Edited By Harman Kaur,Updated: 06 Sep, 2025 07:00 PM

रसोई में इस्तेमाल हो रहे नॉन-स्टिक, टेफ्लोन और प्लास्टिक बर्तन गंभीर बीमारियों का कारण बन सकते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार इन बर्तनों से निकलने वाले रसायन जैसे PFAS, BPA आदि शरीर में पहुंचकर किडनी, लंग्स और ब्रेन कैंसर तक का खतरा बढ़ा सकते हैं।...
नेशनल डेस्क: अगर आप भी अपनी रसोई में नॉन-स्टिक कढ़ाई, टेफ्लोन कोटिंग वाले कुकर या फिर प्लास्टिक के बर्तनों का इस्तेमाल करते हैं, तो सावधान हो जाइए। विशेषज्ञों की मानें तो ये आधुनिक बर्तन आपकी सेहत के लिए धीरे-धीरे जहर बन सकते हैं और कैंसर जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकते हैं।
कैंसर विशेषज्ञ के मुताबिक, आजकल की मॉडर्न किचन में दिखने में आकर्षक और कम तेल में खाना पकाने वाले बर्तनों का चलन बढ़ गया है। लेकिन कम लोग जानते हैं कि इन्हीं बर्तनों से शरीर में टॉक्सिन्स पहुंचते हैं, जो धीरे-धीरे अंदरूनी अंगों को नुकसान पहुंचाकर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
ये बर्तन हैं सबसे खतरनाक:-
1. खराब गुणवत्ता वाले नॉन-स्टिक बर्तन
नॉन-स्टिक की ऊपरी परत में मौजूद प्लास्टिक के सूक्ष्म कण (माइक्रोपार्टिकल्स) भोजन में मिल सकते हैं। यह कैंसर की आशंका बढ़ा सकता है।
2. टेफ्लोन कोटिंग वाले नॉन-स्टिक बर्तन
इन बर्तनों को ज़्यादा तापमान पर गर्म करने पर इनमें मौजूद रसायन जैसे PFOA और PFAS खाने में घुल सकते हैं। रिसर्च के मुताबिक, ये रसायन किडनी और टेस्टिकुलर कैंसर का कारण बन सकते हैं।
3. स्टील का जूना (स्क्रबर)
कम गुणवत्ता वाले स्टील स्क्रबर से बर्तनों की सतह पर महीन धातु कण छूट सकते हैं, जो शरीर में जाकर फेफड़े और पेट की बीमारियां और कैंसर का कारण बन सकते हैं।
4. प्लास्टिक के बर्तन
खासतौर पर माइक्रोवेव या गर्म खाना रखने वाले प्लास्टिक के बर्तन बेहद हानिकारक हैं। इनमें मौजूद BPA जैसे रसायन से ब्रेन, ब्रेस्ट, लंग्स और प्रोस्टेट कैंसर होने की आशंका होती है।
ऐसे करें बचाव
- लोहे (कास्ट आयरन) के बर्तन
- पीतल या कांसे के बर्तन
- मिट्टी से बने पारंपरिक बर्तन
- अच्छी क्वालिटी का स्टेनलेस स्टील
- बोरोसिलिकेट कांच के बर्तन
- खाने को पकाने और परोसने दोनों के लिए इन्हीं बर्तनों का इस्तेमाल करना अधिक सुरक्षित है।