Edited By jyoti choudhary,Updated: 06 Nov, 2020 12:54 PM
कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में आने वाली संगठित क्षेत्र की कंपनियों को अपने कर्मचारी को EPF का लाभ उपलब्ध कराना होता है। ईपीएफ में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है।
बिजनेस डेस्कः कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) के दायरे में आने वाली संगठित क्षेत्र की कंपनियों को अपने कर्मचारी को EPF का लाभ उपलब्ध कराना होता है। ईपीएफ में एंप्लॉयर व इंप्लॉई दोनों की ओर से योगदान कर्मचारी की बेसिक सैलरी+DA का 12-12 फीसदी है। कंपनी के 12 फीसदी योगदान में से 8.33 फीसदी इंप्लॉई पेंशन स्कीम EPS में जाता है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, EPFO से पेंशनर्स को दिवाली पर बढ़ी हुए पेंशन का तोहफा मिल सकता है। सूत्रों के मुताबिक वित्त मंत्रालय श्रम मंत्रालय के मिनिमम पेंशन में बढ़ाने के प्रस्ताव पर सहमत हो गया है। श्रम मंत्रालय के प्रस्ताव पर सहमति के चलते मिनमम पेंशन दोगुना करने घोषणा जल्द हो सकती है।
डबल हो सकती है पेंशन
सूत्रों के मुताबिक मिनिमम पेंशन 1000 रुपए से बढ़कर 2,000 रुपए हो सकती है। इस पर सेंट्रल बोर्ड ऑफ ट्रस्टीज (CBT-Central Board of Trustees) से 2019 में मंजूरी मिली थी। अब CBT की मिनिमम पेंशन 2,000-3,000 रुपए करने की मांग है। पेंशन दोगुना करने पर सरकार पर 2000-2500 करोड़ का बोझ आएगा। इस बढ़ोतरी से करीब 60 लाख पेंशनर्स को फायदा होगा।
आपको बता दें कि प्राइवेट सेक्टर के संगठित क्षेत्र में काम करने वाले कर्मचारियों को भी रिटायरमेंट के बाद मासिक पेंशन का लाभ मिल सके, इसके लिए इंप्लॉई पेंशन स्कीम, 1995 (EPS) की शुरुआत की गई। EPF स्कीम, 1952 के तहत एंप्लॉयर द्वारा कर्मचारी के EPF में किए जाने वाले 12 फीसदी कॉन्ट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी EPS में जाता है। 58 साल की उम्र के बाद कर्मचारी EPS के पैसे से मंथली पेंशन का लाभ पा सकता है।