देश को वैश्विक निवेशकों के लिये आकर्षक स्थल बनाने को लेकर सुधारों की गति जारी रहेगी: सीतारमण

Edited By PTI News Agency,Updated: 23 Nov, 2020 10:39 PM

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नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि देश को वैश्विक निवेशकों के लिये आकर्षक स्थल बनाने के लिए आर्थिक सुधारों की गति जारी रहेगी।

नयी दिल्ली, 23 नवंबर (भाषा) वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को उद्योग जगत को आश्वस्त किया कि देश को वैश्विक निवेशकों के लिये आकर्षक स्थल बनाने के लिए आर्थिक सुधारों की गति जारी रहेगी।
उद्योग मंडल सीआईआई के राष्ट्रीय एमएनसी (बहुराष्ट्रीय कंपनियां) सम्मेलन को आनलाइन-वीडियो संपर्क के जरिए संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि भारत ने आर्थिक सुधारों को आगे बढ़ाने के लिये कोविड-19 महामारी से उत्पन्न संकट को एक अवसर में बदला है। इस दौरान उन सुधारों को आगे बढ़ाया गया, जो पिछले कई दशक से लंबित थे।

सीतारमण ने कहा, ‘‘कोविड-महामारी के समय भी प्रधानमंत्री ने उन व्यापक सुधारों को आगे बढ़ाने का अवसर नहीं गंवाया जो दशकों से लंबित थे। सुधारों की गति जारी रहेगी। सुधारों से जुड़े कई और कदम उठाये जा रहे हैं।’’
उन्होंने कहा कि वित्तीय क्षेत्र को पेशेवर रुख दिया जा रहा है और सरकार विनिवेश एजेंडे पर आगे कदम बढ़ाएगी।

वित्त मंत्री के अनुसार सरकार यह सुनिश्चित करेगी कि सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों के लिये नई निजीकरण नीति लाने में तेजी लायी जाए।
सीतारमण ने मई में 20 लाख करोड़ रुपये के आत्मनिर्भर भारत अभियान पैकेज की घोषणा करते हुए कहा था कि रणनीतिक क्षेत्रों में अधिकतम चार सरकारी कंपनियां ही रहेंगी। सार्वजनिक क्षेत्र की बाकी इकाइयों का अंतत: निजीकरण किया जाएगा।

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल के दौरान प्रौद्योगिकी का उपयोग कर प्रत्यक्ष लाभ अंतरण, माल एवं सेवा कर (जीएसटी) तथ दिवाला एवं ऋण शोधन अक्षमता संहिता (आईबीसी) आदि जैसे सुधारों को क्रियान्वित किया गया।
सीतारमण ने कहा, ‘‘हम राष्ट्रीय कंपनी विधि न्यायाधिकरण और राष्ट्रीय कंपनी विधि अपीलीय न्यायाधिकरण को मजबूत बना रहे हैं। इससे कंपनी कानून से जुड़े न्यायाधिकरण और कुशल तरीके से काम कर सकेंगे।’’
वैश्विक कंपनियों के लिये अपने प्रतिष्ठान स्थापित करने को लेकर नियमों को और सरल बनाये जाने के संदर्भ में वित्त मंत्री ने कहा कि एक प्रभावी एकीकृत एकल खिड़की व्यवस्था उपलब्ध करायी जाएगी ताकि नियामकों, नीति निर्माताओं आदि तक पहुंच एक ही जगह पर हो सके।

उन्होंने इस महीने की शुरूआत में प्रधानमंत्री की दुनिया के 20 सबसे बड़े पेंशन और सरकारी संपत्ति कोष के साथ बैठक का जिक्र करते हुए कहा कि आगामी बजट में उस बात पर जोर हो सकता है जो वैश्विक निवेशक समुदाय बदलते परिवेश में वास्तव में भारत से उम्मीद कर रहे हैं।

सीतारमण ने कहा कि उस बैठक के बाद प्रधानमंत्री फिर से एक-एक कर पेंशन और संपत्ति कोष के साथ ‘ऑनलाइन’ बैठक कर रहे हैं, नीतियों के मोर्चे पर उनकी चिंताओं और अपेक्षाओं के बारे में बातचीत कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था के विभिन्न क्षेत्रों में कोष आकर्षित करने के लिये बजट में सरकारी कोषों के लिये घोषित कर छूट की घोषणा को कोविड-19 संकट के बावजूद लागू किया गया।
सीतारमण ने कहा, ‘‘कई सरकारी कोष ने निवेश को लेकर रूचि जतायी है।’’
उन्होंने कहा कि सरकार ने अंतरिक्ष, परमाणु ऊर्जा क्षेत्र तथा रक्षा उत्पादन क्षेत्र को निजी क्षेत्र के लिये खोला है।

सीतारमण ने कहा, ‘‘सरकार के 2019 में सत्ता में लौटने के बाद कई महत्वपूर्ण सुधारों को आगे बढ़ाया गया। कंपनी कर सितंबर 2019 में कम कर 15 प्रतिशत कर दिया गया जो दुनिया में सबसे कम दरों में से एक है।’’
वित्त मंत्री ने अप्रत्यक्ष कर से जुड़े मामलों में ‘फेसलेस आकलन’ की व्यवस्था का उल्लेख किया।



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