ब्रिटेन सरकार ने नई इमिग्रेशन पॉलिसी का किया ऐलान, भारतीयों के सपनों पर फिरा पानी

Edited By Tanuja,Updated: 13 May, 2025 06:02 PM

uk makes permanent residency norms tougher indians will be hit most

ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सोमवार को नई  इमिग्रेशन पॉलिसी की घोषणा की, जिससे यूके में स्थायी निवास यानी परमानेंट रेजिडेंसी (PR)  पाना अब और कठिन हो...

London: ब्रिटेन के प्रधानमंत्री कीर स्टारमर ने सोमवार को नई  इमिग्रेशन पॉलिसी की घोषणा की, जिससे यूके में स्थायी निवास यानी परमानेंट रेजिडेंसी (PR)  पाना अब और कठिन हो गया है। अब किसी भी प्रवासी को  10 साल  यूके में रहना होगा, तभी वह स्थायी निवास के लिए आवेदन कर सकेगा। पहले यह अवधि सिर्फ 5 साल  थी। इस बदलाव का सबसे ज़्यादा असर  भारतीय नागरिकों पर पड़ेगा, जो हर साल यूके आने वाले सबसे बड़े प्रवासी समूह हैं। साल 2023 में 2.5 लाख भारतीय काम और पढ़ाई के लिए ब्रिटेन आए थे।

 

  क्या-क्या बदला

  •  परमानेंट रेजिडेंसी की अवधि बढ़ी 
  •   अब 5 नहीं,  10 साल तक लगातार यूके में रहना होगा तभी ILR के लिए आवेदन संभव है।
  •   अब  स्किल्ड वर्कर वीजा  के लिए सिर्फ A-लेवल नहीं,  डिग्री लेवल क्वालिफिकेशन जरूरी होगी।
  •  निचले स्तर की नौकरियों के लिए विदेशियों को नौकरी देना मुश्किल  होगा, जिससे कम कुशल श्रमिकों के लिए यूके आना कठिन हो जाएगा।
  •  डिपेंडेंट्स लाने के नियम भी सख्त ।
  • अब वीजा धारकों को अपने साथ परिवार लाने के लिए ज्यादा  सैलरी थ्रेशोल्ड और बेहतर इंग्लिश स्किल्स दिखानी होंगी।

 

ब्रिटेन सरकार ने क्या कहा
प्रधानमंत्री स्टारमर ने कहा, “हम अपने बॉर्डर पर फिर से नियंत्रण चाहते हैं। अगर जरूरत पड़ी तो और सख्त कदम उठाएंगे।” उन्होंने कहा कि पिछले चार सालों में माइग्रेशन बढ़ा है, लेकिन उसका आर्थिक फायदा नहीं हुआ। द गार्जियन और फाइनेंशियल टाइम्स  की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार अब ऐसे लोगों को ही यूके में बसने की अनुमति देगी जो "अर्थव्यवस्था और समाज में ठोस योगदान" दे सकें।
 
 

फैसले का भारतीयों पर असर 

  1.   भारतीय छात्रों और कामगारों के लिए ब्रिटेन में स्थायी रूप से बसने का सपना अब और दूर  हो गया है।
  2.   पहले जहां 5 साल नौकरी या पढ़ाई के बाद रेजिडेंसी मिल जाती थी, अब  10 साल रुकना अनिवार्य  होगा।
  3.   भारतीय कंपनियों को भी अब  कम कुशल काम के लिए भारतीयों को यूके भेजने में कठिनाई होगी।

 

राजनीतिक कारण भी जिम्मेदार
स्टारमर सरकार यह कड़े कदम रिफॉर्म यूके पार्टी और कंजरवेटिव्स के बढ़ते दबाव में उठा रही है, जो कम इमिग्रेशन की मांग कर रहे हैं। हाल ही में रिफॉर्म यूके को लोकल चुनावों में अच्छा समर्थन मिला है।

 

 

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