कच्चे तेल में दो साल की सबसे लंबी गिरावट, बाजार की नजर OPEC+ फैसले पर

Edited By Updated: 28 Nov, 2025 01:31 PM

crude oil prices fall to their longest in two years with the market eyeing the

कच्चे तेल की कीमतें पिछले चार महीनों से लगातार गिर रही हैं और दो से अधिक वर्षों में सबसे लंबी मासिक कमजोरी की ओर बढ़ रही हैं। बाजार की नजरें अब सप्ताहांत होने वाली OPEC+ बैठक और यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका की अगुवाई वाली कूटनीतिक कोशिशों...

बिजनेस डेस्कः कच्चे तेल की कीमतें पिछले चार महीनों से लगातार गिर रही हैं और दो से अधिक वर्षों में सबसे लंबी मासिक कमजोरी की ओर बढ़ रही हैं। बाजार की नजरें अब सप्ताहांत होने वाली OPEC+ बैठक और यूक्रेन युद्ध खत्म करने के लिए अमेरिका की अगुवाई वाली कूटनीतिक कोशिशों पर टिकी हैं।

WTI क्रूड गुरुवार को थैंक्सगिविंग से पहले करीब 59 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार करता नजर आया, जो पिछले सत्र से मामूली बढ़त में रहा। वहीं ब्रेंट क्रूड 63 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर स्थिर रहा। नवंबर में यह लगातार चौथा महीना है जब अमेरिकी बेंचमार्क में गिरावट दर्ज हुई है—2023 की पहली तिमाही के बाद यह सबसे लंबी कमजोरी है।

OPEC+ उत्पादन बढ़ोतरी रोकने पर कायम रहने की उम्मीद

रविवार को होने वाली वर्चुअल बैठक में उम्मीद है कि OPEC+ 2026 की शुरुआत तक उत्पादन बढ़ोतरी रोकने की मौजूदा नीति पर टिके रहने का फैसला करेगा। इसके बाद बैठक का मुख्य फोकस सदस्य देशों की दीर्घकालिक उत्पादन क्षमता की समीक्षा पर रह सकता है।

18% टूट चुका है अमेरिकी तेल

इस साल अमेरिकी क्रूड में अब तक 18% की गिरावट आ चुकी है। OPEC+ की उत्पादन बहाली और गठबंधन से बाहर देशों द्वारा बढ़ती सप्लाई ने बाजार में संभावित ओवर-सप्लाई की आशंकाओं को मजबूत किया है। जेपी मॉर्गन के मुताबिक, बाजार को 2026 में रोज़ाना 28 लाख बैरल और 2027 में 27 लाख बैरल की अतिरिक्त आपूर्ति का सामना करना पड़ सकता है।

यूक्रेन-रूस वार्ता की उम्मीदें बढ़ीं

यूक्रेन संघर्ष को लेकर रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का शांति प्रस्ताव भविष्य की वार्ताओं का आधार हो सकता है। अगले सप्ताह अमेरिकी राष्ट्रपति के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ के मॉस्को पहुंचने की संभावना है।

तेल मार्केट पर बड़ा प्रभाव संभव

यदि यूक्रेन युद्ध में समाधान निकलता है, तो वैश्विक तेल बाजार पर इसका बड़ा असर पड़ेगा। रूस दुनिया के प्रमुख तेल उत्पादकों में से एक है और फिलहाल पश्चिमी प्रतिबंधों के कारण उसकी सप्लाई सीमित है। किसी भी समझौते के बाद इन प्रतिबंधों में नरमी आने से रूस की सप्लाई फिर से भारत, चीन और तुर्की जैसे बड़े खरीदार देशों के लिए खुल सकती है, जो बाजार की दिशा को काफी बदल सकता है।
 

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!