Edited By Rohini Oberoi,Updated: 28 Oct, 2025 01:04 PM
उत्तराखंड जिसे पहले केवल तीर्थाटन (Pilgrimage) तक सीमित माना जाता था अब रोमांच, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता के चलते वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में उभर चुका है। राज्य गठन के 25 वर्षों में यहां के पर्यटन उद्योग...
नेशनल डेस्क। उत्तराखंड जिसे पहले केवल तीर्थाटन (Pilgrimage) तक सीमित माना जाता था अब रोमांच, प्राकृतिक सौंदर्य और सांस्कृतिक विविधता के चलते वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर एक प्रमुख डेस्टिनेशन के रूप में उभर चुका है। राज्य गठन के 25 वर्षों में यहां के पर्यटन उद्योग ने अभूतपूर्व विकास किया है जिसके कारण राज्य की अर्थव्यवस्था को नई गति मिली है।
तीन वर्षों में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक, अर्थव्यवस्था को मिला बूस्ट
राज्य स्थापना के समय, पर्यटन मुख्य रूप से मसूरी, नैनीताल और चारधाम यात्रा तक सीमित था और सीमित बुनियादी ढांचे के कारण चारधाम यात्रा कठिन मानी जाती थी। लेकिन आधुनिक विकास ने इस तस्वीर को बदल दिया है:
रिकॉर्ड आगमन: बीते तीन वर्षों में उत्तराखंड में 23 करोड़ से अधिक पर्यटक पहुंचे हैं जो राज्य के पर्यटन क्षेत्र की सफलता को दर्शाता है।
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बुनियादी ढांचा: ऑल वेदर रोड, हेली सेवा और आधुनिक सुविधाओं के कारण अब चारधाम यात्रा सुगम हो गई है।
स्थानीय लाभ: इस विकास से धार्मिक पर्यटकों की संख्या तो बढ़ी ही है साथ ही होम स्टे, होटल, महिला स्वयं सहायता समूहों और परिवहन कारोबारियों को भी सीधा आर्थिक लाभ मिला है।

पीएम मोदी का ड्रीम प्रोजेक्ट
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत हुए पुनर्निर्माण कार्यों से तीर्थाटन को नई दिशा मिली है:
केदारनाथ: वर्ष 2013 की आपदा के बाद केदारनाथ धाम का कायाकल्प हुआ है। पहले चरण में ₹225 करोड़ के कार्य पूरे हो चुके हैं और दूसरे चरण का कार्य तेजी से चल रहा है।
बदरीनाथ: बदरीनाथ धाम को भी मास्टर प्लान के तहत एक आध्यात्मिक पर्वतीय शहर के रूप में विकसित किया जा रहा है।

पर्वतमाला मिशन के तहत केदारनाथ और हेमकुंड साहिब के लिए रोपवे निर्माण कार्य अदाणी समूह द्वारा किया जा रहा है जिससे दुर्गम यात्रा और आसान हो जाएगी।
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साहसिक पर्यटन और नए डेस्टिनेशन पर फोकस
उत्तराखंड सरकार पर्यटन को पूरे साल चलने वाली गतिविधि बनाने पर ज़ोर दे रही है:
साहसिक गतिविधियां: राफ्टिंग, ट्रैकिंग, बंजी जंपिंग, पर्वतारोहण, योग और वर्क फ्रॉम हिल्स जैसी गतिविधियों के लिए देश-विदेश के पर्यटक यहां पहुंच रहे हैं।

सांस्कृतिक सर्किट: मानसखंड मंदिर माला मिशन के तहत 16 प्राचीन मंदिरों को पर्यटन सुविधाओं से जोड़ा जा रहा है जिससे कुमाऊं क्षेत्र में पर्यटन बढ़ेगा।
वेडिंग और झील विकास: प्रदेश सरकार अब उत्तराखंड को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में भी विकसित कर रही है। साथ ही टिहरी झील को अंतरराष्ट्रीय पर्यटन केंद्र बनाने के लिए ₹1200 करोड़ की योजना को मंजूरी दी गई है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि पर्यटन और तीर्थाटन राज्य की अर्थव्यवस्था की रीढ़ हैं और सरकार वर्षभर पर्यटन गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। उत्तराखंड का पर्यटन उद्योग आज राज्य की पहचान को वैश्विक स्तर पर नई ऊंचाइयां दे रहा है।