बात-बात पर अपनी ही सरकार को घेरने वाले वरुण गांधी अडानी के मुद्दे पर क्यों हैं खामोश, जानिए वजह?

Edited By Yaspal,Updated: 03 Feb, 2023 05:08 PM

why is varun gandhi silent on the issue of adani know the reason

बात-बात पर अपनी सरकार को आड़े हाथ लेने वाले भाजपा के बागी सांसद वरुण गांधी अडानी के मुद्दे पर खामोश हैं। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद वरुण गांधी का ना ही कोई बयान सामने आया है और न ही उन्होंने कोई ट्वीट किया है

नेशनल डेस्कः इन दिनों देश में अडानी ग्रुप को लेकर मुद्दा गरमाया हुआ है। पूरा विपक्ष अडानी के बहाने केंद्र सरकार को घेरने का प्रयास कर रहा है। अडानी ग्रुप के शेयरों मे आई बड़ी गिरावट को लेकर पिछले दो दिनों से संसद ठप पड़ी है। विपक्ष के हंगामे के चलते पिछले दो दिनों में कोई भी विधायी काम नहीं हुआ है। इन सबके बीच बात-बात पर अपनी सरकार को आड़े हाथ लेने वाले भाजपा के बागी सांसद वरुण गांधी अडानी के मुद्दे पर खामोश हैं। 24 जनवरी को हिंडनबर्ग की रिपोर्ट आने के बाद वरुण गांधी का ना ही कोई बयान सामने आया है और न ही उन्होंने कोई ट्वीट किया है। वरुण गांधी ने 13 जनवरी के बाद से कोई ट्वीट नहीं किया है। आईए जानते हैं इसके पीछे का कारण क्या है? वरुण गांधी ने 13 जनवरी के बाद से कोई ट्वीट नहीं किया है।

भाजपा से मोहभंग लेकिन अडानी के मुद्दे पर खामोश
भाजपा में हाशिए पर चल रहे सुल्तानपुर से सांसद वरुण गांधी अलग-थलग पड़ गए हैं। एक समय भाजपा में उनका कद काफी ऊंचा था। साल 2004 में जब राजनाथ सिंह भारतीय जनता पार्टी के अध्यक्ष थे, तब वरुण गांधी पार्टी में राष्ट्रीय महासचिव थे। लेकिन जैसे ही केंद्र में मोदी सरकार बनीं और पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह बने तबसे वरुण गांधी पार्टी में हाशिए पर चले गए। पहले अमित शाह ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी में वरुण गांधी को जगह नहीं दी। शाह के दूसरे कार्यकाल में भी उनको राष्ट्रीय कार्यकारिणी में जगह नहीं मिली। साल 2019 में अमित शाह केंद्र में गृह मंत्री बन गए। इस बीच भाजपा के अध्यक्ष का चुनाव हुआ। जेपी नड्डा नए अध्यक्ष चुने गए लेकिन वरुण गांधी की भाग्य नहीं बदला और नड्डा की भाजपा में भी वह हाशिए पर चले गए। पिछले 8 सालों से वरुण गांधी लगातार हाशिए पर चल रहे हैं। सुल्तानपुर से भाजपा सांसद वरुण गांधी आए दिन मोदी सरकार को किसी न किसी मुद्दे पर टारकेट करते रहते हैं। लेकिन देश में अडानी का इतना बड़ा मुद्दा चल रहा और वरुण गांधी खामोश हैं और वरुण गांधी खामोश हैं। वरुण ने 13 जनवरी के बाद से कोई ट्वीट नहीं किया है।

साल 2017 के विधानसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश में भाजपा को पूर्ण बहुमत मिला। बिना चेहरे के नाम पर यूपी में चुनाव लड़ी। मुख्यमंत्री बनने के लिए भाजपा में कई नाम रेस में चल रहे थे। तत्कालीन भाजपा प्रदेश अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्या, मौजूदा जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा और उत्तर प्रदेश में भाजपा के कई और नेता दावेदारी ठोक रहे थे। इसमें वरुण गांधी के समर्थक भी उनको मुख्यमंत्री बनाने के नारे लगाने लगे। लखनऊ में वरुण गांधी को मुख्यमंत्री बनाने के लिए जगह-जगह पोस्टर लग चुके थे। लेकिन अंत में बाजी मार गए योगी आदित्यनाथ, जिनका नाम मुख्यमंत्री की रेस में सबसे पीछे चल रहा था।

कांग्रेस में जाने की लगने लगी अटकलें
भारतीय जनता पार्टी से बगावत कर चुके वरुण गांधी की हाल के दिनों में कांग्रेस की जानें की अटकलें लगने लगीं। इसके कयास उनके बयानों से लगाई जाने लगीं। वरुण गांधी बेरोजगारी,किसान आंदोलन समेत कई मुद्दों पर अपनी ही सरकारों को घेरने लगे। केंद्र के साथ साथ उन्होंने उत्तर प्रदेश की योगी सरकार को नहीं छोड़ा। वरुण के इन बयानों से कयास लगने लगे कि वरुण कांग्रेस या अन्य किसी और पार्टी में शामिल हो सकते हैं।

राहुल गांधी के बयान से लगा बड़ा झटका
वरुण गांधी की कांग्रेस में जाने की खबरें मीडिया में तेजी से उछलने लगीं। लेकिन वरुण की कांग्रेस में एंट्री पर उनके ही बड़े भाई राहुल गांधी ने ग्रहण लगा दिया। जम्मू-कश्मीर में भारत जोड़ो यात्रा के दौरान एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान वरुण की कांग्रेस में एंट्री को लेकर जब राहुल गांधी से सवाल पूछा गया तो राहुल ने कहा था कि मैं उन्हें प्यार से गले तो लगा सकता हूं लेकिन उनकी विचारधारा आरएसएस की विचारधारा है और मैं आरएसएस की विचारधारा को नहीं अपनाऊंगा। मैं अपना गर्दन कटा दूंगा लेकिन नागपुर में जाकर अपना सिर नहीं झुकाऊंगा।

क्या है वरुण के सामने अब विकल्प
वरुण गांधी के लिए कांग्रेस और सपा में दरवाजे बंद हैं। अब वरुण अपना अलग पार्टी बनाकर उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़ सकते हैं या फिर टीएमसी का दामन थाम सकते हैं। वरुण टीएमसी में शामिल होंगे इसकी संभावनाएं कम हैं। माना जा रहा है कि वरुण तीसरे विकल्प पर विचार कर रहे हैं और अपनी पार्टी का गठन कर सकते है। इसमें उनकी मां मेनका गांधी भी साथ दे सकती हैं। अब आने वाले दिनों में देखना होगा कि वरुण क्या करते हैं। भाजपा में खामोश रहेंगे या फिर अपनी नई पार्टी का गठन करेंगे?

Let's Play Games

Game 1
Game 2
Game 3
Game 4
Game 5
Game 6
Game 7
Game 8

Related Story

IPL
Gujarat Titans

Mumbai Indians

Teams will be announced at the toss

img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!