Edited By Rohini Oberoi,Updated: 17 Oct, 2025 03:26 PM

इस्लाम धर्म में शराब को हराम (निषिद्ध) माना गया है और कुरान में इसे शरीर और आत्मा दोनों के लिए नुकसानदायक बताते हुए स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है। इसी धार्मिक मान्यता के कारण दुनिया के कई इस्लामिक देशों में शराब के सेवन, उत्पादन और बिक्री पर...
नेशनल डेस्क। इस्लाम धर्म में शराब को हराम (निषिद्ध) माना गया है और कुरान में इसे शरीर और आत्मा दोनों के लिए नुकसानदायक बताते हुए स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित किया गया है। इसी धार्मिक मान्यता के कारण दुनिया के कई इस्लामिक देशों में शराब के सेवन, उत्पादन और बिक्री पर सख्त प्रतिबंध लागू हैं। हालांकि इन कड़े कानूनों और मान्यताओं के बावजूद एक विरोधाभासी सच्चाई सामने आई है। कई मुस्लिम देशों में चोरी-छुपे शराब का सेवन और अवैध कारोबार लगातार बढ़ रहा है।
सऊदी अरब का ऐतिहासिक कदम
इस संदर्भ में सबसे बड़ी खबर सऊदी अरब से आई है जिसे दुनिया का सबसे कट्टर इस्लामिक देश माना जाता है और जहां दशकों से शराब पर पूर्ण पाबंदी थी। सऊदी अरब ने पहली बार सीमित स्तर पर शराब की बिक्री की अनुमति दी है। यह छूट केवल विदेशी डिप्लोमैट्स (Foreign Diplomats) के लिए है न कि आम नागरिकों के लिए। यह कदम क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की उदारवादी नीतियों का हिस्सा माना जा रहा है।

गुप्त सेवन और खपत में वृद्धि
रिपोर्टों के अनुसार यूएई, ट्यूनीशिया, सूडान और बहरीन जैसे कई मुस्लिम देशों में पिछले कुछ सालों में शराब की खपत में बढ़ोतरी दर्ज की गई है। यह वृद्धि न केवल विदेशियों द्वारा बल्कि स्थानीय लोगों के बीच भी गुप्त रूप से सेवन की जा रही है। जॉर्डन में किए गए एक सर्वे में पाया गया कि विश्वविद्यालयों के लगभग 3 प्रतिशत छात्र शराब का सेवन करते हैं।

पाकिस्तान में अवैध कारोबार और जहरीली शराब का खतरा
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान में शराब पर पूरी तरह प्रतिबंध है। यदि कोई व्यक्ति शराब पीते पकड़ा जाता है तो उसे 80 कोड़ों तक की सजा दी जा सकती है। इसके बावजूद वहां शराब की अवैध बिक्री और सेवन आम बात है। कई रिपोर्टों में सामने आया है कि स्थानीय लोग घरों में ही अवैध रूप से शराब तैयार करते हैं। अवैध रूप से बनी इस जहरीली शराब के कारण अक्सर लोगों की मौत हो जाती है। सऊदी अरब में भी 2019 में जहरीली शराब पीने से 19 लोगों की मौत ने सरकार की नीतियों पर सवाल खड़े किए थे।
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प्रतिबंधों में अपवाद
कुछ मुस्लिम देशों में प्रतिबंधों के बावजूद शराब के इस्तेमाल के लिए कुछ अपवाद रखे गए हैं। बांग्लादेश में शराब पर प्रतिबंध है लेकिन कुछ शर्तों के तहत इसे केवल दवाओं के रूप में इस्तेमाल करने की अनुमति दी जाती है।
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वैश्विक खपत: भारत में धार्मिक रुझान
वैश्विक स्तर पर दुनिया में सबसे ज्यादा शराब पीने वाला देश लातविया है जहां प्रति व्यक्ति औसतन 13.19 लीटर शराब सालाना खपत होती है। इसके बाद मोल्डोवा (12.85 लीटर), जर्मनी, लिथुआनिया और आयरलैंड आते हैं। धर्म के आधार पर देखें तो भारत में सबसे ज्यादा शराब सेवन ईसाई समुदाय के लोग करते हैं जबकि मुस्लिमों में इसका प्रतिशत सबसे कम है।