Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Jun, 2025 05:25 PM

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘मेकिंग अमेरिका ग्रेट अगेन’ नीति का असर अब आम उपभोक्ताओं की जेब पर दिखने वाला है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2025 से अमेरिका में 30 अरब डॉलर के ऑटो टैरिफ लागू किए जाएंगे, जिससे कारों की कीमतें औसतन...
बिजनेस डेस्कः अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ‘मेकिंग अमेरिका ग्रेट अगेन’ नीति का असर अब आम उपभोक्ताओं की जेब पर दिखने वाला है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 2025 से अमेरिका में 30 अरब डॉलर के ऑटो टैरिफ लागू किए जाएंगे, जिससे कारों की कीमतें औसतन 2,000 डॉलर (करीब ₹1.74 लाख) तक बढ़ सकती हैं। इससे अमेरिका में कारों की कीमतें और भी बढ़ जाएंगी। जानकारों के मुताबिक यह बढ़ी हुई कीमत का बड़ा हिस्सा कार खरीदने वाले को ही चुकाना होगा।
ग्राहकों पर सीधा असर
कंसल्टिंग फर्म AlixPartners का अनुमान है कि कार कंपनियां इस टैरिफ का 80% बोझ सीधे ग्राहकों पर डालेंगी, जिससे एक कार की कीमत औसतन $1,760 ज्यादा हो जाएगी। इससे अगले तीन वर्षों में अमेरिका में वाहन बिक्री 10 लाख यूनिट तक घट सकती है।
हालांकि फर्म को उम्मीद है कि 2030 तक बिक्री बढ़कर 1.7 करोड़ यूनिट सालाना तक पहुंच सकती है, क्योंकि तब तक टैरिफ का असर कुछ हद तक कम हो जाएगा।
कार कंपनियों को भी लगेगा झटका
- जनरल मोटर्स (GM) को टैरिफ से $5 अरब के नुकसान का अनुमान
- फोर्ड मोटर्स को $2.5 अरब के नुकसान की आशंका
दोनों कंपनियां कीमतों में बदलाव और आपूर्ति श्रृंखला रणनीतियों के ज़रिए इस प्रभाव को सीमित करने की योजना पर काम कर रही हैं।
गिर सकता है टैरिफ
एलिक्स पार्टनर्स का अनुमान दूसरों से कम गंभीर है। ऐसा इसलिए क्योंकि उनका मानना है कि व्यापार वार्ता में प्रगति होने के साथ-साथ टैरिफ समय के साथ कम हो जाएंगे। आयातित कारों पर मौजूदा 25 प्रतिशत टैरिफ पूरी तरह से असेंबल किए गए वाहनों पर 7.5 प्रतिशत और पार्ट्स पर 5 प्रतिशत तक गिर सकता है। अमेरिका-मेक्सिको-कनाडा समझौते (USMCA) के तहत आने वाले वाहनों के लिए दरें और भी कम हो सकती हैं।