तोमर ने छोटे किसानों से कहा, वे कुपोषण से निपटने के लिए अधिक मात्रा में मोटा अनाज उगाएं

Edited By PTI News Agency,Updated: 02 Mar, 2023 08:48 PM

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नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को छोटे और सीमांत किसानों से अधिक मात्रा में मोटा अनाज उगाने का आग्रह किया जिससे भारत और दुनिया में कुपोषण को दूर करने में मदद मिल सकती है।

नयी दिल्ली, दो मार्च (भाषा) कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बृहस्पतिवार को छोटे और सीमांत किसानों से अधिक मात्रा में मोटा अनाज उगाने का आग्रह किया जिससे भारत और दुनिया में कुपोषण को दूर करने में मदद मिल सकती है।
रागी और ज्वार जैसे मोटे अनाज, कम पानी में उगाए जाते हैं लेकिन इनमें अधिक पोषक तत्व होते हैं। हालांकि, इन चमत्कारी अनाजों को यह सोचकर लोग नहीं खाते थे कि यह गरीब आदमी का भोजन है।

राष्ट्रीय राजधानी के पूसा परिसर में यहां वार्षिक 'कृषि विज्ञान मेला' के उद्घाटन भाषण में तोमर ने कहा कि मोटा अनाज, छोटे और सीमांत किसानों द्वारा उगाया जाता है, न कि बड़े किसानों द्वारा।

उन्होंने कहा कि कुपोषण की समस्या और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों के बीच, भारत ने अग्रणी भूमिका निभाई और वर्तमान वर्ष को दुनिया भर में मोटा अनाज के अंतर्राष्ट्रीय वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है।

तोमर के अनुसार, मोटा अनाज न केवल पोषण के मामले में समृद्ध हैं, बल्कि किसानों को अच्छी कीमत भी दिलाते हैं, और ऐसा करना छोटे और सीमांत किसानों के लिए अच्छा ही होगा, जो भारत में कुल कृषक समुदाय का 80 प्रतिशत हिस्सा हैं।

तोमर ने कहा, ‘‘हम अच्छा खा रहे हैं, लेकिन पोषण से भरपूर भोजन नहीं कर रहे हैं... न केवल भारत में, बल्कि दुनिया के कई हिस्सों में कुपोषण की समस्या है। हम अधिक मोटे अनाज उगाकर कुपोषण की समस्या का समाधान कर सकते हैं।’’
भारत एक प्रमुख मोटा अनाज उत्पादक देश है। उन्होंने कहा कि यदि मोटा अनाज और मोटा अनाज आधारित उत्पादों के लिए भारी मांग सृजित की जाती है, तो छोटे और सीमांत किसानों की आय बढ़ाई जा सकती है। उन्होंने कहा कि सरकार मोटे अनाज के लिए बाजार बनाने और मूल्यवर्धन को प्रोत्साहित करने के लिए प्रयास कर रही है।

उन्होंने कहा कि 'गरीब आदमी के भोजन' से परे उन्हें ब्रांड करने के लिए, सरकार ने आठ प्रकार के मोटे अनाज को ‘श्री अन्न’ के रूप में नामित करने का एक सतर्क निर्णय लिया, जो गेहूं और चावल की तुलना में बेहतर पोषण दे सकते हैं।

भारतीय मोटे अनाज के निर्यात के लिए, मंत्री ने कहा कि सरकार की 16 अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रदर्शनी और क्रेता-विक्रेता सम्मेलन (बीएसएम) में निर्यातकों, किसानों और व्यापारियों की भागीदारी को सुविधाजनक बनाने की योजना है।
तोमर ने यह भी कहा कि जलवायु परिवर्तन और बढ़ती आबादी सभी देशों के सामने एक चुनौती है।

भारतीय वैज्ञानिकों ने जलवायु अनुकूल बीज किस्मों का विकास किया है। फिर भी, जलवायु परिवर्तन का असर रहेगा और किसानों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए इन चुनौतियों को स्वीकार करते हुए काम करना जारी रखना होगा।

इस वर्ष 'कृषि विज्ञान मेले' में 200 से अधिक स्टॉल लगाए गए हैं।

इस अवसर पर कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी, आईसीएआर के महानिदेशक हिमांशु पाठक और आईएआरआई के निदेशक ए के सिंह उपस्थित थे।


यह आर्टिकल पंजाब केसरी टीम द्वारा संपादित नहीं है, इसे एजेंसी फीड से ऑटो-अपलोड किया गया है।

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