भारत के दबाव में ट्रंप का यू-टर्न! अमेरिका की टैरिफ पॉलिसी में किया बड़ा बदलाव, इन उत्पादों में दे दी टैक्स छूट

Edited By Updated: 06 Sep, 2025 05:48 PM

trump revises his decision on reciprocal tariffs

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने फैसले से दुनिया को चौंका दिया। भारत समेत कई देशों के दबाव के बाद ट्रंप ने अपनी रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया...

Washington: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपने फैसले से दुनिया को चौंका दिया। भारत समेत कई देशों के दबाव के बाद ट्रंप ने अपनी रेसिप्रोकल टैरिफ पॉलिसी में बड़ा बदलाव किया और कई अहम उत्पादों को टैक्स से छूट दे दी।  ट्रंप ने दुनिया भर के देशों पर लागू किए गए अपने टैरिफ में बड़ा बदलाव किया है। पहले उन्होंने वैश्विक व्यापार पर कड़ा रुख अपनाते हुए कई देशों से आयातित सामानों पर टैरिफ लगाया था, जिससे अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चिंता बढ़ गई थी।  अब 6 सितंबर को जारी नए आदेश के तहत ट्रंप ने कुछ वस्तुओं को  रेसिप्रोकल टैरिफ  से बाहर कर दिया है, जबकि कुछ चुनिंदा उत्पादों पर शुल्क बढ़ा दिया है। ट्रंप के इस फैसले से लगता है कि भारत की दबाव नीति का ट्रंप पर असर नजर आने लगा है। व्हाइट हाउस के अनुसार नए आदेश में निम्नलिखित प्रमुख बदलाव किए गए हैं:

 

टैरिफ में बदलाव का विवरण
 छूट मिली ः
इन वस्तुओं पर अब रेसिप्रोकल टैरिफ लागू नहीं होगा जिससे इनकी कीमतों और आपूर्ति पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

  •   ग्रेफाइट, टंगस्टन, यूरेनियम
  •  सोने के बुलियन और अन्य धातुएँ
  •  स्यूडोएफेड्रिन, एंटीबायोटिक्स और कुछ महत्वपूर्ण दवाइयाँ
     

 टैरिफ जारी/बढ़ाया ः इन वस्तुओं पर शुल्क अब भी लागू रहेगा या पहले की तुलना में बढ़ाया गया है।

  •  सिलिकॉन उत्पाद
  •  रेजिन
  •  एल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड
     

नए नियम  सोमवार से लागू
यह बदलाव  शुक्रवार को जारी किए गए कार्यकारी आदेश के तहत किए गए हैं।  नए नियम  सोमवार से लागू होंगे।   यह कदम ट्रंप की व्यापार असंतुलन सुधार नीति का हिस्सा माना जा रहा है। कूटनीतिक सूत्रों के अनुसार, भारत ने लगातार अमेरिका पर दबाव बनाया कि टैरिफ से दोनों देशों के व्यापारिक रिश्ते प्रभावित हो रहे हैं। कई भारतीय कंपनियाँ इससे सीधे नुकसान झेल रही थीं। माना जा रहा है कि ट्रंप का यह यू-टर्न भारत की सख्त लॉबिंग और कूटनीतिक दबाव का नतीजा है।

 

विशेषज्ञों की चेतावनी
आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि भले ही ट्रंप ने आंशिक राहत दी हो, लेकिन उनकी अनिश्चित और पल-पल बदलती नीतियाँ वैश्विक बाजार के लिए खतरे का संकेत हैं। अचानक फैसले से निवेशकों और कंपनियों के लिए अस्थिरता बढ़ सकती है।
 

मोदी सरकार को मिली कूटनीतिक जीत
भारतीय विश्लेषकों ने इसे मोदी सरकार की कूटनीतिक जीत करार दिया है। उनका मानना है कि भारत ने अमेरिका को दिखा दिया है कि उसकी आर्थिक ताकत को नजरअंदाज करना आसान नहीं। ट्रंप ने पहले भी टैरिफ को  राष्ट्रीय सुरक्षा  से जोड़कर इसे लागू किया था। उनका तर्क था कि अमेरिका पर विदेशी व्यापार की निर्भरता बढ़ रही है और इससे घरेलू उद्योगों को खतरा है। हालांकि, पिछले महीने कई देशों के साथ  सौदेबाजी भी की गई थी। इन सौदों के तहत कुछ देशों के लिए टैरिफ कम किया गया और बदले में विदेशी निवेशकों से अमेरिका में उत्पादन और निवेश पर प्रतिबंध हटवाए गए।

 

वैश्विक प्रभाव और चिंताएं

  1.  टैरिफ में बदलाव से  विशेष रूप से आवश्यक वस्तुओं और धातुओं की कीमतों में स्थिरता आने की उम्मीद है।
  2.  हालांकि, सिलिकॉन, रेजिन और एल्युमिनियम हाइड्रॉक्साइड पर टैरिफ बढ़ने से  कुछ उद्योगों में लागत बढ़ सकती है ।
  3.  व्यापार विशेषज्ञों का कहना है कि ये फैसले  अचानक और जल्दीबाजी में  लिए गए, जिससे वैश्विक बाजारों में अस्थिरता बनी रहेगी।
  4.  इसके अलावा, कुछ महत्वपूर्ण दवाइयों को राहत  देने का कदम स्वास्थ्य और आपूर्ति श्रृंखला के लिए लाभकारी माना जा रहा है।
  5.  

ट्रंप का यह टैरिफ संशोधन नीति और सौदेबाजी का मिश्रण है। एक तरफ उसने कुछ जरूरी वस्तुओं और दवाओं को राहत दी है, वहीं सिलिकॉन और अन्य कुछ उत्पादों पर शुल्क बढ़ाकर अमेरिकी उद्योगों को संरक्षित किया गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, वैश्विक व्यापार पर इसका असर लंबी अवधि में देखा जाएगा, जबकि घरेलू उद्योग और उपभोक्ता अल्पकालिक लाभ और नुकसान का सामना कर सकते हैं।

 

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