8 नवंबर की रात जब PM मोदी ने किया नोटबंदी का ऐलान, बंद हो गए थे 500 और 1000 रुपए के नोट

Edited By Updated: 08 Nov, 2025 06:11 AM

when pm modi announced demonetisation on the night of november 8

आठ नवंबर का दिन भारत की आर्थिक इतिहास में एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में दर्ज है। 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रात 8 बजे अचानक राष्ट्र के नाम संबोधन में ऐलान किया कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट आधी रात से अमान्य हो जाएंगे।

नेशनल डेस्कः आठ नवंबर का दिन भारत की अर्थव्यवस्था के इतिहास में हमेशा एक महत्वपूर्ण मोड़ के रूप में याद किया जाएगा। 8 नवंबर 2016 को ठीक रात 8 बजे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र को संबोधित करते हुए घोषणा की कि 500 और 1000 रुपये के पुराने नोट तुरंत प्रभाव से बंद किए जा रहे हैं। यह फैसला उसी रात 12 बजे से लागू हो गया, जिसने पूरे देश की वित्तीय और सामाजिक व्यवस्था को एक झटके में बदल दिया।

देश में मचा हड़कंप

घोषणा होते ही लोग रातों-रात बाजार में सामान खरीदने निकल पड़े। सुनारों की दुकानों पर भारी भीड़ उमड़ पड़ी। आधी रात तक पेट्रोल पंपों और दवा दुकानों पर लोगों की कतारें लगने लगीं। अगले ही दिन देशभर के बैंकों और एटीएम के बाहर कई किलोमीटर लंबी लाइनें।लोग पुराने नोट बदलवाने के लिए घंटों कहीं-कहीं कई दिनों तक परेशान होते रहे। कई वरिष्ठ नागरिक, ग्रामीण लोग और दिहाड़ी मजदूरों को भारी कठिनाइयों का सामना करना पड़ा। सरकार ने बाद में नया ₹500 और नया ₹2000 नोट जारी किया, लेकिन शुरुआती दिनों में नकदी का संकट बना रहा।

सरकार ने क्यों लागू की नोटबंदी?

सरकार ने इस कदम के पीछे तीन बड़े कारण बताए:

  1. काले धन पर कड़ा प्रहार

  2. नकली नोटों को खत्म करना

  3. आतंकी फंडिंग और हवाला तंत्र पर रोक लगाना

सरकार का कहना था कि बड़ी मात्रा में मौजूद अवैध नकदी अचानक बेकार हो जाएगी।

1978 में भी हुई थी नोटबंदी

यह कदम इतिहास में नया नहीं था। 16 जनवरी 1978 को जनता पार्टी सरकार ने 1000,5000 और 10000 के नोटों को बंद किया था। उद्देश्य भी वही था—काले धन और जाली नोटों पर रोक। हालांकि 1978 में इसका प्रभाव सीमित था क्योंकि तब इतने बड़े मूल्य के नोट आम जनता के पास बहुत कम होते थे, जबकि 2016 की नोटबंदी सीधे आम लोगों की रोजमर्रा की नकदी पर असर डालती थी।

RBI और विशेषज्ञों की रिपोर्टें—क्या पता चला?

बाद में RBI के आंकड़ों में सामने आया:

  • करीब 99.3% बंद किए गए नोट बैंकिंग सिस्टम में वापस लौट आए

  • नकली नोटों में थोड़े समय के लिए गिरावट

  • डिजिटल पेमेंट्स में अभूतपूर्व उछाल

  • टैक्स बेस में वृद्धि

  • लेकिन छोटे व्यवसाय, दिहाड़ी मजदूर और ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर गंभीर असर

कई अर्थशास्त्रियों और संस्थाओं ने नोटबंदी को भारत की अर्थव्यवस्था के लिए सबसे बड़ा व्यवधानकारी कदम बताया।

दीर्घकालिक प्रभाव (2016–2025)

सकारात्मक प्रभाव:

  • UPI और डिजिटल लेनदेन में क्रांति

  • वित्तीय प्रणाली में अधिक पारदर्शिता

  • बैंक खातों में बड़ी मात्रा में धन जमा

नकारात्मक प्रभाव:

  • अनौपचारिक सेक्टर की कमर टूटी

  • लाखों मजदूरों की आय घटी

  • GDP वृद्धि दर अगले कई तिमाहियों तक प्रभावित रही

  • छोटे व्यापार और कुटीर उद्योगों को भारी नुकसान

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!