EPFO के 5 बड़े बदलाव, हर नौकरीपेशा को जानना जरूरी

Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 May, 2025 01:01 PM

5 big changes in epfo every employed person should know

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वर्ष 2025 की शुरुआत से अपने सदस्यों के हित में कई अहम बदलाव किए हैं। इनका उद्देश्य प्रक्रियाओं को अधिक डिजिटल, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है। ये परिवर्तन कर्मचारियों की बचत, पेंशन और खातों के प्रबंधन को...

बिजनेस डेस्कः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) ने वर्ष 2025 की शुरुआत से अपने सदस्यों के हित में कई अहम बदलाव किए हैं। इनका उद्देश्य प्रक्रियाओं को अधिक डिजिटल, पारदर्शी और उपयोगकर्ता-अनुकूल बनाना है। ये परिवर्तन कर्मचारियों की बचत, पेंशन और खातों के प्रबंधन को बेहतर बनाने में सहायक होंगे।

1. प्रोफाइल अपडेट अब डॉक्यूमेंट के बिना

EPFO ने प्रोफाइल अपडेट की प्रक्रिया को आसान बना दिया है। अब यदि आपका UAN आधार से जुड़ा हुआ है, तो आप नाम, जन्मतिथि, लिंग, वैवाहिक स्थिति, माता-पिता का नाम जैसी जानकारियां ऑनलाइन बिना दस्तावेज अपलोड किए अपडेट कर सकते हैं। हालांकि, 1 अक्टूबर 2017 से पहले बनाए गए UAN के लिए कुछ मामलों में नियोक्ता की मंजूरी जरूरी हो सकती है।

2. पीएफ ट्रांसफर हुआ ऑटोमैटिक

EPFO ने 15 जनवरी 2025 से PF ट्रांसफर प्रक्रिया को सरल कर दिया है। अब नौकरी बदलने पर PF ट्रांसफर के लिए पुरानी या नई कंपनी की मंजूरी जरूरी नहीं होगी, यदि आपका UAN आधार से लिंक है और विवरण मेल खाते हैं। इससे कर्मचारियों को बिना किसी बाधा के PF में निरंतरता बनी रहेगी।

3. सेंट्रलाइज्ड पेंशन पेमेंट सिस्टम (CPPS)

री 2025 से लागू CPPS के तहत अब पेंशन सीधे राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) प्लेटफॉर्म के माध्यम से किसी भी बैंक खाते में भेजी जाएगी। पेंशन भुगतान की प्रक्रिया अब एक क्षेत्रीय कार्यालय से दूसरे कार्यालय में PPO ट्रांसफर की बाध्यता से मुक्त हो गई है। साथ ही PPO को UAN से लिंक करना अब अनिवार्य होगा, जिससे डिजिटल जीवन प्रमाणपत्र जमा करना भी सुगम होगा।

4. हायर सैलरी पर पेंशन के लिए एक समान नियम

उच्च वेतन पर पेंशन चाहने वाले कर्मचारियों के लिए EPFO ने अब नियम स्पष्ट कर दिए हैं। यदि कर्मचारी सैलरी लिमिट से अधिक कमाते हैं और अतिरिक्त योगदान करते हैं, तो वे ऊंचे वेतन के आधार पर पेंशन के पात्र होंगे। निजी ट्रस्ट संचालित कंपनियों को भी अब इन नियमों का पालन करना होगा।

5. जॉइंट डिक्लेरेशन (JD) प्रक्रिया में सरलता

16 जनवरी 2025 से, EPFO ने जॉइंट डिक्लेरेशन की प्रक्रिया को भी सरल कर दिया है। गलत या अधूरी जानकारी अब तेजी से और पारदर्शी तरीके से सही की जा सकेगी, जिससे दावों की मंजूरी की प्रक्रिया भी तेज होगी।
 

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