Aadhaar Deactivation: UIDAI ने क्यों और कैसे बंद किए 2 करोड़ से ज़्यादा आधार कार्ड? जानिए पूरा मामला

Edited By Updated: 26 Nov, 2025 06:37 PM

why and how did uidai deactivate over 2 crore aadhaar cards

देश के आधार डेटाबेस को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के मिशन के तहत UIDAI ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने बुधवार को जानकारी दी कि 2 करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार नंबर निष्क्रिय कर दिए गए हैं।

नेशनल डेस्क: देश के आधार डेटाबेस को सुरक्षित और विश्वसनीय बनाने के मिशन के तहत UIDAI ने एक बड़ा कदम उठाया है। सरकार ने बुधवार को जानकारी दी कि 2 करोड़ से अधिक मृत व्यक्तियों के आधार नंबर निष्क्रिय कर दिए गए हैं। यह कार्रवाई Identity Fraud रोकने और मृत लोगों के दस्तावेजों के दुरुपयोग को समाप्त करने के उद्देश्य से एक राष्ट्रव्यापी 'डेटा-क्लीनिंग अभियान' के तहत की गई है।

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आधार को कैसे किया गया निष्क्रिय?

UIDAI ने उन सक्रिय आधार नंबरों की पहचान की जो मृत्यु के बाद भी सक्रिय रह गए थे। इसके लिए एक Multi-scale data matching और verification system का उपयोग किया गया है। आधार रिकॉर्ड को रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया, राज्यों के रजिस्ट्रार, केंद्रीय मंत्रालयों और अन्य आधिकारिक डेटाबेस से मिले मृत्यु पंजीकरण रिकॉर्ड के साथ मिलाया गया। प्राधिकरण का कहना है कि हर मामले में वेरिफिकेशन प्रोसेस पूरा होने के बाद ही आधार निष्क्रिय किया जाता है, जिससे त्रुटियों को कम किया जा सके। UIDAI के इस कदम को पहचान चोरी, बेनामी लेनदेन और सरकारी लाभों में धोखाधड़ी को रोकने में प्रभावी माना जा रहा है।

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myAadhaar पोर्टल पर दें मृत्यु की सूचना

UIDAI ने परिवारों को भी इस प्रक्रिया में शामिल होने का अनुरोध किया है। अब परिवार का कोई सदस्य सीधे myAadhaar पोर्टल पर किसी व्यक्ति की मृत्यु की सूचना दे सकता है। इसके लिए पोर्टल पर लॉग इन करके मृतक का आधार नंबर, मृत्यु पंजीकरण संख्या और अन्य बुनियादी विवरण दर्ज करने होते हैं। प्राधिकरण ने परिवारों से अपील की है कि मृत्यु प्रमाणपत्र प्राप्त होते ही यह प्रक्रिया पूरी करें, ताकि दुरुपयोग की संभावना न रहे।

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गलती होने पर क्या करें?

विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि कुछ जगहों पर मृत्यु पंजीकरण अधूरा होने के कारण ग़लत निष्क्रियता की आशंका बनी रहती है। UIDAI ने कहा है कि अगर किसी जीवित व्यक्ति का आधार गलती से निष्क्रिय हो जाए तो वह UIDAI की निर्धारित प्रक्रिया के तहत आवश्यक दस्तावेज़ों के साथ पुनः एक्टिवेट करने के लिए आवेदन कर सकता है।

 

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