कलियुग की आखिरी रात कैसी होगी? विष्णु पुराण की भविष्यवाणी जानकर कांप उठेगी रूह

Edited By Updated: 17 Apr, 2025 12:03 PM

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दुनिया जिस दौर से गुजर रही है उसे देखकर लोग अक्सर कहते हैं, "घोर कलियुग चल रहा है"। जब चारों तरफ अन्याय, अपराध और पाप बढ़ जाएं तो मन में यही सवाल उठता है कि क्या यही कलियुग का अंतिम समय है?

नेशनल डेस्क: दुनिया जिस दौर से गुजर रही है उसे देखकर लोग अक्सर कहते हैं, "घोर कलियुग चल रहा है"। जब चारों तरफ अन्याय, अपराध और पाप बढ़ जाएं तो मन में यही सवाल उठता है कि क्या यही कलियुग का अंतिम समय है? ऐसे में विष्णु पुराण की वह भविष्यवाणी फिर याद आती है, जिसमें कलियुग की आखिरी रात का वर्णन किया गया है। यह रात सिर्फ एक रात नहीं बल्कि एक भयानक कालखंड की शुरुआत होगी।

हर दिन से डरावनी होगी कलियुग की आखिरी रात
विष्णु पुराण में बताया गया है कि जैसे-जैसे कलियुग अपने अंतिम चरण में पहुंचेगा, रातें और भी अंधकारमयी होती जाएंगी। लोग सच को नकारेंगे, झूठ को अपना लेंगे। जो चीज़ें आँखों के सामने होंगी उन्हें भी गलत ठहरा दिया जाएगा। लेकिन जब आएगी कलियुग की अंतिम रात, तो यह अब तक की सभी रातों से लंबी, भयावह और बेचैनी से भरी होगी। इस रात की गहराई में हर तरफ विनाश के संकेत नजर आएंगे और लोग सूरज के उगने का बेसब्री से इंतजार करेंगे जो शायद कभी नहीं होगा।

प्रकृति का रौद्र रूप मचाएगा तबाही
कलियुग की अंतिम रात में प्रकृति अपनी सारी सीमाएं तोड़ देगी। आंधी, तूफान और मूसलाधार बारिश से पूरी पृथ्वी कांप उठेगी। चारों ओर जल ही जल दिखाई देगा। यह बारिश कुछ घंटों की नहीं बल्कि कई दिनों तक बिना रुके चलती रहेगी। तेज हवाओं के साथ बिजली कड़कती रहेगी और लोग इस प्राकृतिक तबाही से भागने में असमर्थ होंगे। विष्णु पुराण के अनुसार यह वो समय होगा जब प्रकृति इंसानों की करतूतों का हिसाब चुकता करेगी।

बीमारियों से जूझते, कमजोर और असहाय होंगे लोग
इस विनाशकारी रात में इंसान शारीरिक और मानसिक रूप से इतने कमजोर हो चुके होंगे कि भागना तो दूर, खड़े होना भी मुश्किल हो जाएगा। थोड़ी सी कठिन बात भी उन्हें मानसिक रूप से अस्थिर कर देगी। बीमारी और दुर्बलता हर घर में दस्तक देगी और इंसानों के चेहरे पर सिर्फ डर और थकावट नजर आएगी।

अन्न की भारी किल्लत—भूख से व्याकुल होंगे लोग
तेज बारिश और आपदाओं के कारण खेत बर्बाद हो जाएंगे, गोदाम बह जाएंगे और जो थोड़ा बहुत अन्न बचेगा वह खाने लायक नहीं रहेगा। भूख से लोगों की सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाएगी। एक दूसरे पर हमला करने की घटनाएं बढ़ेंगी और क्रोध, डर तथा नफरत हर दिल में घर कर लेगी। विष्णु पुराण के अनुसार, यह वो समय होगा जब इंसान अपनी इंसानियत खो बैठेंगे।

इस रात से होगी एक युग का अंत और नए युग की शुरुआत
विष्णु पुराण में स्पष्ट रूप से लिखा है कि कलियुग की आखिरी रात के बाद एक नई शुरुआत होगी। यह भयानक रात धरती से सारे दोष, पाप और अधर्म को साफ कर देगी। इसके बाद एक नया युग—सत्ययुग—का आरंभ होगा। लेकिन उस सत्ययुग को देखने के लिए बहुत कम लोग बचेंगे। कलियुग की आखिरी रात एक चेतावनी है कि अगर इंसान अपने कर्म नहीं बदलते, तो प्रकृति उसे खुद साफ कर देगी।

कलियुग का अंत है चेतावनी, ना कि केवल भविष्यवाणी
विष्णु पुराण की इस भविष्यवाणी को केवल एक धार्मिक कथन मानकर अनदेखा करना गलत होगा। यह इंसान के लिए एक चेतावनी है कि समय रहते अगर हम अपने कर्म नहीं सुधारते, प्रकृति के साथ खिलवाड़ बंद नहीं करते और इंसानियत को फिर से जीवित नहीं करते, तो वो दिन दूर नहीं जब हम उस रात का हिस्सा बन जाएंगे जहां न सूरज उगेगा, न उम्मीद।

 

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