क्या था पवन खेड़ा का वो बयान जिस पर मच गया इतना घमासान, पढ़ें हमारी पूरी रिपोर्ट

Edited By Updated: 23 Feb, 2023 07:03 PM

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कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार को शुरू हुआ सियासी ड्रामा शाम होते-होते सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद थमता नजर आया

नेशनल डेस्कः कांग्रेस नेता पवन खेड़ा की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार को शुरू हुआ सियासी ड्रामा शाम होते-होते सुप्रीम कोर्ट के दखल के बाद थमता नजर आया। रायपुर में कांग्रेस अधिवेशन में हिस्सा लेने जा रहे कांग्रेस प्रवक्ता पवन खेड़ा को दिल्ली एयरपोर्ट पर अचानक फ्लाइट से उतार लिया गया और उसके बाद दिल्ली पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया। यहीं से शुरू हुआ राजनीतिक ड्रामा। पवन खेड़ा के साथ-साथ कांग्रेस के अन्य नेता भी फ्लाइट से उतर गए और रनवे पर बैठकर ही विरोध प्रदर्शन करने लगे। इस बीच दिल्ली पुलिस ने बताया कि असम में पवन खेड़ा के खिलाफ कई मुकदमे दर्ज हैं। मुकदमे किस मामले को लेकर दर्ज हैं। इसका जवाब दिल्ली पुलिस नहीं दे पाई। इधर, असम पुलिस भी दिल्ली एयरपोर्ट पर पवन खेड़ा को उड़नखटोले के जरिए गुवाहाटी ले जाने के लिए बुलैट ट्रेन की रफ्तार से पहुंच गई।

पवन खेड़ा को हवाई जहाज से नीचे उतारे जाने के बाद कांग्रेस ने एयरपोर्ट पर ही हंगामा शुरू कर दिया। कांग्रेस ने मोदी सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि यह तानाशाही है।  पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कहा, "पहले ईडी ने रायपुर में छापेमारी की, अब पवन खेड़ा को दिल्ली पुलिस द्वारा रायपुर के विमान से उतारा गया है। तानाशाही का दूसरा नाम अमितशाही है।" उन्होंने कहा, ‘‘मोदी सरकार हमारे राष्ट्रीय महाअधिवेशन को बाधित करना चाहती है। हम डरने वाले नहीं हैं, देशवासियों के लिए संघर्ष करते रहेंगे।" पार्टी प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सवाल किया कि किस आधार पर खेड़ा को नीचे उतारा गया है? उन्होंने यह भी कहा कि क्या देश में कानून का कोई राज है या नहीं?

एक के बाद एक कांग्रेसी नेता मोदी सरकार पर हमलावर हो गए और मुद्दे को चने की तरह भुनाने में जुट गए। राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा को दिल्ली में विमान से नीचे उतारे जाने की घटना की निंदा की और इसे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की बौखलाहट करार दिया। गहलोत ने बृहस्पतिवार को ट्वीट किया, ‘‘दिल्ली से रायपुर कांग्रेस अधिवेशन में भाग लेने जा रहे कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पवन खेड़ा को असम पुलिस ने उड़ान से उतार दिया। ऐसी कौन सी आपात स्थिति थी कि असम पुलिस ने दिल्ली आकर ऐसा किया?'' कांग्रेस नेता ने आगे लिखा, ‘‘पहले रायपुर में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के छापे और अब ऐसा कृत्य भाजपा की बौखलाहट को दिखाता है। यह निंदनीय है।''

कांग्रेस महासचिव वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘ये चीजें जिस तरह से की जा रही हैं, उसकी हम निंदा करते हैं। हम सभी रायपुर पार्टी के महाधिवेशन के लिए जा रहे थे, अचानक से खेड़ा को विमान से नीचे उतार दिया गया और इसका कोई कारण नहीं बताया गया।'' उन्होंने कहा, ‘‘यह सब कैसे हो सकता है, क्या भारत बनाना रिपब्लिक बन गया है?'' ‘बनाना रिपब्लिक' शब्द का इस्तेमाल राजनीतिक और आर्थिक रूप से अस्थिर ऐसे देश के लिए किया जाता है, जिसकी अर्थव्यवस्था प्राकृतिक संसाधनों के निर्यात पर निर्भर हो और जहां सत्ता भ्रष्ट नेताओं एवं छोटे समूहों के हाथ में होती है।

सुप्रीम कोर्ट ने किया मामले का पटाक्षेप
दिल्ली पुलिस आगे की कार्रवाई के लिए आगे बढ़ती। इससे पहले मामला सुप्रीम कोर्ट में पहुंच गया। पवन खेड़ा ने अपने ऊपर दर्ज एआईआर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में अर्जी डाल दी। शीर्ष अदालत भी मामले की गंभीरता को समझते हुए तत्काल सुनवाई के लिए तैयार हो गई और सुनवाई का वक्त तीन बजे मुकर्रर कर दिया गया। दोपहर के तीन बजे पवन खेड़ा पर दर्ज एफआईआर और उनपर लटकी गिरफ्तारी की तलवार को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दलीलें शुरू हुईं। खेड़ा के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कोर्ट के सामने कहा कि गलती से उनके मुवक्किल की जुबान फिसल गई। मेरे मुवक्किल ने प्रधानमंत्री पर अपनी टिप्पणी के लिए उसी दिन माफी मांगी थी और उन पर लगाए गए आरोपों के सिलसिले में गिरफ्तारी की कोई आवश्यकता नहीं है। यहां हम आपको बता दें कि खेड़ा पर असम, लखनऊ और वाराणसी में कुल मिलाकर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। अदालत ने खेड़ा को फौरी तौर पर राहत देते हुए 28 फरवरी तक अंतरिम जमानत देने का फैसला सुना दिया। कोर्ट ने असम और यूपी पुलिस को लगे हाथ नोटिस जारी कर दिया। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 28 फरवरी को होगी।

भाजपा ने डाला आग में घी
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बीच भाजपा ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस में कांग्रेस पर निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता ने प्रमुख विपक्षी पार्टी पर पलटवार करते हुए कहा कि उसके नेताओं को इस ‘गलतफहमी' में नहीं रहना चाहिए कि वे कानून से ऊपर हैं। भाजपा के प्रवक्ता गौरव भाटिया ने कहा, ‘‘जो कुछ भी किया जाता है वह कानूनी तरीके से किया जाता है। कांग्रेस नेताओं को इस गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए कि वे कानून से ऊपर हैं।'' उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ अपमानजनक शब्दों का इस्तेमाल करने के बाद कांग्रेस ‘विक्टिम कार्ड' (पीड़ित के रूप में खुद को प्रस्तुत करना) खेल रही है। भाजपा नेता ने कहा कि कांग्रेस नेताओं ने दिल्ली हवाई अड्डे पर विरोध प्रदर्शन कर कानून का उल्लंघन किया और साथी यात्रियों के जीवन को खतरे में डाला। 

क्या था पवन खेड़ा का बयान
पवन खेड़ा ने मुंबई में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पीएम मोदी की ओर इशारा करते हुए कहा था कि भले ही उनका नाम दामोदर दास है, लेकिन उनका काम गौतम दास जैसा है। खेड़ा ने कहा था, ‘‘ जब अटल बिहारी वाजपेयी जेपीसी का गठन कर सकते थे, जब नरसिम्हा राव जेपीसी का गठन कर सकते थे तो नरेंद्र गौतम दास मोदी को क्या समस्या है।'' कांग्रेस नेता से जब उनक इस टिप्पणी के लिये पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘‘उनका नाम दामोदरदास हो सकता है, लेकिन उनका काम गौतम दास जैसा है।''  दरअसल, अडाणी मामले को लेकर कांग्रेस ने पूरे देश में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही थी। इसी सिलसिले में पवन खेड़ा भी मुंबई में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में हिस्सा ले रहे थे।

 

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