रसायन और उर्वरक मंत्रालय के अधीन कार्य करती है। इस ऐप का उद्देश्य लोगों को दवाओं की असली कीमत के बारे में पारदर्शी जानकारी देना है ताकि कोई भी ग्राहक ओवरचार्जिंग का शिकार न बने।
इस ऐप के जरिए उपभोक्ता किसी भी दवा के ब्रांड नाम या उसके मुख्य घटक (सॉल्ट) को डालकर पता लगा सकते हैं कि सरकार ने उस दवा की अधिकतम खुदरा कीमत (MRP) कितनी तय की है। इतना ही नहीं, यह ऐप आपको एक ही सॉल्ट वाली अलग-अलग कंपनियों की दवाओं की कीमतों की तुलना करने की सुविधा भी देता है, जिससे आप सस्ती और भरोसेमंद दवा चुन सकें।
अगर किसी मेडिकल स्टोर पर दवा निर्धारित कीमत से अधिक दाम पर बेची जा रही हो, तो उपभोक्ता इस ऐप से सीधे शिकायत दर्ज करा सकते हैं। शिकायत मिलने पर NPPA उसकी जांच करता है और जरुरत पड़ने पर संबंधित कंपनी या विक्रेता पर कार्रवाई भी करता है।
'फार्मा सही दाम' ऐप एंड्रॉइड और iOS दोनों प्लेटफॉर्म्स पर मुफ्त में उपलब्ध है, जिससे कोई भी व्यक्ति आसानी से इसे डाउनलोड कर उपयोग कर सकता है। दवा खरीदने से पहले इसकी कीमत जांचना अब बस कुछ क्लिक का काम है।
सरकार की यह पहल न केवल उपभोक्ताओं को जागरूक बना रही है बल्कि दवाइयों की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने और घरेलू बजट को संतुलित रखने में भी मदद कर रही है। इस ऐप के माध्यम से अब हर नागरिक अपने स्वास्थ्य खर्चों पर बेहतर नियंत्रण रख सकता है और सुनिश्चित कर सकता है कि वह दवाओं के लिए सही और वाजिब कीमत चुका रहा है।